हमारा बस चले तो ऐसा राजद्रोह क़ानून बनाएंगे कि लोगों की रूह कांप उठे: राजनाथ सिंह

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर राज्य के लिए अलग प्रधानमंत्री की उनकी मांग को लेकर हमला करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं इन नेताओं को बताना चाहता हूं कि यदि आप ऐसी मांगें जारी रखते हैं, तो हमारे पास संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.

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New Delhi: Union Home Minister Rajnath Singh addresses the National Traders Conclave at Constitution Club, in New Delhi on Monday, July 23, 2018. (PTI Photo/Manvender Vashist) (PTI7_23_2018_000049B)
गृह मंत्री राजनाथ सिंह (फोटो: पीटीआई)

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर राज्य के लिए अलग प्रधानमंत्री की उनकी मांग को लेकर हमला करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं इन नेताओं को बताना चाहता हूं कि यदि आप ऐसी मांगें जारी रखते हैं, तो हमारे पास संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.

New Delhi: Union Home Minister Rajnath Singh addresses the National Traders Conclave at Constitution Club, in New Delhi on Monday, July 23, 2018. (PTI Photo/Manvender Vashist) (PTI7_23_2018_000049B)
गृह मंत्री राजनाथ सिंह (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर लोकसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने पर राजद्रोह कानून रद्द करने के उसके वादे को लेकर हमला बोलते हुए शुक्रवार को कहा कि भाजपा सरकार राजद्रोह कानून को और अधिक सख्त बनाएगी.

राजनाथ सिंह गुजरात में कच्छ जिले के गांधीधाम शहर में एक जनसभा में बोल रहे थे.

उन्होंने सवाल किया, ‘कांग्रेस कह रही है कि वे राजद्रोह कानून को रद्द कर देंगे. मैं आप सभी से पूछना चाहता हूं, क्या हमें उन देशद्रोहियों को माफ कर देना चाहिए जो हमारे देश की एकता और सामाजिक तानेबाने को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं?’

सिंह ने कहा, ‘यदि हमारा बस चले तो राष्ट्रद्रोह (कानून) को और कड़ा हम बनाएंगे, ताकी इस प्रोविजंस की याद आते ही लोगों की रूह कांपे… ऐसा कानून बनाएंगे.’

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर राज्य के लिए अलग प्रधानमंत्री की उनकी मांग को लेकर भी हमला किया.

सिंह ने कहा, ‘मैं इन नेताओं को बताना चाहता हूं कि यदि आप ऐसी मांगें जारी रखते हैं, तो हमारे पास संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. हम ऐसा भारत नहीं चाहते.’

उन्होंने कश्मीर संकट के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को भी जिम्मेदार ठहराया. सिंह ने कहा, ‘यदि पंडित नेहरू ने सरदार वल्लभभाई पटेल को इस मुद्दे को संभालने के लिए पूरी ताकत दी होती, तो हमें उसी समय समाधान मिल गया होता.’

मोदी सरकार के प्रदर्शन पर सिंह ने कहा, ‘मैं यह दावा नहीं करना चाहता कि हमने भ्रष्टाचार को पूरी तरह से उखाड़ फेंका है. लेकिन, हमारी सरकार ने उस दिशा में निश्चित रूप से कुछ निर्णायक कदम उठाए हैं.’

मंत्री ने दावा किया कि कोई भी मोदी की प्रतिबद्धता और ईमानदारी पर संदेह नहीं कर सकता.

सिंह ने आरोप लगाया कि यद्यपि भारत 2007 में उपग्रह-रोधी मिसाइल बनाने में सक्षम था लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वैज्ञानिकों को ऐसा करने से रोक दिया था.

सिंह ने कहा, ‘उस समय केवल रूस, चीन और अमेरिका के पास ही यह तकनीक थी. जब वैज्ञानिकों ने मनमोहन सिंह से हरी झंडी के लिए संपर्क किया तो उन्होंने यह कहते हुए उन्हें रोक दिया कि ऐसा कदम उन तीन देशों को नाराज करेगा.

लेकिन जब वैज्ञानिकों ने मोदी से संपर्क किया तो उन्होंने आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी. गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों के लिए मतदान 23 अप्रैल को होगा.

बता दें कि 2 अप्रैल को अपना घोषणापत्र जारी करते हुए कांग्रेस ने कहा था कि अगर वह सत्ता में आती है कि भारतीय दंड संहिता की राजद्रोह को परिभाषित करने वाली धारा 124ए को ख़त्म करेगी क्योंकि इसका दुरुपयोग किया गया है.

पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा, ‘नागरिक स्वतंत्रता हमारे लोकतांत्रिक गणराज्य की पहचान है. कानूनों का उद्देश्य स्वतत्रंता को मज़बूती देना होता है. क़ानून सिर्फ़ और सिर्फ़ हमारे मूल्यों को दर्शाने के लिए होने चाहिए.’

पार्टी ने कहा, ‘भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह के अपराध को परिभाषित करने वाली) का दुरुपयोग हुआ है और बाद में नए क़ानून बनाए जाने के बाद इसकी महत्ता भी ख़त्म हो गई. इसलिए इसे अब ख़त्म किया जाएगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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