हर किसी की जांच करिए चाहे वह वाड्रा हों या प्रधानमंत्री: राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि शीर्ष स्तर पर पर्याप्त संख्या में महिलाएं नहीं दिखतीं. हम संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित करेंगे और महिलाओं के लिए 33 फीसदी सरकारी नौकरियां आरक्षित करेंगे.

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2019 में तमिलनाडु के चेन्नई में स्टेला मेरिस कॉलेज की छात्राओं रूबरू होते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फोटो साभार: एएनआई)

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि शीर्ष स्तर पर पर्याप्त संख्या में महिलाएं नहीं दिखतीं. हम संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित करेंगे और महिलाओं के लिए 33 फीसदी सरकारी नौकरियां आरक्षित करेंगे.

तमिलनाडु के चेन्नई में स्टेला मेरिस कॉलेज की छात्राओं रूबरू होते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फोटो साभार: एएनआई)
तमिलनाडु के चेन्नई में स्टेला मेरिस कॉलेज की छात्राओं रूबरू होते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फोटो साभार: एएनआई)

चेन्नई: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को तमिलनाडु के चेन्नई में स्टेला मेरिस कॉलेज की छात्राओं से बात की. रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े एक सवाल के जवाब में गांधी ने कहा, ‘सरकार के पास प्रत्येक व्यक्ति की जांच का पूरा अधिकार है. कानून हर किसी पर लागू होना चाहिए न कि चुनिंदा लोगों पर.’

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री का नाम सरकारी दस्तावेजों पर है जो कहता है कि वे रफाल मामले में दासो के साथ समानांतर बातचीत कर रहे थे. हर किसी की जांच करिए चाहे वह वाड्रा हों या प्रधानमंत्री.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘आप में से कितने लोगों को मौका मिला कि उनसे पूछ सकें कि प्रधानमंत्री आप शिक्षा के बारे में क्या सोचते हैं? आप इसके बारे में क्या सोचते हैं? आप उसके बारे में क्या सोचते हैं? आखिर प्रधानमंत्री 3000 महिलाओं के सामने खड़ा होने और उनसे सवाल लेने की हिम्मत क्यों नहीं दिखाते हैं.’

गांधी ने कहा, ‘मौजूदा दौर में देश में एक वैचारिक लड़ाई चल रही है. यह साफ तौर पर दो विचारधाराओं में बंट गई है. एक विचारधारा एकजुट करने वाली है जो कहती है कि देश के लोगों को एक साथ रहना चाहिए और उस पर एक विचारधारा को थोपा नहीं जाना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘वहीं दूसरी विचारधारा का प्रतिनिधित्व मौजूदा सरकार और प्रधानमंत्री कर रहे हैं जहां वे विश्वास करते हैं कि हमारे देश पर एक विचारधारा को थोप दिया जाना चाहिए. समाज में महिलाओं की भूमिका के बारे में उनका एक खास नजरिया है.’

देश में शिक्षा और शोध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हम इस बात से सहमत हैं कि भारत में शिक्षा पर बेहद कम खर्च किया जा रहा है और हम इसे बढ़ाकर 6% पर लेकर आना चाहते हैं. मेरा मानना है कि हमारे सभी संस्थानों को विचारों की आज़ादी होनी चाहिए. हमें किसी भी सोच को आंख बंद करके स्वीकार नहीं करना चाहिए. और यही हमारी शिक्षा प्रणाली का ढांचा होना चाहिए.’

महिलाओं के बारे में सवाल पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा, ‘महिलाओं के साथ व्यवहार के मामले में दक्षिण भारत, उत्तर भारत से कहीं अच्छा है. तमिलनाडु उन राज्यों में से एक है जो कि महिलाओं के साथ व्यवहार करने के मामले में उदाहरण पेश करता है. हालांकि, तमिलनाडु में भी काफी सुधार की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा, ‘महिलाओं को पुरुषों के बराबर होना चाहिए. सच कहूं तो मुझे शीर्ष स्तर पर पर्याप्त संख्या में महिलाएं नहीं दिखतीं. हम संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित करेंगे और महिलाओं के लिए 33% सरकारी नौकरियां आरक्षित करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि आप यह बात याद रखें कि आप उस स्थान की हकदार हैं जिसके आप योग्य हैं. जिंदगी में आपको ऐसे लोग मिलेंगे जो कहेंगे कि आप यह नहीं कर सकती हैं, आप वह नहीं कर सकती हैं. उसे कभी स्वीकार मत करिए. हमेशा खुद में विश्वास करिए.’

देश की अर्थव्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा, ‘देश में नकारात्मक माहौल के होते हुए आप आर्थिक वृद्धि की उम्मीद नहीं कर सकते हैं. आर्थिक वृद्धि सीधे तौर पर देश के माहौल से जुड़ी होती है. हम देश को ऐसे माहौल में ले जाएंगे जहां पर लोग सशक्त और खुश महसूस करेंगे.’

गांधी ने छात्राओं से पूछा, ‘क्या आपको नोटबंदी पसंद आई? जब छात्राओं ने न में जवाब दिया तो उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि नोटबंदी ने जो नुकसान किया है, वह काफी साफ है. प्रधानमंत्री को आपसे सलाह लेनी चाहिए थी.’

इस दौरान राहुल गांधी ने छात्राओं से कहा कि वे उन्हें सर की बजाय राहुल कहकर पुकारें. गांधी ने छात्राओं से कहा कि वे उन्हें चुनौती दें और असहज करके दिखाएं.

एक छात्रा ने गांधी से पूछा, ‘आपने अपनी मां से क्या सीखा है? इस पर उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी माँ से प्रेम और विनम्रता का गुण सीखा है. कोई व्यक्ति कितना भी कमजोर हो, उसकी राय भी अनूठी हो सकती है और हर किसी को इसका हमेशा सम्मान करना चाहिए.’

आतंकवाद के बारे में सवाल पूछे जाने पर गांधी ने कहा, ‘साल 2004 में जब हम सत्ता में आए तब वाजपेयी सरकार की नीतियों ने जम्मू कश्मीर में आग भड़का दी थी. हमने रणनीतिक तौर पर आतंकवाद से लड़ाई का फैसला किया. सबसे पहले हमने पाकिस्तान को पूरी दुनिया में अलग-थलग कर दिया और तब हम जम्मू कश्मीर के लोगों से जुड़े.’

उन्होंने कहा, ‘2004-2014 के बीच आतंकी घटनाओं में हुई मौतों की संख्या में नाटकीय गिरावट आई, क्योंकि हम जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ जुड़े और उन्हें अपने साथ लेकर आए.’

उन्होंने कहा, ‘मैं खुद देश के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ जम्मू कश्मीर गया और जोड़ने की कोशिश की. हमने सरकार के कार्यक्रमों को चलाया. हमारे पास वित्तीय रणनीति थी, जहां हमने स्वयं सहायता समूहों को बैंकों से जोड़ा. अंत में, हमने पंचायतों के चुनाव कराए और सत्ता का विकेंद्रीकरण किया.’

उन्होंने कहा, ‘सत्ता में आने के बाद मोदी जी ने पीडीपी के साथ सरकार बनाकर गलती की. आज उनकी नीतियों ने जम्मू कश्मीर की आग को भड़काने का काम किया है. उनकी नीतियां लोगों को दूर कर रही हैं और पाकिस्तान को भारत में आतंकवाद फैलाने में मदद कर रही हैं.’

इस कार्यक्रम के बाद चेन्नई के ली मेरीडियन होटल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘रोजगार पैदा करने वालों पर हमले किए जा रहे हैं. मोदी जी ने उन पर नोटबंदी और जीएसटी से हमला किया. हम सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए माहौल तैयार करेंगे. हम उद्यमिता को सरल और आसान बनाएंगे.’

उन्होंने कहा, ‘नौकरी पैदा करने और रोजगार की बात आती है तब हर किसी का मानना है कि नरेंद्र मोदी विफल रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘पुलवामा हमले में 45 लोग मारे गए. सवाल यह है कि उन 45 लोगों की जान बचाने के लिए सरकार ने क्या किया. भाजपा को यह साफ करना होगा कि उन्होंने मसूद अज़हर को वापस पाकिस्तान क्यों भेजा.’

अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बारे में सवाल पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा, ‘निजी तौर पर हमने इस मामले का समाधान कर दिया है. कानून अपना काम करेगा. इसका फैसला अदालत को करना है. हमारे मन में किसी खिलाफ नफरत नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘यह देश नागपुर से नहीं चलेगा. 2019 के बाद देश में कोई न्यूनतम आय सीमा से नीचे गुजारा नहीं करेगा. यह एक क्रांतिकारी विचारधारा है जिसके बारे में हम अध्ययन कर रहे हैं. भाजपा ने राज्यों-राज्यों में भेदभाव किया है, जहां वे शासन कर रहे हैं और जहां नहीं कर रहे हैं. यह देशद्रोह है.

उन्होंने कहा, ‘भाजपा सभी राज्यों को एकसमान रूप से नहीं देखती है. मैं विकेंद्रीकरण में विश्वास करता हूं. मैं इस बात में विश्वास नहीं करता कि देश को प्रधानमंत्री कार्यालय से चलाया जाना चाहिए. मैं यह भी नहीं मानता कि राज्यों को मुख्यमंत्री के दफ्तर से चलाया जाना चाहिए. मैं पंचायत सहित सभी दफ्तरों को शक्ति मिलने में विश्वास करता हूं.’

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