क्या शिवपाल यादव किंगमेकर बनने की तैयारी कर रहे हैं?

​उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अगर किसी दल को बहुमत नहीं मिलता है तो सरकार बनाने में शिवपाल की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी.

shivpal
(फोटो साभार: फेसबुक)

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अगर किसी दल को बहुमत नहीं मिलता है तो सरकार बनाने में शिवपाल की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाएगी.

shivpal
शिवपाल यादव, साभार: शिवपाल यादव फेसबुक पेज

 

‘तुम सरकार बनाओ, मैं पार्टी बनाऊंगा’! उत्तर प्रदेश के पूर्व कद्दावर मंत्री शिवपाल सिंह यादव की अपने भतीजे और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इटावा से दी गई ये खुली चुनौती यूं ही नहीं है.

सरकार बनाने व गिराने में महारत रखने वाले शिवपाल यादव उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम आने के बाद किसी भी दल के बहुमत तक न पहुंचने की स्थिति में चाणक्य की भूमिका निभाने की तैयारी में जुट गए हैं.

वाया लोकदल शिवपाल यादव अपनी योजना को अमलीजामा पहनाने की योजना बना रहे हैं. सपा के कुछ बागी विधायक जहां लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं सपा के साइकिल चुनाव निशान से मैदान में उतरे कई दूसरे विधायकों पर भी शिवपाल की नजर है. ये सपा के वो विधायक हैं, जिन्हें माना तो शिवपाल यादव के कैंप का है लेकिन टिकट अखिलेश यादव ने भी दिया है.

ये होगी रणनीति

शिवपाल यादव के करीबियों का मानना है कि प्रदेश के राजनीतिक परिवेश को देखते हुए अगर किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो ऐसी दशा में जिसे भी सरकार बनानी होगी उसका समर्थन शिवपाल यादव के नेतृत्व वाले विधायक करेंगे. शिवपाल की इस रणनीति को साकार करने में महत्वपूर्ण रोल लोकदल अदा कर रहा है.

shivpal amar
शिवपाल यादव और अमर सिंह, साभार: शिवपाल यादव फेसबुक पेज

जानकारों का मानना है कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले साइकिल चुनाव निशान से मैदान में ताल ठोक रहे कई विधायक भी शिवपाल यादव के साथ ही आस्था रखते हैं. ये विधायक अगर इस बार भी चुनाव जीत जाते हैं तो वे भी नई सरकार बनवाने में शिवपाल के साथ खड़े दिख सकते हैं. इनमें से अधिकांश वे विधायक हैं जिनका नाम मुलायम और अखिलेश दोनों की लिस्ट में शामिल है.

इस बात की पुष्टि लोकदल के मुखिया सुनील सिंह भी करते हैं. वे कहते हैं, ‘लोकदल ही नहीं सपा व दूसरे अन्य दलों से भी चुनाव में उतरे कई विधायक व दूसरे नेता सरकार बनाने में हमारी मदद करेंगे.’

अंबिका चौधरी व नारद राय जैसे पुराने समाजवादी नेता भी इस बार हाथी पर बैठकर चुनावी समर को पार करना चाहते हैं. जबकि ये दोनों शिवपाल के करीबी माने जाते हैं.

ऐसे में इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव परिणाम आने के बाद सपा से ही नहीं बसपा से भी कुछ विधायक शिवपाल को समर्थन कर सकते हैं.

जानकार बताते हैं कि लोकदल जैसे नए सिंबल से सभी विधायकों व नेताओं को लड़ाना व जिताना आसान नहीं था. इसीलिए शिवपाल समर्थकों को अलग-अलग जगहों से टिकट देकर चुनाव में उतारा गया है.

300 सीटों पर उतार रहे हैं प्रत्याशी

लोकदल पूरे प्रदेश में करीब 300 प्रत्याशियों को मैदान में उतार रहा है. इनमें से समाजवादी पार्टी के तीन वर्तमान विधायक व एक पूर्व विधायक भी शामिल हैं. इन विधायकों में सीतापुर जिले की विसवां विधानसभा से वर्तमान विधायक रामपाल सिंह यादव का भी नाम है.

रामपाल कुछ महीने पहले उस समय चर्चा में आए थे जब मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद लखनऊ व सीतापुर के जिला प्रशासन ने उनकी कई इमारतों को अवैध बताते हुए गिरा दिया था.

उस समय रामपाल ने अखिलेश को सीधे निशाने पर लिया था. रामपाल के अतिरिक्त एटा सदर से सपा के विधायक आशीष कुमार यादव व जसराना से विधायक रामवीर सिंह भी लोकदल के टिकट से ही चुनावी मैदान में हैं.

shivpal-mulayam-pti
शिवपाल यादव और मुलायम सिंह यादव, साभार: शिवपाल यादव फेसबुक पेज

इन वर्तमान विधायकों के अतिरिक्त बाराबंकी के पूर्व विधायक छोटेलाल यादव भी शिवपाल के साथ कदम मिलाते हुए लोकदल से भाग्य आजमा रहे हैं.

2003 में भी शिवपाल ने निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

सपा में मचे पारिवारिक घमासान के बीच शिवपाल समर्थकों में फिलहाल उत्साह कम नहीं है. शिवपाल समर्थकों का मानना है कि 2003 में बसपा की सरकार को गिराने और मुलायम को मुख्यमंत्री बनवाने में शिवपाल की ही महत्वपूर्ण भूमिका थी.

शिवपाल यादव के एक करीबी बताते हैं कि उस समय बसपा को लेकर अस्थिरता का दौर चल रहा था. बसपा को हटाकर सपा की सरकार बनाने का ताना-बाना बुना जा रहा था. दूसरे दलों के कई विधायक गुपचुप तरीके से शिवपाल यादव के समर्थन में थे. इसकी जानकारी जब मुलायम सिंह यादव को हुई तो उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र में बैसाखी की सरकार देर तक नहीं टिकती है.

इसके जवाब में शिवपाल ने कहा था कि सरकार भले न बना पाऊं, गिरा जरूर दूंगा. 2003 की ही तरह अगर इस चुनाव में भी किसी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो एक बार फिर शिवपाल यादव चाणक्य की भूमिका निभा सकते हैं.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25