इमरान ख़ान ने नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, मतभेद दूर करने के लिए की बातचीत की पेशकश

नरेंद्र मोदी को दूसरे कार्यकाल के लिए बधाई देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने लिखा है कि क्षेत्रीय विकास के लिए साथ मिलकर काम करना ज़रूरी है. दोनों राष्ट्रों के बीच वार्ता ही दोनों देशों के लोगों को गरीबी से उबरने में मदद करने का एकमात्र समाधान है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: ट्विटर/@MEAIndia)

नरेंद्र मोदी को दूसरे कार्यकाल के लिए बधाई देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने लिखा है कि क्षेत्रीय विकास के लिए साथ मिलकर काम करना ज़रूरी है. दोनों राष्ट्रों के बीच वार्ता ही दोनों देशों के लोगों को गरीबी से उबरने में मदद करने का एकमात्र समाधान है.

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इमरान खान और नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो साभार: विदेश मंत्रालय)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर कहा कि कश्मीर मुद्दा सहित सभी मतभेद दूर करने के लिए उनका देश भारत के साथ वार्ता करना चाहता है.

भारत के प्रधानमंत्री पद पर दूसरे कार्यकाल के लिए मोदी को बधाई देते हुए खान ने पत्र में कहा है कि दोनों राष्ट्रों के बीच वार्ता ही दोनों देशों के लोगों को गरीबी से उबरने में मदद करने का एकमात्र समाधान है और क्षेत्रीय विकास के लिए साथ मिल कर काम करना जरूरी है.

जियो टीवी ने अपनी खबर में यह जानकारी दी. खबर के अनुसार खान ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे सहित सभी समस्याओं का समाधान चाहता है.

इस बीच, नई दिल्ली के सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने मोदी को एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्हें चुनाव में मिली जीत की बधाई दी गई है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया कि यह पत्र कब प्राप्त हुआ.

मोदी के सत्ता में वापस आने के बाद यह दूसरा मौका है जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के लोगों की बेहतरी के लिए भारत के साथ मिल कर काम करने की आकांक्षा जताई है.

गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और पाकिस्तान के बालाकोट में 26 फरवरी को आतंकी ठिकानों पर भारत के एयर स्ट्राइक करने के बाद दोनों देश लगभग युद्ध की कगार पर पहुंच गए थे.

लोकसभा चुनाव में मिली जीत पर 26 मई को इमरान ने नरेंद्र मोदी से बात कर उन्हें बधाई दी थी. वहीं, मोदी ने क्षेत्र में विश्वास पैदा करने तथा शांति एवं समृद्धि के लिए हिंसा और आतंकवाद मुक्त माहौल बनाने की अपील की थी.

हालांकि, भारत ने वार्ता की पाक की पेशकश को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं हो सकती.

इससे पहले, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने नए भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर को एक पत्र लिखा जिसमें कहा गया है कि उनका देश ‘सभी महत्वपूर्ण मुद्दों’ पर भारत के साथ बातचीत चाहता है और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के प्रयासों को लेकर वह प्रतिबद्ध है.

कुरैशी ने पत्र में जयशंकर से कहा कि ‘इस्लामाबाद नई दिल्ली के साथ सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करना चाहता है और इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है.’ एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी.

बता दें कि गुरुवार को भारत ने कहा था कि 13-14 जून को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में दोनों देशों के नेताओं के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी.

भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा  कहा गया था कि किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में एससीओ के शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान की द्विपक्षीय मुलाकात की कोई योजना नहीं है.

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