देश के छह हवाई अड्डों का हुआ निजीकरण, अडाणी समूह को मिला ठेका

केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले साल नवंबर में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा परिचालित किए जाने वाले छह हवाई अड्डों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत चलाने की अनुमति दी थी.

गौतम अडानी. (फोटो: पीटीआई)

केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले साल नवंबर में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा परिचालित किए जाने वाले छह हवाई अड्डों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत चलाने की अनुमति दी थी.

गौतम अडाणी. (फोटो: पीटीआई)
गौतम अडाणी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत देश छह हवाई अड्डों के संचालन का ठेका अडाणी समूह को मिल गया है. समूह को यह ठेका 50 साल तक के लिए मिला है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी.

सरकार ने पिछले साल नवंबर में एएआई द्वारा परिचालित किए जाने वाले छह हवाई अड्डों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत चलाने की अनुमति दी थी. इसके लिए मंगाई गई बोलियां बीते 25 फरवरी को खोली गईं. सभी छह अहमदाबाद, तिरुवनंतपुरम, लखनऊ, मेंगलुरु, जयपुर और गुवाहाटी हवाई अड्डों के परिचालन के लिए अडाणी समूह ने सबसे ऊंची बोली लगाई.

एएआई ने विजेता का चुनाव ‘मासिक प्रति यात्री शुल्क’ के आधार पर किया है.

लाइव मिंट के अनुसार, एएआई द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि मंगलवार को जैसे ही गुजरात के लोकप्रिय गोपीनाथ बर्दोलई इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बोली लगनी शुरू की गई वैसे ही 160 रुपये ‘मासिक प्रति यात्री शुल्क’ की सबसे बड़ी बोली लगाने वाली गौतम अडाणी के नेतृत्व वाली अडाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड को उसके परिचालन का ठेका मिल गया.

इससे पहले सोमवार की इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गुवाहाटी हाईकोर्ट द्वारा गुवाहाटी हवाई अड्डे की निजीकरण प्रक्रिया पर लगाई गई रोक के कारण सोमवार उसकी बोली नहीं खोली जा सकी थी.

एक अधिकारी ने बताया कि अडाणी समूह ने जो बोलियां लगाईं वह अन्य बोली लगाने वालों की तुलना में अपेक्षाकृत काफी ज्यादा थीं. औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ये सभी ये छह हवाई अड्डे अडाणी समूह को सौंप दिए जाएंगे.

अडाणी समूह ने एक बयान में कहा, ‘हम इन हवाई अड्डों के लिए लगाई गई बोली को जीतने से खुश हैं. एएआई ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत इन हवाई अड्डों के रखरखाव के लिए दिसंबर में बोलियां आमंत्रित की थीं.’

कंपनी ने कहा कि इन हवाई अड्डों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वह यहां बुनियादी संरचनाओं का स्तर बढ़ाएगी.

एएआई ने बताया कि प्रति यात्री शुल्क के आधार पर अडाणी समूह ने अहमदाबाद के लिए 177 रुपये, जयपुर के लिए 174 रुपये, लखनऊ के लिए 171 रुपये, तिरुवनंतपुरम के लिए 168 रुपये, मेंगलुरु के लिए 115 रुपये और गुवाहाटी के लिए 160 रुपये की बोली लगाई. यह राशि अडाणी समूह इन हवाई अड्डों का परिचालन मिलने पर एएआई को देगा.

जीएमआर एयरपोर्ट्स लिमिटेड ने इनके लिए क्रमश: 85 रुपये, 69 रुपये, 63 रुपये, 63 रुपये और 18 रुपये की बोली लगाई थी. जीएमआर दिल्ली और हैदराबाद हवाई अड्डों का परिचालन करती है.

गुवाहाटी, अहमदाबाद और जयपुर के लिए दूसरी सबसे ऊंची बोली क्रमश: 155 रुपये, 146 रुपये और 155 रुपये राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष (एनआईआईएफ) और ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल ने संयुक्त तौर पर लगाई थी.

लखनऊ हवाई अड्डे के लिए दूसरी ऊंची बोली एएमपी कैपिटल ने 139 रुपये और तिरुवनंतपुरम के लिए केरल राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 135 रुपये की लगायी थी. मेंगलुरु हवाईअड्डे के लिए कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने 45 रुपये की दूसरी सबसे ऊंची बोली लगायी थी.

अभी इन हवाई अड्डों का प्रबंधन एएआई देखता है. इन छह हवाई अड्डों के परिचालन के लिए 10 कंपनियों ने तकनीकी तौर पर कुल 32 बोलियां लगाईं. अहमदाबाद और जयपुर हवाई अड्डे के लिए सात-सात, लखनऊ और गुवाहाटी के लिए छह-छह एवं मेंगलुरु और तिरुवनंतपुरम के लिए तीन-तीन बोलियां प्राप्त हुईं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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