संयुक्त सचिव स्तर पर लैटरल एंट्री: निजी क्षेत्र से मिले 6,000 आवेदन, 89 छांटे गए

कार्मिक मंत्रालय ने पिछले साल जून में लैटरल एंट्री तरीके से संयुक्त सचिव स्तर के पदों पर नियुक्ति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले निजी क्षेत्र के लोगों से आवेदन मांगे थे.

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The IAS Probationers calls on the Prime Minister, Shri Narendra Modi, in New Delhi on February 16, 2015. The Minister of State for Development of North Eastern Region (I/C), Prime Minister’s Office, Personnel, Public Grievances & Pensions, Department of Atomic Energy, Department of Space, Dr. Jitendra Singh is also seen.

कार्मिक मंत्रालय ने पिछले साल जून में लैटरल एंट्री तरीके से संयुक्त सचिव स्तर के पदों पर नियुक्ति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले निजी क्षेत्र के लोगों से आवेदन मांगे थे.

The IAS Probationers calls on the Prime Minister, Shri Narendra Modi, in New Delhi on February 16, 2015. The Minister of State for Development of North Eastern Region (I/C), Prime Minister’s Office, Personnel, Public Grievances & Pensions, Department of Atomic Energy, Department of Space, Dr. Jitendra Singh is also seen.
एक कार्यक्रम में प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो: पीआईबी)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के विभागों में संयुक्त सचिव स्तर के 10 पदों के लिए निजी क्षेत्र से 6,000 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 89 का नाम आगे के लिए छांटा गया है. इसका मतलब है कि 98.54 प्रतिशत आवेदन खारिज कर दिए गए.

कार्मिक मंत्रालय ने पिछले साल जून में ‘लैटरल एंट्री’ तरीके से संयुक्त सचिव स्तर के पदों पर नियुक्ति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले निजी क्षेत्र के लोगों से आवेदन मांगे थे.

ये आवेदन राजस्व, वित्तीय सेवा, आर्थिक मामले, कृषि एवं किसान कल्याण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, पोत परिवहन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, नागर विमानन और वाणिज्य विभाग में खाली पदों के लिए मंगाए गए हैं.

इन पदों के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 30 जुलाई थी. सरकार के विज्ञापन के जवाब में कुल 6,077 आवेदन मिले थे. कार्मिक मंत्रालय ने दिसंबर में फैसला किया था कि इन पदों पर उम्मीदवारों के चयन का काम संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) करेगा.

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यूपीएससी अधिकारियों, राजनयिकों और पुलिस अधिकारियों के चयन का काम करता है. इसके बाद यूपीएससी ने सभी आवदेनकर्ताओं से विस्तृत आवेदन फॉर्म (डीएएफ) जमा करने को कहा जिसमें अभ्यार्थियों की शैक्षणिक योग्यता और अनुभव का ब्योरा मांगा गया था.

अधिकारियों ने बताया कि 6,077 आवेदको में से 3,768 ने ही डीएएफ जमा कराया. इन 3,768 आवेदनों में से सबसे अधिक 641 आवेदन वित्तीय सेवा विभाग में संयुक्त सचिव पद के लिए मिले थे. इसके बाद 545 कृषि और किसान कल्याण, 405 पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन और 346 सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में नियुक्ति के लिए मिले.

वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव पद के लिए 341, राजस्व विभाग के लिए 299, विमानन के लिए 238, पोत परिवहन के लिए 201 और आर्थिक मामलों के विभाग में नियुक्ति के लिए 162 आवेदन मिले. इस आवेदनों की आगे जांच के बाद सिर्फ 89 उम्मीदवारों को छांटा गया है.

कार्मिक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में किए गए आवेदनों में 98.54 प्रतिशत खारिज कर दिए गए हैं. अधिकारियों ने कहा कि इन छांटे गए उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जा सकता है.

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बता दें कि जब संयुक्त सचिव स्तर पर नियुक्ति के लिए निजी क्षेत्र से आवेदन मंगाए गए थे तो मोदी सरकार की काफी आलोचना हुई थी. इसके तहत ऐसे लोगों को आवेदन करने योग्य माना गया है, जिन्होंने संघ लोकसेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा पास नहीं की.

विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस प्रस्ताव का विरोध शुरू करते हुए आरोप लगाया था कि अस्थायी प्रकृति की इस बहाली में आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया जाएगा तथा यह एक और संवैधानिक संस्था को बर्बाद करने की साजिश है.

प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. वीरप्पा मोइली कहा था कि यह संस्थाओं के भगवाकरण का वर्तमान सरकार का प्रयास है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)