मुज़फ़्फ़रपुर में बच्चों की मौत के बाद जायजा लेने गए सीएम नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी

इंसेफलाइटिस की चपेट में आकर बच्चों की मौत के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री के ख़िलाफ़ परिवाद दायर. बिहार में अब तक तकरीबन 120 बच्चों की मौत इंसेफलाइटिस से हो चुकी है.

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Patna: Bihar Chief Minister Nitish Kumar attends the foundation stone laying ceremony of 'Multipurpose Prakash Kendra and Udyan' at the campus of Guru Ka Bagh in Patna, Sunday, Sept 9, 2018. (PTI Photo)(PTI9_9_2018_000102B)
नीतीश कुमार. (फाइल फोटो: पीटीआई)

इंसेफलाइटिस की चपेट में आकर बच्चों की मौत के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री के ख़िलाफ़ परिवाद दायर. बिहार में अब तक तकरीबन 120 बच्चों की मौत इंसेफलाइटिस से हो चुकी है.

Patna: Bihar Chief Minister Nitish Kumar attends the foundation stone laying ceremony of 'Multipurpose Prakash Kendra and Udyan' at the campus of Guru Ka Bagh in Patna, Sunday, Sept 9, 2018. (PTI Photo)(PTI9_9_2018_000102B)
नीतीश कुमार. (फोटो: पीटीआई)

मुज़फ़्फ़रपुर: एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (दिमागी) बुखार से बिहार के मुजफ्फरपुर में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद हालात का जायजा लेने मंगलवार को यहां पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. स्थानीय लोगों ने उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

जिला प्रशासन के अनुसार, सरकारी एसकेएमसीएच और निजी केजरीवाल अस्पताल में अभी तक दिमागी बुखार से 105 बच्चों की मौत हुई है. एक बच्चे की मौत देर रात हुई है. इस बीमारी की चपेट में आकर बिहार में तकरीबन 120 बच्चों की मौत हो चुकी है.

मुख्यमंत्री शनिवार से ही नई दिल्ली में थे और सोमवार की शाम पटना लौटे. लौटने के बाद उन्होंने दिमागी बुखार के कारण पैदा हालात पर अधिकारियों के साथ आपात समीक्षा बैठक भी की.

बच्चों की लगातार हो रही मौत से लोगों में नाराजगी है. नाराजगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते रविवार को मुजफ्फरपुर के सरकारी एसकेएमसीएच अस्पताल आए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को काले झंडे दिखाए गए. लोगों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए पुलिस भी सतर्क है और अस्पताल के आस-पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

बैठक के बाद सरकारी महकमा कुछ हरकत में आया और प्रदेश सरकार ने कहा कि दिमागी बुखार से पीड़ित सभी बच्चों के इलाज का खर्च बिहार सरकार उठाएगी, फिर चाहे इलाज सरकारी अस्पताल में हो या निजी अस्पताल में.

इस बीच मुजफ्फरपुर में बच्चों की हो रही मौतों को लेकर जिला युवा कांग्रेस द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का पुतला दहन किया गया.

मुजफ्फरपुर जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष सद्दाम हुसैन ने मृतक बच्चों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग करते हुए कहा कि अगर 24 घंटे के भीतर बीमार बच्चों के इलाज के लिए पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों सहित अन्य सुविधा नहीं मुहैया करायी गयी तो युवा कांग्रेस मुजफ्फरपुर बंद का आह्वान करेगी.

बच्चों की मौत को लेकर केंद्र और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के ख़िलाफ़ अदालत में परिवाद

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की एक अदालत में हाल के दिनों में 100 से ज़्यादा बच्चों की मौत को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन व राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ सोमवार को एक परिवाद पत्र दाखिल किया गया.

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) सूर्यकांत तिवारी की अदालत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन व राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ उक्त परिवाद पत्र भादवि की धारा 323, 308 और 540 के तहत अहियापुर थाना अंतर्गत भीखनपुर मुहल्ला निवासी समाजसेवी तमन्ना हाशमी ने सोमवार को दाखिल किया.

हाशमी ने केंद्र व राज्य के स्वास्थ्य मंत्री पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया गया. लोगों के बीच जागरूकता अभियान नहीं चलाया गया तथा बीमारी को लेकर आज तक कोई शोध नहीं किया गया तथा लापरवाही के कारण बच्चों की मौत हुई.

अदालत ने परिवाद की सुनवाई की तारीख 24 जून मुकर्रर की है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)