मेघालय खदान: नौसेना के बाद राज्य सरकार ने मारे गए खनिकों को निकालने का अभियान बंद किया

मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा कि खनिकों के शव बुरी तरह क्षत-विक्षत न हो जाएं इसलिए अभियान रोका गया क्योंकि इसे जारी रखना नामुमकिन होता जा रहा है.

मेघालय कोयला खदान. (फोटो पीटीआई)

मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा कि खनिकों के शव बुरी तरह क्षत-विक्षत न हो जाएं इसलिए अभियान रोका गया क्योंकि इसे जारी रखना नामुमकिन होता जा रहा है.

मेघालय कोयला खदान (फोटो पीटीआई)
मेघालय कोयला खदान (फोटो: पीटीआई)

शिलांग: मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने सोमवार को 370 फुट गहरे एक कोयला खदान के भीतर फंसकर दम तोड़ चुके खनिकों के शव को बाहर निकालने के अभियान को रोक दिया.

खनिकों के शवों को बुरी तरह क्षत-विक्षत होने से रोकने की खातिर अभियान रोका गया. राज्य सरकार ने यह आदेश तब दिया जब एक दिन पहले ही नौसेना ने खनिकों के शव निकालने का अभियान रोक दिया था.

मालूम हो कि बीते 13 दिसंबर से ही 15 खनिक इस अवैध खदान में फंसे थे. संगमा ने यहां एक कार्यक्रम के इतर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मेघालय सरकार ने खनिकों के शव बाहर निकालने के अभियान को रोकने का आदेश दिया है, क्योंकि यह असंभव काम होता जा रहा है.

उन्होंने कहा कि हम इसलिए अभियान रोक रहे हैं क्योंकि इससे काम होता नहीं लग रहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने मेडिकल विभाग, नौसेना, प्रशासन और फॉरेंसिक विभाग से उनकी सलाह और टिप्पणी मांगी है.

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार नौसेना और एनडीआरएफ सहित कई अन्य एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे बचाव अभियान बंद कर देगी, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में काम कर रहे विभिन्न संगठनों के विशेषज्ञों से राय ले रही है और एक बार उनसे रिपोर्ट मिल जाने पर यह तय करना उचित रहेगा कि आगे कैसे बढ़ा जाए.

दूसरी तरफ अभियान के प्रवक्ता आर सुसंगी ने जानकारी दी कि जिला अधिकारी उन सात खनिकों के परिवारों का इंतज़ार कर रही है, जो पश्चिम गारो हिल्स जिले में राजाबाला इलाके के रहने वाले हैं. उनका इंतज़ार किया जा रहा है, ताकि वो खनिक की पहचान कर सकें.

सुसंगी ने बताया कि अभी खनिकों का परिवार मौके पर नहीं पहुंचा है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि वे इस सप्ताह कभी भी पहुंचेगा.

उन्होंने कहा कि नौसेना द्वारा सरकार के अगले आदेश तक आरओवी अभियान को निलंबित कर दिया गया था. इस बीच आस-पास के खाली पड़े खदानों में से पानी बाहर निकाला जा रहा है.

कोल इंडिया लिमिटेड, केएसबी और ओडिशा फायर सर्विस सहित तीन एजेंसियों ने संयुक्त रूप से पिछले 12 घंटों में 81 लाख लीटर पानी को बाहर निकाला है.

मेघालय के लुमथरी खदान में 13 दिसंबर से 15 मजदूर फंसे हुए थे. सुप्रीम कोर्ट ने मज़दूरों को बाहर निकालने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा था.

गौरतलब है कि मेघालय के पूर्वी जयंतिया पर्वतीय जिले में पहाड़ के ऊपर स्थित लुमथरी के रैट होल खदान में 13 दिसंबर से 15 मजदूर फंसे हुए थे. वहां अवैध रूप से कोयले का खनन किया जा रहा था.

खदान में पास की लितेन नदी का पानी भर गया था, जिसकी वजह से खदान में काम कर रहे मजदूर अंदर ही फंस गए. रैट होल खदान (चूहों के बिल जैसे भूलभुलैया) में संकरी सुरंगें खोदी जाती हैं, जिसके भीतर मजदूर जाते हैं और कोयला निकाल कर लाते हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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