केरल नन रेप मामला: बिशप फ्रैंको मुलक्कल के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दाख़िल

आरोपपत्र में कैथोलिक चर्च के शीर्ष पादरियों समेत 83 गवाहों के बयान शामिल हैं. बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच एक नन के साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप है.

Kottayam: Rape accused Roman Catholic Bishop Franco Mulakkal released on bail ,in Kottayam on Tuesday , October 16, 2018. Bishop Franco Mulakkal, arrested over three weeks ago on allegations of repeatedly raping a nun, was released from a sub-jail near here Tuesday, a day after the Kerala High Court granted him bail. (PTI10_16_2018_000158B)
बिशप फ्रैंको मुलक्कल. (फोटो: पीटीआई)

आरोप-पत्र में कैथोलिक चर्च के शीर्ष पादरियों समेत 83 गवाहों के बयान शामिल हैं. बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच एक नन के साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप है.

Kottayam: Rape accused Roman Catholic Bishop Franco Mulakkal released on bail ,in Kottayam on Tuesday , October 16, 2018. Bishop Franco Mulakkal, arrested over three weeks ago on allegations of repeatedly raping a nun, was released from a sub-jail near here Tuesday, a day after the Kerala High Court granted him bail. (PTI10_16_2018_000158B)
बिशप फ्रैंको मुलक्कल. (फोटो: पीटीआई)

कोट्टायम: केरल पुलिस की विशेष जांच टीम ने नन बलात्कार मामले में बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ मंगलवार को आरोप-पत्र दायर किया. यह आरोप-पत्र जिले के पाला में एक मजिस्ट्रेट अदालत में दायर किया गया.

सूत्रों के अनुसार, आरोप-पत्र में कैथोलिक चर्च के शीर्ष पादरियों समेत 83 गवाहों के बयान शामिल हैं. मुलक्कल को सितंबर में गिरफ्तार किया गया था.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बिशप के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.

मामला ये है कि एक नन ने जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच उसके साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया है. यह घटना जालंधर डायोसीस द्वारा कोट्टयम जिले में संचालित कॉन्वेंट के बिशप के दौरे के दौरान हुई.

बिशप ने इन आरोपों का खंडन किया है. हालांकि 54 वर्षीय बिशप को अस्थाई रूप से धर्मगुरू संबंधी सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था.

बता दें कि नन से बलात्कार के आरोप में बिशप फ्रैंको मुलक्कल को पिछले साल 21 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था.  इसके बाद 15 अक्टूबर को उन्हें अदालत से सशर्त जमानत मिल गई थी. जमानत पर रिहा होने के बाद जालंधर में उनका फूल-माला से स्वागत हुआ.

इससे पहले, बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले संगठनों के एक समूह ‘सेव ऑवर सिस्टर्स’ (एसओएस) ने पीड़िता के समर्थन में आवाज उठाने वाली पांच ननों के तबादला आदेश का विरोध किया था.

तबादला आदेश को रुकवाने में हस्तक्षेप करने के लिए समूह ने केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन को पत्र भी लिखा था.

पत्र में मांग की गई थी कि जब तक ट्रायल पूरा नहीं हो जाता है, बलात्कार पीड़िता और अन्‍य पांचों ननों को उनके कॉन्‍वेंट से कहीं और न ट्रांसफर किया जाए.

सरकार इस संबंध में तत्‍काल कार्रवाई करे. उन्होंने कहा था कि अभी सरकार इन ननों को सुरक्षा मुहैया करा रही है पर अगर उन्‍हें दूसरे कॉन्‍वेंट में भेजा गया तो उनकी जान को खतरा पैदा हो सकता है.

इससे पहले मुलक्कल पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली नन सहित पांच नन भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनसे इस मामले में दखल की मांग कर चुकी हैं.

बता दें कि, मुलक्कल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाली पांचों ननों का केरल के कैथोलिक चर्च ने कुराविलंगड़ स्थित अपने मिशनरीज ऑफ जीसस कॉन्वेंट से तबादला कर दिया था. इसके बाद दोबारा उनसे कहा गया कि वे आदेश का पालन करें और समूह के परिसर को छोड़कर जाएं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)