नरेंद्र मोदी द्वारा की गई रफाल डील यूपीए वाली डील से बेहतर नहीं है: रिपोर्ट

रफाल को लेकर मोदी सरकार का दावा है कि नई डील यूपीए सरकार से बेहतर है और इसकी वजह से भारत को विमान जल्दी मिल जाएंगे. हालांकि रक्षा मंत्रालय के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने सरकार के इन दावों पर सहमति नहीं जताई थी.

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The Prime Minister, Shri Narendra Modi and the President of France, Mr. Francois Hollande, travel on Delhi metro on way to Gurgaon on January 25, 2016.

रफाल को लेकर मोदी सरकार का दावा है कि नई डील यूपीए सरकार से बेहतर है और इसकी वजह से भारत को विमान जल्दी मिल जाएंगे. हालांकि रक्षा मंत्रालय के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने सरकार के इन दावों पर सहमति नहीं जताई थी.

The Prime Minister, Shri Narendra Modi and the President of France, Mr. Francois Hollande, travel on Delhi metro on way to Gurgaon on January 25, 2016.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ नए रफाल सौदे की घोषणा की थी. (फोटो: पीआईबी)

नई दिल्ली: रफाल डील को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को ये दावा रहा है कि फ्रांस के साथ हस्ताक्षरित नया सौदा कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार से बेहतर है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए नए सौदे की वजह से भारत को रफाल लड़ाकू विमान जल्दी मिल जाएंगे.

हालांकि द हिंदू द्वारा किए गए नए खुलासे से पता चला है कि सात सदस्यीय भारतीय वार्ता दल (आईएनटी) में शामिल रक्षा मंत्रालय के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने सरकार के इन दावों पर सहमति नहीं जताई थी.

द हिंदू कि रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय लागत लेखा सेवा के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी, सलाहकार (लागत), एमपी सिंह, वित्तीय प्रबंधक (वायु) एआए सुले, संयुक्त सचिव और अधिग्रहण प्रबंधक (वायु) राजीव वर्मा ने एक विरोध पत्र (डिसेंट नोट) दिया था, जिसमें इन अधिकारियों ने नई डील को यूपीए सरकार द्वारा की गई डील से बेहतर बताने और रफाल विमानों को जल्दी मुहैया कराने के दावों पर आपत्ति जताई थी.

इस आठ पेज के विरोध पत्र (डिसेंट नोट) को फ्रांसीसी टीम के साथ बातचीत पूरी होने के तीन महीने बाद और 23 सितंबर, 2016 को अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने से तीन महीने पहले लिखा गया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘नए रफाल सौदे की लगभग 62 हजार 976 करोड़ रुपये (7.87 बिलियन यूरो) लागत पर टिप्पणी करते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि ‘फ्रांसीसी सरकार द्वारा दी गई कीमत तर्कसंगत नहीं है. यहां तक कि फ्रांसीसी सरकार द्वारा दी जाने वाली अंतिम कीमत को एमएमआरसीए (मध्यम बहु-भूमिका लड़ाकू विमान) की ऑफर की तुलना में ‘बेहतर शर्तों’ के रूप में नहीं माना जा सकता है और इसलिए ये संयुक्त वक्तव्य की आवश्यकता को पूरा नहीं करता है.’

द हिंदू ने आगे लिखा, ‘उन्होंने यह भी निष्कर्ष निकाला कि नए सौदे में 36 फ्लाईवे रफाल विमानों में से पहले 18 की डिलीवरी का समय मूल खरीद प्रक्रिया में 18 फ्लाईवे एयरक्राफ्ट के लिए दिए गए प्रस्ताव की तुलना में धीमा है.’

कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है. इस खबर के हवाले से उन्होंने कहा कि सरकार के वे तर्क अब धवस्त हो गए हैं जिसे उन्होंने संसद और सुप्रीम कोर्ट में कहा था.

कांग्रेस नेता ने अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार पर 36 रफाल विमान अधिक कीमत पर खरीदने का आरोप लगाया है. अनिल अंबानी की रक्षा कंपनी को रफाल का निर्माण करने वाली फ्रांस की कंपनी दासो के लिए ऑफसेट पार्टनर चुना गया है. अनिल अंबानी, दासो और सरकार ने आरोपों से इनकार किया है.

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