पेरिस का ऐतिहासिक गिरजाघर नोट्रे-डैम आग लगने से तबाह

गिरजाघर में ईस्टर की तैयारी चल रही थी. आग में सबसे पहले यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित 850 साल पुरानी छत तबाह हुई और शानदार गॉथिक मीनार ढह गई. नोट्रे-डैम का निर्माण 12वीं सदी में शुरू हुआ था, जो करीब 200 वर्ष तक चला था.

नोटे-डैम कैथेड्रल. (फोटो: रॉयटर्स)

गिरजाघर में ईस्टर की तैयारी चल रही थी. आग में सबसे पहले यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित 850 साल पुरानी छत तबाह हुई और शानदार गॉथिक मीनार ढह गई. नोट्रे-डैम का निर्माण 12वीं सदी में शुरू हुआ था, जो करीब 200 वर्ष तक चला था.

Paris: In this combination of photos, flames and smoke rise as the spire on the Notre Dame Cathedral collapses during a fire in Paris, Monday, April 15, 2019. AP/PTI(AP4_16_2019_000008B)
पेरिस स्थित नोटे डैम कैथेड्रल में लगी आग. (फोटो: एपी/पीटीआई)

पेरिस: फ्रांस की राजधानी पेरिस के ऐतिहासिक गिरजाघर नोट्रे-डैम कैथेड्रल में सोमवार को आग लग गई, हालांकि मुख्य ढांचे को बचा लिया गया है लेकिन आगजनी से यह ऐतिहासिक इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और सदियों की विरासत खाक हो गई.

यह आग इतनी भयानक थी कि 12वीं सदी की बेहतरीन वास्तुकला का यह नमूना बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. यूनेस्को ने 1991 में इसे वैश्विक धरोहर घोषित किया था.

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए नोट्रे-डैम का दोबारा निर्माण कराने का संकल्प लिया है.

वह सोमवार रात अपनी पत्नी ब्रिगिट के साथ मौके पर पहुंचे और पत्रकारों से कहा, ‘हम नोट्रे-डेम का पुनर्निर्माण करेंगे क्योंकि यही फ्रांस के लोग चाहते हैं.’

आग में सबसे पहले यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित 850 साल पुरानी छत तबाह हुई और शानदार गॉथिक मीनार वहां मौजूद लोगों के सामने ढह गई.

आग ऐसे समय में लगी है जब गिरजाघर में ईस्टर की तैयारियां की जा रही थीं. आग इतनी भयावह थी कि इसकी लपटें आसमान तक उठ रही थीं, जिसे वहां मौजूद पर्यटक देख सन्न रह गए.

दमकल विभाग के करीब 400 कर्मचारियों ने काफी मशक्कत की और वे काफी नुकसान के बावजूद टावर बचाने में कामयाब रहे. पेरिस के दमकल विभाग के प्रमुख जीन-क्लाउड गैलेट ने कहा, ‘हम ऐसा मान सकते हैं कि नोट्रे-डैम कैथेड्रल की प्रमुख संरचना और दो टावरों को बचा लिया गया है.’

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वहीं एक सलाहकार स्टीफन सिग्नोरिएरी ने कहा, ‘नोट्रे-डैम सभी यृद्धों और हर प्रकार की बमबारी में सुरक्षित रहा. हमने कभी नहीं सोचा था कि इसमें आग लग सकती है. मैं काफी दुखी हूं.’

पेरिस आर्कबिशप मिशेल एपेटिट ने पत्रकारों से कहा, ‘हम इससे निपट रहे हैं.’

आग लगने के कारण का अभी तत्काल पता नहीं चल पाया है लेकिन कैथेड्रल में मरम्मत का नाम चल रहा था और दमकल विभाग का कहना है कि यह आग लगने का एक कारण हो सकता है.

दमकल विभाग ने बताया कि राहत कार्य के दौरान एक कर्मचारी भी गंभीर रूप से घायल हो गया.

उप गृहमंत्री लॉरेंट नुनेज मौके पर पहुंचे और बेहद सावधानी बरतने का आग्रह करते हुए उन्होंने बताया कि इतनी देर में पहली बार आग की लपटे थोड़ी कम हुई हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर घटना को भयावह बताया लेकिन साथ ही इस पर काबू पाने का तरीका बता एक विवाद खड़ा कर दिया.

नोट्रे-डैम कैथेड्रल आग पर काबू पा लिया गया है: दमकल विभाग

पेरिस दमकल विभाग ने मंगलवार को सुबह यह घोषणा की. करीब 15 घंटे बाद आग पर काबू पाया गया है.

विभाग के प्रवक्ता गैबरियल प्लस ने स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 10 बजे पत्रकारों से कहा, ‘आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है. अब हम घटना की जांच कर रहे हैं.’ उन्होंने बताया कि लकड़ी की छत होने के कारण आग तेजी से फैल गई थी.

सर्वश्रेष्ठ धरोहरों शुमार नोट्रे-डैम, नेपालियन की ताजपोशी, विवाह का भी रहा है गवाह

न्यूयॉर्क: फ्रांस के महान शासक नेपोलियन बोनापार्ट की ताजपोशी और उनके विवाह सहित कई युद्धों एवं क्रांतियों का गवाह बने नोट्रे-डैम गिरजाघर को न केवल गॉथिक शैली की सर्वश्रेष्ठ कलाकृति का नमूना माना जाता है अपितु पाश्चात्य जगत की वास्तुकला के सर्वश्रेष्ठ रत्न के रूप में इसकी पहचान संसार भर में बनी हुई है.

आग लगने से पूर्व नोट्रे-डैम कैथेड्रल. (फोटो साभार: विकिपीडिया)
आग लगने से पूर्व नोट्रे-डैम कैथेड्रल. (फोटो साभार: विकिपीडिया)

इस गिरजाघर की भित्तियां बोनापार्ट की 1804 में यहां हुई ताजपोशी और फिर 1810 में उनकी शादी का भव्य समारोह की गाथाएं सुनातीं हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह कई सदियों की कला संगम है.

मध्ययुगीन कला की मर्मज्ञ एवं ‘मेट क्लोइस्टर्स’ में शिक्षक नैन्सी वू ने कहा, ‘इसके निर्माण में विभिन्न युगों का सौंदर्य आपस में घुला हुआ है. इनका मिश्रण बहुत ही अधिक माधुर्य से परिपूरित है.’

अमेरिका में वाशिंगटन के कैथोलिक विश्वविद्यालय में वास्तुकला एवं योजना स्कूल में प्रोफेसर जूलियो बरमूडेज ने कहा, ‘कैथेड्रल के कई ऐसी चीजे हैं जो न केवल प्रसिद्ध हैं बल्कि धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण हैं.’

उन्होंने कहा कि इसके ढांचे की सूक्ष्मता अपनी ओर लोगों का ध्यान तो खींचती ही है साथ ही दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर करने वाली रंगीन खिड़कियां और विशिष्ट ढंग से बाहरी दीवारों पर किया गया सूक्ष्म काम भी अपनी ओर बरबस ही खींच लेता है.

इस आगजनी में कई अनुपम और दुर्लभ कलाकृतियों को नुकसान पहुंचा है और संभवत: इनमें से एक है ईसा मसीह का कांटों का ताज.

उन्होंने कहा, ‘ईसाई धर्म के अनुयायी मानते हैं कि यह वही ताज है जिसे ईसा मसीह को सिर पर पहनाया गया था. उसे बेहद सुरक्षित स्थान पर रखा जाता है. लेकिन आपको पता है कि आग बेहद भीषण थी.’

एक अन्य प्रस्तरकला विशेषज्ञ के शब्दों में यह सभ्यता के सर्वोत्तम स्मारकों में एक है. इसमें आग लगने से विश्व की इस ऐतिहासिक थाती को गहरा नुकसान पहुंचा है. इस घटना से कई कलामर्मज्ञ स्वयं को आहत सा महसूस कर रहे हैं और उनकी आंखों में नमी सूखने का नाम नहीं ले रही.

न्यूयार्क के ‘मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ आर्ट’ एक वरिष्ठ क्यूरेटर बारबरा ड्रेक बोहेम ने रूंधे गले से कहा, ‘सभ्यता बहुत ही क्षणभंगुर है.’

बारबरा ने कहा, ‘यह प्रस्तर निर्मित महान विशाल स्मारक 1163 से अपनी जगह पर खड़ा है. तब से इसने अनेक झंझावत देखे. यह केवल एक पत्थरों का संगम भर नहीं है, एक शीशे का टुकड़ा नहीं है- यह संपूर्णता है.’

उन्होंने कहा, ‘यह पेरिस की आत्मा है, लेकिन यह सिर्फ फ्रांस के लोगों का नहीं है. यह पूरी मानवजाति के लिए है, यह सभ्यता की सर्वश्रेष्ठ धरोहरों में से एक है.’

‘नोट्रे-डैम’ का निर्माण 12वीं सदी में शुरू हुआ था, जो करीब 200 वर्ष तक चला. फ्रांस क्रांति के दौरान यह क्षतिग्रस्त भी हुआ. वर्ष 1831 में विक्टर ह्यूगो के उपन्यास ‘द हंचबैक ऑफ नोट्रे-डैम’ के प्रकाशन के बाद इसने लोगों का ध्यान एक बार फिर आकर्षित किया.

इसके बाद गिरिजाघर के प्रसिद्ध फ्लाइंग बट्रेस और एक पुनर्निर्मित शिखर सहित इसके पुनर्निर्माण में दो दशक का समय लगा.

अंतरराष्ट्रीय जगत ने घटना पर जताया दुख

अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने आग लगने से तबाह हुए नोट्रे-डैम कैथेड्रल को लेकर फ्रांसीसी लोगों के प्रति एकजुटता जताई और इस घटना पर दुख व्यक्त किया.

यूरोपीय आयोग के प्रमुख ज्यां क्लाउड जंकर ने कहा कि नोट्रे-डैम का संबंध मानवता से है. इसने दुनियाभर के लेखकों, चित्रकारों, दार्शनिकों और पर्यटकों को प्रेरित किया.

पोप फ्रांसिस ने इस घटना पर दुख ज़ाहिर करते हुए कहा कि वह फ्रांस के लोगों के साथ हैं और रोमन कैथोलिक तथा पेरिस निवासियों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.

वेटिकन के प्रेस कार्यालय एलेसांद्रो गिस्सोती ने ट्वीट किया, ‘पोप फ्रांस के काफी करीब हैं… वह नोट्रे-डैम कैथेड्रल में लगी आग के बाद दुख की इस घड़ी में फ्रांस के कैथोलिक और पेरिस के लोगों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.’

वेटिकन के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम फ्रेंच कैथोलिक्स और पर्शिया आबादी के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं. हम दमकलकर्मियों और उन सभी लोगों के लिए प्रार्थना करते हैं जो इस घटना से निपटने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं.’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने पेरिस के नोट्रे-डैम कैथेड्रल में आग लगने की घटना पर दुख व्यक्त किया है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने एक ट्वीट किया, ‘नोट्रे-डैम कैथेड्रल में लगी आग की तस्वीरें देख भयभीत हूं. पेरिस में विश्व धरोहर का एक अनूठा उदाहरण जो 14वीं शताब्दी का है. फ्रांस के लोगों और सरकार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं.’

वहीं यूनेस्को की प्रमुख ऑड्रे एजोले ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा, ‘नोट्रे-डैम दुनिया की बड़ी धरोहरों में से एक है और हम दुख के इस क्षण में फ्रांस के लोगों के साथ हैं. जब हम इतिहास को खोता देखते हैं तो हम दुखी होते हैं लेकिन आने वाले कल के लिए फिर से मजबूती के साथ खड़ा होना भी हमारा स्वभाव है.’

ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने कहा, ‘आज रात मेरी संवेदनाएं फ्रांस के लोगों और आपात सेवाओं के साथ हैं जो नोट्रे-डेम कैथेड्रल में लगी भयानक आग को बुझाने में लगे हैं.’

इसके अलावा मिस्र, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पोलैंड, स्पेन, बेल्जियम और ईरान ने भी इस घटना पर दुख जताया है.

पुनर्निर्माण में मदद के लिए आगे आए लोग

नोट्रे-डेम कैथेड्रल के आग में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद विभिन्न वर्ग के लोग गिरजाघर के पुनर्निर्माण में मदद के लिए सामने आए हैं.

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने नोट्रे-डेम का दोबारा निर्माण कराने का संकल्प लिया है. वह सोमवार रात अपनी पत्नी ब्रिगिट के साथ मौके पर पहुंचे और पत्रकारों से कहा, ‘हम नोट्रे-डेम का पुनर्निर्माण करेंगे क्योंकि यही फ्रांस के लोग चाहते हैं.’

फ्रांस के इतिहास एवं संस्कृति के प्रतीक को बहाल करने में मदद करने के लिए निजी रूप से संचालित ‘फ्रेंच हेरिटेज फाउंडेशन’ द्वारा धन की मांग के लिए सार्वजनिक अपील की गई है.

वहीं विशाल एलवीएमएच लक्जरी समूह के फ्रांसीसी अरबपति बर्नार्ड अरनॉल्ट ने मंगलवार को घोषणा की कि उनका परिवार एवं उनकी कम्पनी मिलकर नोट्रे-डैम कैथेड्रल के पुनर्निर्माण के लिए 20 करोड़ यूरो दे रहे हैं.

अरनॉल्ट ने उनके प्रतिद्वंद्वी केरिंग के नोट्रे-डैम के पुनर्निर्माण के लिए 10 करोड़ यूरो की मदद का ऐलान करने के बाद यह घोषणा की है.

एले-डी-फ्रांस क्षेत्र के अध्यक्ष वैलेरी पेक्रेसी ने भी 10 करोड़ यूरो की मदद देने का ऐलान किया है.

पेरिस के मेयर ऐनी हिडाल्गो ने मंगलवार को गॉथिक वास्तु कृति को पुनर्स्थापित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय दाता सम्मेलन का आयोजन करने का भी एक प्रस्ताव पेश किया. संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक एजेंसी यूनेस्को ने भी इसके पुनर्निर्माण के लिए फ्रांस के साथ खड़े रहने का वादा किया.

(समाचार एजेंसी भाषा और एएफपी से इनपुट के साथ)