नरेंद्र मोदी की नए सांसदों को नसीहत, ‘छपास’ और ‘दिखास’ से बचें

राजग संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद संसद के केंद्रीय कक्ष में नवनिर्वाचित सदस्यों से नरेंद्र मोदी ने कहा कि अख़बार में छपने और टीवी पर दिखने के मोह से अगर बचकर चलते हैं तो हम बहुत कुछ बचा सकते हैं.

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi being greeted by BJP leader Rajnath Singh upon his arrival at Parliament House, in New Delhi, Saturday, May 25, 2019. (PTI Photo/Atul Yadav) (PTI5_25_2019_000151B)(PTI5_25_2019_000202B)

राजग संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद संसद के केंद्रीय कक्ष में नवनिर्वाचित सदस्यों से नरेंद्र मोदी ने कहा कि अख़बार में छपने और टीवी पर दिखने के मोह से अगर बचकर चलते हैं तो हम बहुत कुछ बचा सकते हैं.

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi being greeted by BJP leader Rajnath Singh upon his arrival at Parliament House, in New Delhi, Saturday, May 25, 2019. (PTI Photo/Atul Yadav) (PTI5_25_2019_000151B)(PTI5_25_2019_000202B)
शनिवार को संसद पहुंचने पर भाजपा नेता राजनाथ सिंह और अमित शाह ने नरेंद्र मोदी का स्वागत किया. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी को शनिवार को भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का नेता सर्वसम्मति से चुन लिया गया. संसद के केंद्रीय कक्ष में नवनिर्वाचित सांसदों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक में मोदी का चुनाव किया गया.

मोदी अब नई सरकार के गठन का दावा पेश करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे जिसके बाद उन्हें अगले प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी. शपथ-ग्रहण समारोह अगले सप्ताह आयोजित हो सकता है.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मोदी के निर्वाचन के बाद कहा, ‘मोदी को सर्वसम्मति से 353 सांसदों के संसदीय दल का नेता चुना जाता है.’

इस दौरान मोदी ने सांसदों और नेताओं का अभिवादन स्वीकार किया.

राजग के वरिष्ठ नेताओं ने गठबंधन के नेता के तौर पर मोदी के चुनाव का समर्थन किया जिनमें जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल शामिल हैं.

इससे पहले मोदी को भाजपा संसदीय दल का नेता चुना गया.

केंद्रीय कक्ष में आयोजित बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी राजग के अन्य नेताओं के साथ मंचासीन थे.

शाह ने मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा और पूर्व पार्टी अध्यक्षों राजनाथ सिंह तथा नितिन गडकरी ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया.

मोदी का चुनाव महज औपचारिकता ही था क्योंकि राजग पहले ही उन्हें गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित कर चुका है.

संसद के केंद्रीय कक्ष में नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘2014 में मैंने कहा था कि मेरी सरकार देश के दलितों, गरीबों, पीड़ितों, वंचितों, आदिवासियों को समर्पित है. आज फिर मैं कहना चाहता हूं कि पांच साल में हमने उस बात से अपने को ओझल नहीं होने दिया.’

उन्होंने कहा, ‘2014 से 2019 तक हमने गरीबों के लिए सरकार चलाई और आज मैं बड़े संतोष के साथ कह सकता हूं कि ये सरकार देश के गरीबों ने बनाई है.’

नरेंद्र मोदी नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्यों से खुद को बदलने की सलाह दी. उन्होंने कहा, ‘वीआईपी कल्चर से देश को बड़ी नफरत है. हम भी नागरिक हैं तो कतार में क्यों खड़े नहीं रह सकते. मैं चाहता हूं कि हमें जनता को ध्यान में रखकर खुद को बदलना चाहिए. लाल बत्ती हटाने से कोई आर्थिक फायदा नहीं हुआ, लेकिन जनता के बीच अच्छा मैसेज गया है.’

उन्होंने कहा, ‘इस देश में बहुत ऐसे नरेंद्र मोदी पैदा हो गए हैं, जिन्होंने मंत्रिमंडल बना दिया है. जो भी जीतकर आए हैं, सब मेरे हैं. सरकार और कोई बनाने वाला नहीं है, जिसकी जिम्मेदारी है वही बनाने वाले हैं. अखबार के पन्नों से न मंत्री बनते हैं, न मंत्रिपद जाते हैं.’

मोदी ने वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी को कोट करते हुए कहा, ‘आडवाणी जी कहते थे कि दो चीजों से बचना चाहिए एक तो ‘छपाSस’ और दूसरा ‘दिखास’. छपास यानी छपने का मोह और दिखास मतलब दिखने का मोह, इससे अगर बचकर चलते हैं तो हम बहुत कुछ बचा सकते हैं. खुद को भी बचा सकते हैं और औरों को भी बचा सकते हैं.’

उन्होंने नए सदस्यों को वीआईपी कल्चर से बचने की सलाह दी.

मालूम हो कि मोदी के नेतृत्व में राजग ने हाल ही में संपन्न हुए आम चुनाव में बड़ी सफलता हासिल की है जिसमें भाजपा की 303 सीटें शामिल हैं.

542 लोकसभा सीटों पर हुए मतदान के बाद लगभग दो दिन तक चली मतगणना के बाद 24 मई को परिणाम घोषित किए गए.

चुनाव परिणाम के आधार पर कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है. वह 52 सीटों पर सिमट गई है. 2014 के चुनाव में पार्टी ने 44 सीटें जीती थीं. वहीं इस लोकसभा चुनाव में द्रमुक को 23 और तृणमूल कांग्रेस तथा वाईएसआर कांग्रेस को 22-22 सीट मिली हैं.

इससे पहले शनिवार दिन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 16वीं लोकसभा भंग करने की कैबिनेट की सिफारिश को मंजूरी दे दी. शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16वीं लोकसभा भंग करने की सिफारिश की थी और राष्ट्रपति से इसे तत्काल प्रभाव से भंग करने का आग्रह किया था.

16वीं लोकसभा का कार्यकाल तीन जून को समाप्त हो रहा है. इसकी पहली बैठक 4 जून 2014 को बुलाई गई थी और तब सदस्यों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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