पूर्व सैन्य अधिकारियों का राष्ट्रपति को पत्र, कहा- राजनीतिक फायदे के लिए सेना का इस्तेमाल रोकें

पत्र लिखने वालों में तीनों सेनाओं के आठ पूर्व अध्यक्ष समेत 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारी शामिल हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपील की गई है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सशस्त्र बलों का धर्मनिरपेक्ष और अराजनैतिक स्वरूप सुरक्षित रहे.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

पत्र लिखने वालों में तीनों सेनाओं के आठ पूर्व अध्यक्ष समेत 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारी शामिल हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपील की गई है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सशस्त्र बलों का धर्मनिरपेक्ष और अराजनैतिक स्वरूप सुरक्षित रहे.

Pallanwal: Army soldiers patrol near the highly militarized Line of Control dividing Kashmir between India and Pakistan, in Pallanwal sector, about 75 kilometers from Jammu on Tuesday.PTI Photo(PTI10_4_2016_000284B)
(प्रतीकात्मक तस्वीर: पीटीआई)

नई दिल्लीः भारतीय सेना के 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारियों ने गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर चुनाव में सेना के राजनीतिकरण को रोकने का आग्रह किया.

स्क्रॉल.इन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पत्र में राष्ट्रपति कोविंद से आग्रह किया गया कि वे हर तरह के जरूरी कदम उठाकर सभी राजनीतिक दलों को तुरंत निर्देश दें कि वे अपने राजनीतिक उद्देश्यों या एजेंडे के लिए सेना, सेना की वर्दी या चिह्नों या सैन्य संरचनाओं या कर्मियों की किसी तरह की गतिविधि के इस्तेमाल से दूर रहें.

पत्र लिखने वालों में तीनों सेनाओं के आठ पूर्व अध्यक्ष भी शामिल हैं. इनमें थलसेना के पूर्व प्रमुख सुनीत फ्रांसिस रॉड्रिग्ज, जनरल शंकर रॉय चौधरी, जनरल दीपक कपूर, नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल लक्ष्मीनारायण रामदास, एडमिरल विष्णु भागवत, एडमिरल अरुण प्रकाश, एडमिरल सुरेश मेहता और पूर्व एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी हैं.

पूर्व सैन्य अधिकारियों ने पत्र में कहा, ‘सीमा पर स्ट्राइक जैसे सैन्य अभियानों का श्रेय लेना राजनीतिक दलों की सबसे असामान्य और पूरी तरह से अस्वीकार्य गतिविधि है. यहां तक कि देश की सेना को ‘मोदी जी की सेना’ कहने से कार्यरत और सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों के बीच बेचैनी है.’

यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गाजियाबाद की रैली के दौरान उनके उस बयान का उल्लेख किया गया है, जिसमें उन्होंने देश की सेना को मोदी की सेना कहा था. इसके साथ ही सत्तारूढ़ भाजपा के कई सदस्यों ने बालाकोट एयर स्ट्राइक का श्रेय भाजपा को दिया था.

उन्होंने कहा कि वे चुनाव अभियानों के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा सेना की वर्दी पहनने और चुनावी पोस्टरों और बैनरों में जवानों विशेष रूप से भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की तस्वीरें लगाए जाने से चिंतित हैं.

पत्र में कहा गया, ‘हम इसकी सराहना करते हैं कि मुख्य चुनाव आयुक्त के समक्ष नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल एल. रामदास सहित कुछ वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारियों की शिकायतों पर त्वरित संज्ञान लिया गया. हालांकि हमें यह कहते हुए खेद हो रहा है कि इससे कुछ बदलाव होता नहीं दिख रहा.’

पत्र में कहा गया, ‘सेना का इस तरह दुरुपयोग सेना में सेवारत महिला एवं पुरूष जवानों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. हम आपसे यह सुनिश्चित करने की अपील करते हैं कि हमारी सेना के धर्मनिरपेक्ष और अराजनैतिक स्वरूप सुरक्षित रखें.’

लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल को शुरू हो गए और सात चरणों में होने वाला चुनाव 19 मई तक चलेगा, जबकि मतगणना 23 मई को होगी.

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को लिखे गए पत्र को नीचे पढ़ा जा सकता है.

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नोट: जनरल एसएफ रोड्रिगुएस और एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने कथित तौर पर मीडिया से कहा है कि उन्होंने इस पत्र पर दस्तखत नहीं किए हैं. हालांकि जिन अधिकारियों ने यह दस्तखत जमा किए, उन्होंने द वायर को उस मेल की कॉपी दी है जहां उन्होंने यह अपील की थी. अधिक जानकारी मिलने पर इस कॉपी को अपडेट किया जाएगा.