कश्मीर में आफस्पा और पैलेट गन पर रोक लगाने की मांग, 50 यूरोपीय सांसदों ने मोदी से की शिकायत

यूरोपीय संसद के सदस्यों ने पैलेट फायरिंग की सभी घटनाओं में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है. सदस्यों ने शोपियां ज़िले में पैलेट गन की पीड़ित 19 माह की हिबा निसार का उल्लेख किया जो पिछले साल नवंबर में घायल हो गई थी.

Srinagar: Police and CRPF personnel chase away protesters hurling stones on them during clashes on the outskirts of Srinagar, June 22, 2018. Four militants, a police official and a civilian were killed during gun-battle triggering protests and clashes in which several people were injured. (PTI Photo/ S. Irfan)(PTI6_22_2018_000201B)
Srinagar: Police and CRPF personnel chase away protesters hurling stones on them during clashes on the outskirts of Srinagar, June 22, 2018. Four militants, a police official and a civilian were killed during gun-battle triggering protests and clashes in which several people were injured. (PTI Photo/ S. Irfan)(PTI6_22_2018_000201B)

यूरोपीय संसद के सदस्यों ने पैलेट फायरिंग की सभी घटनाओं में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है. सदस्यों ने शोपियां ज़िले में पैलेट गन की पीड़ित 19 माह की हिबा निसार का उल्लेख किया जो पिछले साल नवंबर में घायल हो गई थी.

Srinagar: Police and CRPF personnel chase away protesters hurling stones on them during clashes on the outskirts of Srinagar, June 22, 2018. Four militants, a police official and a civilian were killed during gun-battle triggering protests and clashes in which several people were injured. (PTI Photo/ S. Irfan)(PTI6_22_2018_000201B)
(प्रतीकात्मक तस्वीर: पीटीआई)

श्रीनगर: यूरोपीय संसद के 50 सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि जम्मू कश्मीर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक लगे और सुरक्षाबल विशेष अधिकार अधिनियम (आफस्पा) और जन सुरक्षा कानून (पीएसए) जैसे कानूनों को खत्म किया जाए.

मेंबर्स ऑफ द यूरोपियन पार्लियामेंट (एमईपीएस) ने 25 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा, ‘हम यूरोपीय संसद के निर्वाचित सदस्य आपसे पूर्व और वर्तमान में कश्मीर के लोगों के मानवाधिकार उल्लंघन, जैसा कि ओएचसीएचआर-1 की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है, के खिलाफ गहरी चिंता व्यक्त करते हैं.’

सदस्यों ने शोपियां जिले में पैलेट गन की पीड़ित 19 माह की हिबा निसार का उल्लेख किया जो पिछले साल नवंबर में घायल हो गई थी.

पत्र में कहा गया, ‘हम खासतौर पर 19 माह की बच्ची के दुखद मामले का जिक्र करना चाहेंगे जो पैलेट गन की चोट से बुरी तरह घायल हो गई थी. सशस्त्र बल (जम्मू-कश्मीर) विशेष अधिकार अधिनियम 1990 (आफस्पा) और जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा कानून 1978 (पीएसए) सुरक्षा बलों को किसी भी तरह के मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ एक तरह से प्रतिरक्षा देते हैं.’

सदस्यों ने मांग की कि पैलेट गन का इस्तेमाल तत्काल बंद किया जाना चाहिए और सभी प्रासंगिक भारतीय कानूनों को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुपालन के अनुरूप लाना चाहिए.

बिज़नेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार, यूरोपीय संसद के सदस्यों ने कहा कि सरकार को पैलेट के इस्तेमाल से घायल हुए लोगों को और मारे गए लोगों के परिवारों को पूर्ण और प्रभावी पुनर्वास देना चाहिए.

यूरोपीय संसद के सदस्यों ने सरकार को सभी दुर्घटनाओं में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच स्थापित करने के लिए कहा है, जहां पैलेट-फायरिंग के इस्तेमाल से मौतें हुईं या गंभीर तरीक़े से लोग घायल हुए हैं.

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