जब लालू यादव ने सपा-बसपा गठबंधन के ख़िलाफ़ किया था जनता दल के लिए चुनाव प्रचार

चुनावी बातें: सपा-बसपा के पहले गठबंधन के समय उत्तर प्रदेश विधानसभा के मध्यावधि चुनाव में जनता दल ने अपने प्रचार की ज़िम्मेदारी लालू प्रसाद यादव के कंधों पर डाली थी.

/
फाइल फोटो: pinterest.com

चुनावी बातें: सपा-बसपा के पहले गठबंधन के समय उत्तर प्रदेश विधानसभा के मध्यावधि चुनाव में जनता दल ने अपने प्रचार की ज़िम्मेदारी लालू प्रसाद यादव के कंधों पर डाली थी.

फाइल फोटो: pinterest.com
फाइल फोटो: pinterest.com

वे बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के जेल के दिन नहीं थे. ये समय था 1990 में कारसेवा के लिए अयोध्या जा रहे भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करके उनकी रथयात्रा को रोक देने के तीन साल बाद का. हां, सपा और बसपा के पहले गठबंधन के.

‘मिले मुलायम कांशीराम, हवा हो गए जय श्रीराम’ के. बाबरी मस्जिद के ध्वंस को लेकर कल्याण सिंह की सरकार बर्खास्त कर दी गई थी और राष्ट्रपति शासन के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा के मध्यावधि चुनाव हो रहे थे. मुलायम जनता दल तोड़कर अपनी अलग समाजवादी पार्टी बना चुके थे और बसपा से गठबंधन करके मैदान में थे.

उनके मुकाबले जनता दल की हालत पतली थी क्योंकि उसके पास प्रदेश में कोई बड़ा मास लीडर नहीं था जो अपने करिश्मे से मतदाताओं को अपनी ओर लाये और मुलायम को सांप्रदायिकता विरोधी संघर्ष का इकलौता चैम्पियन बनने से रोके.

बहुत सोच-विचार के बाद जनता दल ने यह जिम्मेदारी लालू के कंधों पर डाल दी. इसके बाद लालू प्रदेश में जहां भी जनता दल के प्रत्याशियों का प्रचार करने गए, बस एक ही बात कही.

‘हमने मुलायम से कहा कि देख भाई, तू जनता दल न तोड़. आ, इसी में रह. चुनाव जीतने के बाद तू ही मुख्यमंत्री हो लेना भाई. बिहार से लालू थोड़े ही आएगा, यूपी की चीफ मिनिस्टरी करने. लेकिन क्या करूं, मुलायम भाई की आदत है कि ऐसे तो कड़े बने रहते हैं लेकिन कोई संकट आ पड़े तो बहुत मुलायम हो जाते हैं. इतने मुलायम कि बेचारे की अक्ल ही काम नहीं करती.

सच कहता हूं, उनकी अक्ल ने काम करना बंद कर दिया तो हमारी नेक सलाह को ठुकराकर साइकिल पर चढ़े और हाथी के आगे कूद पड़े. अब आप ही बताइये कि हाथी के आगे कूद पड़ने वाले साइकिल सवार की कैसी दुर्गति होगी? कहीं वह हाथी के नीचे आ गया तो?’

साइकिल समाजवादी पार्टी का चुनाव निशान है और हाथी बहुजन सपा का. उस चुनाव में जनता दल का हाल तो लालू के प्रचार के बावजूद बुरा ही रहा, लेकिन साइकिल पर चढ़कर हाथी के आगे कूद पड़ने वाले उनके जुमले ने पूरे प्रचार अभियान में मुलायम को त्रस्त किए रखा.

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं.)

ऐसे ही और चुनावी क़िस्से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25