संस्था के अध्यक्ष और आईआईटी-बीएचयू के प्रोफेसर वीएन मिश्रा ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, ‘इसी तरह जनवरी 2016 से फरवरी 2019 के दौरान बीओडी का स्तर 46.8-54 मिलीग्राम प्रति लीटर से बढ़कर 66-78 मिलगीग्राम प्रति लीटर हो गया. इसी अवधि में डिसॉल्वड ऑक्सीजन (डीओ) का स्तर 2.4 मिलीग्राम प्रति लीटर से घटकर 1.4 मिलीग्राम प्रति लीटर रह गया, हालांकि इसे प्रति लीटर छह मिलीग्राम या इससे अधिक होना चाहिए. गंगा के पानी में कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया का अत्यधिक मात्रा में होना मानव स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है.’