सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर को सीबीआई के समक्ष पेश होने को कहा, गिरफ्तारी पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को शिलॉन्ग में सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया. पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव, डीजीपी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर से 18 फरवरी तक मांगा जवाब. 20 फरवरी को होगी अगली सुनवाई.

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Kolkata: Kolkata Police Commissioner Rajeev Kumar at out side his residence, after CBI offcials were detained by Kolkata police those came to questioning him in connection with the Saradha ponzi scam, in Kolkata, Sunday late evening, Feb 03, 2019. (PTI Photo/Swapan Mahapatra) (PTI2_3_2019_000236B)
राजीव कुमार (फोटो: पीटीआई)

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को शिलॉन्ग में सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया. पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव, डीजीपी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर से 18 फरवरी तक मांगा जवाब. 20 फरवरी को होगी अगली सुनवाई.

Kolkata: Kolkata Police Commissioner Rajeev Kumar at out side his residence, after CBI offcials were detained by Kolkata police those came to questioning him in connection with the Saradha ponzi scam, in Kolkata, Sunday late evening, Feb 03, 2019. (PTI Photo/Swapan Mahapatra) (PTI2_3_2019_000236B)
कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार, कोलकाता पुलिस और सीबीआई के बीच मची खींचतान से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ्तारी सहित उनके खिलाफ कोई भी कदम उठाने से सीबीआई पर रोक लगा दी.

हालांकि शीर्ष अदालत ने राजीव कुमार को आदेश दिया कि वे शारदा चिट फंड घोटाला मामले में जांच के लिए सीबीआई के सामने पेश हों. अदालत ने आदेश दिया कि सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से एक तटस्थ स्थान शिलॉन्ग (मेघालय) में पूछताछ करेगी.

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश होते हुए डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम राज्य सरकार को अपमानित और प्रताड़ित करने के लिए है. उन्होंने कहा, ‘सीबीआई को सबसे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट जाना चाहिए था.’

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए ममता बनर्जी ने इसे नैतिक जीत बताया है. सीबीआई कार्रवाई को लेकर कोलकाता में धरने पर बैठीं ममता ने कहा कि इससे साबित होता है कि उन्होंने जो कदम उठाया वह सही थी.

उन्होंने कहा, ‘मैं राजीव कुमार के लिए अपनी मांग नहीं रख रही हूं, मैं देश के लाखों लोगों के लिए मांग कर रही हूं. यह बंगाल के लोगों की जीत है. यह हमारे देश को बचाने के अभियान की जीत है. यह हमारी सेनाओं, हमारे लोकतंत्र और हमारे संविधान की जीत है. यह विपक्ष की जीत है.’

ममता ने कहा, ‘राज्य सरकार सहयोग के लिए तैयार है. हम लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं कि कुमार से किसी तटस्थ स्थान पर पूछताछ की जाए. राजीव कुमार ने कभी नहीं कहा कि वह उपलब्ध नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वह किसी तटस्थ स्थान पर मिलना चाहते हैं. यदि आपको कुछ पूछना है तो आइए हम मिलकर बातचीत करते हैं. लेकिन सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है.’

मुख्यमंत्री ने अपने धरना मंच से कहा, ‘रविवार को बिना किसी पूर्व सूचना के एक खुफिया अभियान पर वे कुमार के घर चले गए. अब एक फैसला हमारे पक्ष में आया है और हम इसका स्वागत करते हैं. यह जन आंदोलन है, टीएमसी आंदोलन नहीं.’

बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गई हैं कि वह विपक्षी पार्टियों को परेशान करने के लिए सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है.

बीते तीन फरवरी की शाम को कोलकाता में तब नाटकीय घटनाक्रम हुआ जब सीबीआई के 40 अधिकारियों की एक टीम चिट फंड घोटाला मामले में सबूतों को नष्ट करने के आरोप में शहर के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की भूमिका की जांच के लिए पहुंची थी.

इसके जवाब में कोलकाता पुलिस ने पांच सीबीआई अधिकारियों को यह जानने के लिए हिरासत में ले लिया कि उनके पास पुलिस कमिश्नर से पूछताछ करने के लिए आवश्यक मंजूरी है या नहीं. तभी से, आरोपों-प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी है. सीबीआई पर पश्चिम बंगाल सरकार को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए कई विपक्षी दलों ने ममता बनर्जी का समर्थन किया है.