मोदी का पुलवामा और बालाकोट पर बयान प्रथम दृष्टया आचार संहिता का उल्लंघन: निर्वाचन अधिकारी

इस हफ्ते महाराष्ट्र के लातुर में एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मतदान करने वालों से कहा था कि क्या आपका पहला वोट पुलवामा के शहीदों को समर्पित हो सकता है?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)

इस हफ्ते महाराष्ट्र के लातूर में एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मतदान करने वालों से कहा था कि क्या आपका पहला वोट पुलवामा के शहीदों को समर्पित हो सकता है?

महाराष्ट्र के लातूर ज़िले के औसा में हुई रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)
महाराष्ट्र के लातूर ज़िले के औसा में हुई रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पहली बार मतदान करने वालों से अपना वोट बालाकोट हवाई हमले को अंजाम देने वालों और पुलवामा के शहीदों के नाम पर देने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील राजनीतिक फायदे के लिए सैन्य बलों का इस्तेमाल न करने वाले चुनाव आयोग के दिशानिर्देश का उल्लंघन थी.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, यह बात ओस्मानाबाद जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) ने महाराष्ट्र मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को भेजी अपनी रिपोर्ट में कही है.

महाराष्ट्र के लातूर के औसा में रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘क्या आप अपना पहला वोट उन लोगों को समर्पित कर सकते हैं जिन्होंने हवाई हमले किए.’

मोदी ने कहा, ‘मैं पहली बार मतदान करने वालों से कहना चाहता हूं, क्या आपका पहला वोट वीर जवानों को समर्पित हो सकता है जिन्होंने हवाई हमले किए (पाकिस्तान के अंदर)? क्या आपका पहला वोट पुलवामा (आतंकवादी हमले) के शहीदों को समर्पित हो सकता है?’

राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, जिला निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट में बालाकोट पर दी गई प्रधानमंत्री की टिप्पणी को प्रथम दृष्टया चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन माना गया है.

निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, मोदी के भाषण को चुनाव आयोग को भेज दिया गया है और उस पर अंतिम फैसला आयोग ही लेगा.

अगर चुनाव आयोग ओस्मानाबाद जिला निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट से सहमत होता है तो यह पहली बार होगा जब प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी से किसी चुनाव में प्रथम दृष्टया आचार संहिता उल्लंघन को लेकर स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है.

चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार, इस बारे में इसी हफ्ते कोई फैसला आ सकता है.

बता दें कि 2013 में जारी परामर्श का हवाला देते हुए 9 मार्च को चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपने चुनाव अभियान में सैनिकों और सैन्य अभियानों की तस्वीर का इस्तेमाल करने से बचने को कहा था.

आयोग ने सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों से अपने पार्टी प्रतिनिधियों और उम्मीदवारों से इसका सख़्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा था.

आयोग ने एक राजनीतिक दल के पोस्टर में वायु सेना विंग कमांडर अभिनंदन की तस्वीर के कथित इस्तेमाल पर संज्ञान लेते हुए राजनीतिक दलों को ऐसा करने से बचने का परामर्श दिया था.

इसके बाद चुनाव आयोग ने 19 मार्च को परामर्श जारी कर पार्टियों और उनके उम्मीदवारों से अपनी प्रचार सामग्री में सुरक्षा बलों की तस्वीरें लगाने से मना किया था.

आयोग ने कहा था, ‘पार्टियों, उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि उनके प्रचारकों, उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के दौरान रक्षा बलों की गतिविधियों को शामिल करने से परहेज करना चाहिए.’

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