देश की शिक्षा प्रणाली दुरुस्त करने की ज़रूरतः सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज में दाखिले के एक मामले में सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र और केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि देश में समूची शिक्षा प्रणाली में सुधार होना चाहिए ताकि विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन करते समय छात्रों को परेशानी का सामना न करना पड़े.

/
फोटो: रॉयटर्स

सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज में दाखिले के एक मामले में सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र और केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि देश में समूची शिक्षा प्रणाली में सुधार होना चाहिए ताकि विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन करते समय छात्रों को परेशानी का सामना न करना पड़े.

फोटो: रॉयटर्स
फोटो: रॉयटर्स

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में मेडिकल और डेंटल के पीजी कोर्सेज में दाखिले के मामले में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि देश में समूची शिक्षा प्रणाली दुरुस्त की जानी चाहिए ताकि विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन करते समय छात्रों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.

जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस एमआर शाह की अवकाश पीठ ने मंगलवार को महाराष्ट्र और केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए राज्य में 2019-2020 के शैक्षणिक सत्र में पीजी मेडिकल और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की.

पीठ ने प्रवेश को लेकर व्याप्त अनिश्चितता की वजह से छात्रों की परेशानियों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रतिभाशाली छात्रों के लिए इस तरह की स्थिति बेहद कठिनाई वाली है.

पीठ ने कहा, ‘हमारी चिंता छात्रों को लेकर है. यह हर साल होता है और मेडिकल या दूसरे पाठ्यक्रमों में प्रवेश के बारे में छात्रों के दिमाग में अनिश्चितता बनी रहती है. आप समूची शिक्षा प्रणाली को दुरुस्त क्यों नहीं करते? छात्रों के लिए यह तनाव और चिंता क्यों? यह सब मुकदमेबाजी क्यों? हम राज्यों और केंद्र सरकार से कह रहे हैं कि छात्रों की दशा पर गौर करें. प्रवेश को लेकर अनिश्चितता का अभ्यर्थियों के पूरे करिअर पर प्रभाव पड़ता है.’

महाराष्ट्र में पीजी मेडिकल और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 14 जून तक अंतिम दौर की काउंसलिंग पूरी करने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि महाराष्ट्र में इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश को लेकर व्याप्त अनिश्चितता के लिए राज्य सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने कहा कि मेरिट के क्रम में सभी छात्रों को मौका मिलना चाहिए. मेडिकल व डेंटल पीजी दाखिलों में सामान्य वर्ग के लिए सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दोबारा काउंसलिंग करने के आदेश दिए.

अदालत ने कहा कि ये काउंसलिंग मैन्युअल होगी और सरकार इसके लिए विज्ञापन जारी करेगी. दाखिला प्रक्रिया 14 जून तक खत्म हो.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि इस साल ईडब्ल्यूएस कोटा लागू नहीं होगा. इस फैसले का 25 छात्रों पर असर हुआ और  महाराष्ट्र सरकार को भी झटका लगा था.

महाराष्ट्र सरकार ने  ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी कोटा को चुनौती देने वाली याचिका को ख़ारिज करने की मांग की थी.

राज्य सरकार ने अदालत में कहा था कि कोई भी अंतर्विरोध प्रवेश की पूरी प्रक्रिया को बाधित करेगा लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दाखिला प्रक्रिया नवंबर 2018 में शुरू हुई जबकि ईडब्ल्यूएस आरक्षण जनवरी में लागू हुआ.

महाराष्ट्र सरकार ने सात मार्च को इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया. दाखिला प्रक्रिया शुरू होने के बाद इसे लागू नहीं किया जा सकता, सुप्रीम कोर्ट ने नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी.

दरअसल ‘जनहित अभियान’ नामक संगठन ने महाराष्ट्र में मेडिकल व डेंटल पीजी दाखिलों में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को 10 फीसदी आरक्षण देने का विरोध किया है और इसे रद्द करने की मांग की. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार से उसका पक्ष पूछा था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq