देश के 91 बड़े जलाशयों में से 80 फीसदी में पानी सामान्य से कम, 11 जलाशय सूखे

देश में बारिश का मौसम एक जून से शुरु होकर 30 सितंबर तक चलता है, लेकिन 22 जून तक मानसून में औसतन 39 फीसदी की कमी दर्ज की गई है.

देश में बारिश का मौसम एक जून से शुरु होकर 30 सितंबर तक चलता है, लेकिन 22 जून तक मानसून में औसतन 39 फीसदी की कमी दर्ज की गई है.

Dried Reservoir Reuters
चेन्नई का सूखा हुआ पुझल जलाशय. (प्रतीकात्मक तस्वीर: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: मानसून कछुए की गति से आगे बढ़ रहा है. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल मौसम विभाग के 84 प्रतिशत उप संभागों (सबडिविजन) में बेहद कम बारिश दर्ज की गई है.

वहीं, केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देश के 91 बड़े जलाशयों में से 80 प्रतिशत में पानी सामान्य से कम है. यहां तक कि 11 जलाशयों में पानी का भंडारण शून्य प्रतिशत है जो देश में पानी की भीषण कमी को दिखाता है.

देश में बारिश का मौसम एक जून से शुरु होकर 30 सितंबर तक चलता है, लेकिन 22 जून तक मानसून में औसतन 39 प्रतिशत कमी दर्ज की गई है. देश में मौसम विभाग के 36 उपसंभागों में से 25 प्रतिशत ने ‘कम’ वर्षा दर्ज की है, जबकि छह उपसंभागों में ’‘बेहद कम बारिश’ दर्ज की गई है.

ओडिशा और लक्षद्वीप डिविजन में ‘सामान्य’ वर्षा दर्ज की गई है. जम्मू-कश्मीर और पूर्वी राजस्थान में ‘ज्यादा’ बारिश दर्ज की गई है जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ‘बहुत ज्यादा बारिश’ दर्ज की गई है.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के चार डिविजन हैं- पूर्व एवं उत्तर पूर्व, दक्षिणी प्रायद्वीप, मध्य भारत और उत्तर पश्चिम भारत.

पूर्व एवं उत्तर पूर्व डिविजन में पूर्वोत्तर के राज्य, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल आते हैं. इन सभी क्षेत्रों में कम बारिश हुई है. मध्य भारत के 10 उपसंभागों में से सिर्फ ओडिशा में सामान्य बारिश हुई है.

महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र सहित चार उपसंभागों में ‘बेहद कम’ बारिश हुई है. इन क्षेत्रों के जलाशयों में भंडारण बिलकुल निचले स्तर पर पहुंचने के कारण यहां सूखे जैसी स्थिति है. पूर्वी मध्य प्रदेश उपसंभाग में भी ‘बेहद कम’ वर्षा दर्ज हुई है.

मध्य भारत के गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ उपसंभागों में भी ‘कम’ वर्षा दर्ज की गई है. हालांकि चक्रवात ‘वायु’ ने जरूर बारिश की कमी से कुछ राहत दिलायी है. इन दो उपसंभागों में नौ जून तक बारिश की कमी 100 प्रतिशत तक थी.

दक्षिणी प्रायद्वीप डिविजन के 10 में से 8 डिविजन में बेहद कम बारिश दर्ज की गई. इन दो डिविजन्स में से अंडमान और निकोबार द्वीप डिविजन में अतिरिक्त बारिश जबकि लक्षद्वीप में सामान्य बारिश दर्ज की गई.

भीषण जल संकट से जूझ रहे चेन्नई, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल उप संभाग में करीब 38 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई.

हालांकि स्थिति में थोड़ा सुधार दिख रहा है. मौसम विभाग ने रविवार को कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, मराठवाड़ा और विदर्भ के अधिकतर हिस्सों में मानसून आगे बढ़ा है.

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