रेलवे में हेल्पर बनने के लिए ग्रेजुएट से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक ने किया आवेदन

रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक खलासी और हेल्पर के पदों के लिए आवेदन करने वाले 4,19,137 उम्मीदवारों के पास बीटेक और 40,751 उम्मीदवारों के पास इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री है.

रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक खलासी और हेल्पर के पदों के लिए आवेदन करने वाले 4,19,137 उम्मीदवारों के पास बीटेक और 40,751 उम्मीदवारों के पास इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री है.

Railway trackman-Reuters
(फोटोः रॉयटर्स)

नई दिल्लीः भारतीय रेलवे में ट्रैक मैन, खलासी और हेल्पर के पदों के लिए 82 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया है. आवेदन करने वाले सभी लोगों में एक बड़ी संख्या इंजीनियरिंग, साइंस, आर्ट्स, कॉमर्स और मैनेजमेंट विषयों के ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की है.

रेलवे में लेवल-1 और ग्रुप डी श्रेणी में 62,907 पदों पर भर्तियों के लिए रेलवे नियुक्ति बोर्ड (आरआरबी) को लगभग दो करोड़ आवेदन मिले, जिनमें से 1,88,721 उम्मीदवारों को शारीरिक दक्षता टेस्ट के लिए बुलाया गया.

रेलवे में लेवल-1 का पद सबसे निचला होता है, जिसमें गेटमैन, रेलवे शेड और ऑफिसों में काम करने वाले हेल्पर, ट्रैकमैन, गैंगमैन और ट्रैक की मरम्मत करने वाले प्वॉइन्ट मैन होते हैं.

इन पदों पर भर्तियों की प्रक्रिया 2018 के मध्य में शुरू हुई थी और मौजूदा समय में आरआरबी चुने गए 75,485 उम्मीदवारों के दस्तावेज सत्यापन और मेडिकल टेस्ट की प्रक्रिया में है, जिनमें से कई इंजीनियर, ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट हैं.

रेलवे के नए आकंड़ों के मुताबिक, यह संख्या भारत में गुणवत्तापूर्ण रोजगार की कमी का ताजा संकेत है, एक ऐसा मुद्दा जो मौजूदा लोकसभा चुनावों में छाया हुआ है.

रेलवे में मौजूदा रोजगार परिदृश्य आमतौर पर कम रोजगार देने वाले क्षेत्र के रूप में जाना जाता है क्योंकि उच्च योग्यता वाले लोगों के लिए कोई रोजगार नहीं है और ये छात्र अपनी शिक्षा के आधार पर नहीं बल्कि बेहतर रोजगार अवसरों के न होने पर जरूरत के आधार पर इन पदों पर काम करने को विवश हैं.

हालांकि, इन पदों के लिए आवेदन करने वाले लोगों की संख्या बहुत बड़ी है इसलिए इनकी जांच के लिए रेलवे को समय लगा और आखिरकार आरआरबी अगले दो से तीन महीनों में 60,000 से अधिक पदों पर भर्तियों की अंतिम प्रक्रिया शुरू करने की स्थिति में है.

सूत्रों ने द वायर  को बताया कि इसमें सफल होने वाले उम्मीदवारों को इस साल मई के अंत तक डी ग्रुप के पदों के लिए नियुक्ति पत्र मिलने की संभावना है क्योंकि आरआरबी व्यापक नियुक्ति अभियान को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में लगा हुआ है.

इन पदों पर नियुक्ति के लिए न्यूनतम शिक्षा यह है कि किसी भी उम्मीदवार को कक्षा दसवीं में उत्तीर्ण होना जरूरी है, नेशनल काउंसिल ऑन वोकेशनल ट्रेनिंग और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से सर्टिफिकेट हासिल करना और नेशनल अप्रेंटिसशिप सर्टिफिकेट की जरूरत है.

रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक, रेलवे में खलासी और हेल्पर के पदों के लिए आवेदन करने वाले 4,19,137 उम्मीदवारों के पास बीटेक की डिग्री और 40,751 उम्मीदवारों के पास इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री है.

इन पदों के लिए आवेदन करने वालों में कक्षा दसवीं उत्तीर्ण करने वाले आवेदकों की संख्या केवल 16,952,957 है. रोजगार आवेदक आकंड़ों से पता चलता है कि डी ग्रुप के लिए आवेदन करने वाले 19.1 लाख लोगों ने आर्ट्स से स्नातक किया है.

जहां 3.83 लाख आवेदक आर्ट्स में पोस्ट ग्रेजुएट हैं, वहीं 9.57 लाख साइंस ग्रेजुएट और 1,27,018 साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट हैं.

(अरुण कुमार दास वरिष्ठ पत्रकार हैं .) 

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