नजीब की मां को सीबीआई की क्लोज़र रिपोर्ट के ख़िलाफ़ याचिका दायर करने की अनुमति

जेएनयू के छात्र नजीब अहमद 2016 से लापता हैं. बीते दिनों सीबीआई ने इस मामले में क्लोज़र रिपोर्ट सौंपी है.

जेएनयू के छात्र नजीब अहमद 2016 से लापता हैं. बीते दिनों सीबीआई ने इस मामले में क्लोज़र रिपोर्ट सौंपी है.

Najeeb-Ahmed Mother Protest PTI
नजीब की मां फातिमा नफीस (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार, 22 अप्रैल को दो साल से लापता जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस को इस मामले में जांच बंद करने की रिपोर्ट के ख़िलाफ़ याचिका दाखिल करने की मंजूरी दे दी.

लाइव लॉ के अनुसार, अदालत ने कहा, ‘जांच बंद करने/रद्दीकरण रिपोर्ट के मामले में, यदि शिकायतकर्ता चाहता है तो कानूनन शिकायतकर्ता को विरोध याचिका दायर करने का अवसर दिया जाना चाहिए. इस मामले में, शिकायतकर्ता विरोध याचिका दाखिल करने के लिए इच्छुक है.’

अदालत ने कहा, ‘अधूरे प्रयासों से काम नहीं चल सकता है और शिकायतकर्ता को विरोध याचिका दायर करने का प्रभावी अवसर दिया जाना चाहिए.’

इसस पहले अदालत ने जांच बंद करने की रिपोर्ट संबंधी सभी बयान और दस्तावेजों की प्रतियां दो सप्ताह के भीतर उनकी मां को मुहैया कराने के निर्देश दिया था.

मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नवीन कुमार कश्यप ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह नजीब की मां को क्लोजर रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दें या इन्हें इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में मुहैया कराएं.

मामले में जांच करने वाले अधिकारियों को सात मई को निजी तौर पर पेश होने के लिए भी कहा है.

इस मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के ख़िलाफ़ नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यह आदेश दिया था. नजीब अहमद की मां की ओर से पेश वकील ने दलील दी था कि उन्हें गवाहों के बयान मुहैया नहीं कराए गए.

इन दस्तावेज़ों में फोन कॉल रिकॉर्ड, गवाहों के बयान और अन्य दस्तावेज शामिल हैं. सीबीआई पहले इन दस्तावेजों को फातिमा को मुहैया कराने से इनकार कर चुकी है. 28 मार्च को सीबीआई ने कहा था कि इन दस्तावेजों को मुहैया कराने का कानून में कोई प्रावधान नहीं है.

रिपोर्ट संबंधी सभी बयान और दस्तावेजों की प्रतियां मुहैया कराए जाने के आदेश पर नजीब अहमद के छोटे भाई हसीब अहमद ने मंगलवार को कहा था, ‘नजीब के लापता होने के बाद से यह पहली उम्मीदों भरी ख़बर है, जो हमें मिली है. अब हमें उम्मीद है कि मेरा भाई जल्द वापस आएगा और उसकी गुमशुदगी के जिम्मेदार लोग सलाखों के पीछे होंगे.’

हालांकि उस दिन नजीब की मां फातिमा ख़राब स्वास्थ्य की वजह से सुनवाई के दौरान पेश नहीं हो सकीं.

गौरतलब है कि जेएनयू के एमएससी बायोटेक्नोलॉजी के प्रथम वर्ष के छात्र नजीब अहमद 15 अक्टूबर 2016 को जेएनयू कैंपस से लापता हो गए थे. इससे एक दिन पहले ही नजीब की एबीवीपी के कुछ कार्यकर्ताओं के साथ कथित तौर पर झड़प हुई थी.