चोल वंश के राजा पर टिप्पणी करने के चलते तमिल फिल्मकार पा रंजीत पर केस दर्ज

काला और कबाली फिल्म बनाने वाले पा रंजीत ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में चोल वंश के राजा को जातिवादी बताया था और कहा था कि वो समय दलितों के लिए एक काला दौर था.

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काला और कबाली फिल्म बनाने वाले पा रंजीत ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में चोल वंश के राजा को जातिवादी बताया था और कहा था कि वो समय दलितों के लिए एक काला दौर था.

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तमिल फिल्मकार पा रंजीत. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कबाली और काला जैसी फिल्में बनाने वाले चर्चित तमिल फिल्मकार पा रंजीत को चोल वंश के सम्राट, राजा राजा चोलन की आलोचना करने वाली उनकी टिप्पणी के लिए मंगलवार को तंजावुर पुलिस ने मामला दर्ज किया है. उन पर आरोप है कि इस टिप्पणी के जरिए पा रंजीत ‘जातीय विद्वेष भड़काने’ की कोशिश कर रहे हैं.

थिरुपनंडल पुलिस ने हिंदू मक्कल काची नाम के संगठन के तंजावुर जिले के पूर्व सचिव के. बाला द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर रंजीत के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से भड़काऊ बयान देने) और धारा 153 (ए) (1) (ए) (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दलितों के लिए काम करने वाले नीला पुलिगल इयाक्कम नामक संगठन के संस्थापक उमर फारूक की पुण्यतिथि के मौके पर बीते पांच जून को उन्होंने ये बयान दिया था.

उन्होंने दावा किया कि चोल सम्राट के शासनकाल (985-1014) के दौरान दलितों और देवदासी प्रणाली का व्यापक उत्पीड़न होता था. हालांकि, द हिंदू की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रंजीत ने यह टिप्पणी ब्लू पैंथर्स पार्टी द्वारा इस महीने की शुरुआत में आयोजित एक बैठक में की थी.

न्यूज़ मिनट के अनुसार, पा रंजीत ने तमिलनाडु में जाति विभाजन और भेदभाव के मुद्दों को संबोधित किया और राजा चोलन के शासन को इतिहास में दलितों के लिए एक अंधकार युग बताया था.

राजा राजा चोलन ने 985 ईस्वी से 1014 ईस्वी तक शासन किया था. उन्होंने न केवल भारत के बड़े इलाके पर राज किया बल्कि श्रीलंका, मालदीव और पूर्वी एशिया के कुछ हिस्सों पर भी शासन किया था.

पा रंजीत ने कहा, ‘तंजावुर डेल्टा क्षेत्रों की हमारी भूमि उनके शासन के दौरान षड्यंत्र द्वारा हड़प ली गई थी. उनके शासन के दौरान जाति उत्पीड़न शुरू हुआ था, 400 महिलाओं को उनके शासन के दौरान ‘मंगला विलास’ में काम करने के लिए सेक्स वर्कर में बदल दिया गया था. देवदासी प्रणाली को उनके शासन के दौरान लागू किया गया था. उनके शासन के दौरान कोलार गोल्ड फील्ड में लगभग 26 लोगों को बेचा गया था. इसलिए जातिगत भेदभाव तब भी था, यह कोई नई समस्या नहीं है.’

रंजीत जातिगत भेदभाव के मुद्दों पर मुखर राय रखने के लिए जाने जाते हैं. रंजीत की फिल्म काला एक सामाजिक फिल्म थी, जिसमें सामाजिक विषमताओं को बखूबी तरीके से दर्शाया गया था. इस फिल्म में रजनीकांत मुख्य भूमिका में थे.

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