पुलवामा हमले में पुख़्ता सबूत देने पर कार्रवाई करेंगे, हमला करने पर जवाब देंगे: इमरान ख़ान

राष्ट्र के नाम पैगाम में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक वीडियो संदेश में कश्मीर में गुरुवार हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के भारत के आरोपों पर प्रतिक्रिया की.

Islamabad : In this photo provided by the office of Pakistan Tehreek-e-Insaf party, Pakistani politician Imran Khan, chief of Pakistan Tehreek-e-Insaf party, delivers his address in Islamabad, Pakistan, Thursday, July 26, 2018. Khan declared victory Thursday for his party in the country's general elections, promising a "new" Pakistan following a vote that was marred by allegations of fraud and militant violence. AP/PTI(AP7_26_2018_000266B)
Islamabad : In this photo provided by the office of Pakistan Tehreek-e-Insaf party, Pakistani politician Imran Khan, chief of Pakistan Tehreek-e-Insaf party, delivers his address in Islamabad, Pakistan, Thursday, July 26, 2018. Khan declared victory Thursday for his party in the country's general elections, promising a "new" Pakistan following a vote that was marred by allegations of fraud and militant violence. AP/PTI(AP7_26_2018_000266B)

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में बीते 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के भारत के आरोपों को ख़ारिज किया है.

Islamabad : In this photo provided by the office of Pakistan Tehreek-e-Insaf party, Pakistani politician Imran Khan, chief of Pakistan Tehreek-e-Insaf party, delivers his address in Islamabad, Pakistan, Thursday, July 26, 2018. Khan declared victory Thursday for his party in the country's general elections, promising a "new" Pakistan following a vote that was marred by allegations of fraud and militant violence. AP/PTI(AP7_26_2018_000266B)
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फोटो साभार: एपी/पीटीआई)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा आतंकवादी हमले में ‘कार्रवाई योग्य जानकारी’ साझा करने पर साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का मंगलवार को भारत को आश्वासन दिया. लेकिन साथ ही
उन्होंने आगाह किया कि उनके देश के खिलाफ कोई भी कार्रवाई किए जाने पर उसका जवाब दिया जाएगा.

राष्ट्र के नाम पैगाम में खान ने एक वीडियो संदेश में कश्मीर में गत गुरुवार हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के भारत के आरोपों पर प्रतिक्रिया की.

गौरतलब है कि पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा 14 फरवरी को किए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए.

खान ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में स्थिरता चाहता है और अगर भारत के पास सबूत या खुफिया जानकारी है तो वे हमें दें और हम कार्रवाई करेंगे.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें भारतीय मीडिया के मार्फत पाकिस्तान पर हमला करने की अपील किए जाने की जानकारी मिली है. उन्होंने आगाह किया, ‘अगर भारत ने हमला किया, हम सोचेंगे नहीं, उसका जवाब देंगे.’

उन्होंने कहा, ‘युद्ध शुरू करना आसान है लेकिन खत्म करना मुश्किल.’ खान ने कहा, ‘ मैं भारत से पूछना चाहता हूं कि क्या वह अतीत में जीना चाहता है?’

उन्होंने कहा, ‘यह हमारे हित में नहीं है कि कोई यहां से बाहर जाए और आतंक फैलाए या काई यहां आए और आतंक को अंजाम दे.’

इमरान ने कहा, ‘मेरा यह जवाब भारत सरकार के लिए है. जब सऊदी के प्रिंस हमारे देश के अमह दौरे पर थे तो भला पाकिस्तान ऐसा क्यों करेगा. जब भी कश्मीर में कोई घटना हो तो पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा देना कितना उचित है. पाकिस्तान को हर बार दूसरों की गलतियों का जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘पहले तो आपने बिना किसी सबूत के पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और आपने यह भी नहीं सोचा कि आखिर पाकिस्तान को इससे फायदा कैसे होगा? दूसरी बात जब भी हमने भारत को बातचीत का ऑफर दिया तब भारत ने हमेशा आतंकवाद पर बात करने की शर्त रख दी.

मैं आपसे कहना चाहता हूं कि हम आतंकवाद पर बातचीत के लिए तैयार हैं. आतंकवाद पूरे क्षेत्र की समस्या है और हम चाहते हैं यह खत्म हो.आतंकवाद से सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तान को हुआ है. 15 साल में 70 हजार पाकिस्तानी आतंक के कारण मारे गए हैं.’

उन्होंने कहा, ‘आखिर में मैं दो बातें कहना चाहूंगा कि भारत में नए सिरे से विचार होना चाहिए. आखिरी कश्मीरी युवा इस स्थिति में क्यों पहुंच गए हैं कि उन्हें मौत से डर नहीं लग रहा है. इसका कुछ तो कारण होना चाहिए. क्या आपको लगता है कि सेना के माध्यम से एक तरफा कार्रवाई इसका समाधान है? क्या आपको लगता है कि अगर यह अभी तक नहीं पाया है तो क्या भविष्य में संभव हो पाएगा?

उन्होंने कहा कि अगर 17 सालों बाद दुनिया को यह एहसास हो गया कि अफगानिस्तान में सेना से समाधान नहीं हो सकता है बल्कि उसके लिए बातचीत होनी चाहिए तो क्या भारत को इस पर नहीं सोचना चाहिए?

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र करे हस्तक्षेप: पाकिस्तान

इस्लामाबाद: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से अनुरोध किया है कि वह उसके और भारत के बीच तनाव कम करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करें और दोनों देश के बीच वार्ता कराने में मदद करें.

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को सोमवार को पत्र भेजकर दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में उनकी मदद मांगी.

उल्लेखनीय है कि कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले में सेना के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है.

इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. दोनों ने अपने-अपने उच्चायुक्तों को विचार विमर्श के लिए वापस बुला लिया है. भारत ने पाकिस्तान से सर्वाधिक तरजीही देश का दर्जा वापस लेने और पड़ोसी देश से आने वाले सामान पर सीमा शुल्क 200 प्रतिशत बढ़ाने की शुक्रवार को घोषणा की थी.

कुरैशी ने अपने पत्र में लिखा, ‘मैं पाकिस्तान के खिलाफ भारत के बल प्रयोग के खतरे के कारण हमारे क्षेत्र में खराब हो रहे सुरक्षा हालात की ओर आपका ध्यान आकर्षित करता हूं.’

भारत कश्मीर मामले पर किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को नकार चुका है और वह कहता आया है कि भारत एवं पाकिस्तान के संबंधों से जुड़े सभी मामलों को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाया जाना चाहिए. भारत ने पाकिस्तान से यह भी कहा है कि वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते.

कुरैशी ने अपने पत्र में कहा कि भारतीय सीआरपीएफ जवानों पर पुलवामा में हमला स्पष्ट तौर पर एक कश्मीर निवासी ने किया था. यहां तक कि भारत ने भी यही कहा है. उन्होंने कहा कि जांच से पहले ही इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराना बेतुकी बात है.

कुरैशी ने आरोप लगाया कि भारत ने घरेलू राजनीतिक कारणों से पाकिस्तान के खिलाफ अपनी शत्रुतापूर्ण बयानबाजी जानबूझकर बढ़ा दी है और तनावपूर्ण माहौल पैदा किया है. उन्होंने लिखा कि भारत ने यह भी संकेत दिया है कि वह सिंधु जल संधि से पीछे हट सकता है. कुरैशी ने जोर दिया कि यह एक ‘‘बड़ी भूल’’ होगी.

उन्होंने कहा, ‘तनाव कम करने के लिए कदम उठाना अनिवार्य है. तनाव कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को हस्तक्षेप करना चाहिए. भारत से आतंकवादी हमले की स्वतंत्र एवं विश्वसनीय जांच करने को कहा जाना चाहिए. आप भारत से तनाव को और बढ़ाने से बचने और हालात शांत करने की खातिर पाकिस्तान एवं कश्मीरियों से बातचीत करने को कह सकते हैं.’

विदेश मंत्री ने अनुरोध किया कि यह पत्र सुरक्षा परिषद और महासभा के सदस्यों के पास भी भेजा जाए. इस बीच, कुरैशी ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति चाहता है क्योंकि अशांति एवं अराजकता से किसी का हित नहीं होगी.
उन्होंने भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहैल महमूद से बात करते हुए यह कहा. महमूद ने उनसे इस्लामाबाद में बात की.

रेडियो पाकिस्तान ने बताया कि उन्होंने खासकर पुलवामा हमले के संबंध में पाकिस्तान पर भारत के आरोपों के मद्देनजर क्षेत्र में समग्र सुरक्षा हालात पर बातचीत की. उसने कुरैशी के हवाले से कहा, ‘हम पैदा हो रहे हालात की गंभीरता से समीक्षा कर रहे हैं और हमने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को पत्र लिखकर स्थिति की जानकारी दी है.’

पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर के मामले पर हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता रहा है.

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