एमजे अकबर ने मानहानि मामले में बयान दर्ज कराया, अधिकांश सवालों के जवाब में कहा- याद नहीं

पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक हैं, जिनसे समाज में उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है.

//
पूर्व संपादक और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर (फोटो साभार: फेसबुक)

पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक हैं, जिनसे समाज में उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है.

पूर्व संपादक और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर (फोटो साभार: फेसबुक)
पूर्व संपादक और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्लीः पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी के ख़िलाफ़ दायर कराए मानहानि के मामले में शनिवार को अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया.

नई दिल्ली में अकबर अतिरिक्त प्रमुख मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष पेश हुए. अदालत में लगभग दो घंटे तक हुई सुनवाई में रमानी की वकील रेबेका जॉन ने उनसे सवाल-जवाब भी किए.  ये सवाल रमानी के ‘द एशियन एज’ में काम करने सहित कई अन्य बातों से जुड़े थे.

अकबर ने कहा कि रमानी द्वारा उन पर लगाए गए आरोप दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक हैं.

हालांकि अकबर ने अधिकतर सवालों के जवाब में कहा, ‘मुझे याद नहीं.’ उन्होंने कहा कि इन आरोपों से समाज में उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, एमजे अकबर ने शनिवार को दोहराया कि पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों से उनके परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के बीच उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है.

इससे पहले अदालत की कार्यवाही शुरू होने पर एमजे अकबर ने अपने पत्रकारिता करिअर, राजनीति में प्रवेश, भाजपा में शामिल होने और केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का ब्योरा पेश किया था.

एमजे अकबर की इस जिरह में कई व्यवधान उत्पन्न हुए. वह चाहते थे कि यह जिरह सवाल- जवाब के फॉर्मेट में रहे, जिससे अतिरिक्त चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने इनकार कर दिया.

जब दोनों पक्षों के वकीलों में गहमागहमी हुई तो  मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने कहा कि आरोपी को खुद का बचाव करने का मौका देना चाहिए क्योंकि यह आपराधिक अवमानना का मामला है, जिसमें दोषी पाए जाने पर उन्हें (रमानी) दो साल की जेल हो सकती है.

गौरतलब है कि प्रिया रमानी ने मीटू अभियान के तहत अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा था कि यौन उत्पीड़न की यह घटना 20 साल पहले की है जब अकबर पत्रकार थे. हालांकि, अकबर ने इन आरोपों से इनकार किया है.

अकबर ने इन आरोपों के बाद 17 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और रमानी के खिलाफ निजी तौर पर आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था.

अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 20 मई को तय की है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25