झारखंड: अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज़ को हिरासत में लिया गया, रिहा

द्रेज़ को गुरुवार सुबह आचार संहिता के दौरान बिना प्रशासनिक अनुमति के सार्वजनिक बैठक करने के चलते हिरासत में लिया गया था.

अर्थशास्त्री और कार्यकर्ता ज्यां द्रेज. (फोटो: द वायर)

द्रेज़ को गुरुवार सुबह आचार संहिता के दौरान बिना प्रशासनिक अनुमति के सार्वजनिक बैठक करने के चलते हिरासत में लिया गया था.

अर्थशास्त्री और कार्यकर्ता ज्यां द्रेज. (फोटो: द वायर)
अर्थशास्त्री और कार्यकर्ता ज्यां द्रेज. (फोटो: द वायर)

गुरुवार सुबह झारखंड के बिष्णुपुरा में अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज़ और दो अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया. बताया जा रहा है कि आरोप है कि वे भोजन का अधिकार जैसे मसलों पर चर्चा के लिए एक बैठक करने जा रहे थे.

द्रेज़ ने द वायर  को बताया कि पुलिस ने उन्हें बैठक करने की इजाज़त नहीं दी और अब उन तीनों पर आरोप तय करना चाहती है. उन्होंने बताया, ‘हम आज ही यह बैठक करने की अनुमति चाहते हैं. शाम को ही सही. इसी गांव में कल रात एक अन्य समूह द्वारा बड़ी बैठक हुई थी और वो भी बिना इजाज़त के.’

द्रेज़ ने यह भी बताया कि पुलिस ने इन कार्यकर्ताओं से एक बॉन्ड पर दस्तखत करने को भी कहा, जिस पर लिखा था कि ‘उन्हें सरकार से कोई शिकायत नहीं है.’ द्रेज़ ने बताया की उन्होंने इस पर साइन करने से मना कर दिया है. अब हम अपना बयान लिख रहे हैं.’

द्रेज़ अर्थशास्त्री हैं और वर्तमान में रांची विश्विद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर हैं. उन्होंने भोजन का अधिकार, बाल स्वास्थ्य, लैंगिक असमानता, शिक्षा, कुपोषण जैसे सामाजिक मुद्दों को लेकर काफी काम किया है. उनके साथ हिरासत में लिए गए दो अन्य कार्यकर्ता विवेक और अनुज भोजन का अधिकार अभियान से जुड़े हुए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पुलिस का कहना है कि द्रेज़ और उनके साथियों को आचार संहिता लागू होने के दौरान बिना प्रशासनिक अनुमति के बैठक करने के चलते हिरासत में लिया गया है.

इस अख़बार से बात करते हुए डीआईजी (पलामू) ने बताया, ‘वे सामाजिक मुद्दों पर बैठक कर रहे थे लेकिन उनके पास एसडीओ की अनुमति नहीं थी. आचार संहिता लागू है, इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया.

खबर लिखे जाने तक उन्हें रिहा कर दिया गया था.