असम: एईएस के 10 मामले सामने आए, केंद्र ने भेजी डॉक्टरों की टीम

असम सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मुख्य सचिव समीर सिन्हा ने बताया कि इस साल जिन लोगों की मौत एईएस के कारण हुई है उनमें 10 वयस्क जबकि दो बच्चे शामिल हैं.

Muzaffarpur: Children showing symptoms of Acute Encephalitis Syndrome (AES) being treated at a hospital in Muzaffarpur, Saturday, June 15, 2019. Four more children died Friday in Bihar's Muzaffarpur district reeling under an outbreak of brain fever, taking the toll to 57 this month (PTI Photo)(PTI6_15_2019_000045B)
Muzaffarpur: Children showing symptoms of Acute Encephalitis Syndrome (AES) being treated at a hospital in Muzaffarpur, Saturday, June 15, 2019. Four more children died Friday in Bihar's Muzaffarpur district reeling under an outbreak of brain fever, taking the toll to 57 this month (PTI Photo)(PTI6_15_2019_000045B)

असम सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मुख्य सचिव समीर सिन्हा ने बताया कि इस साल जिन लोगों की मौत एईएस के कारण हुई है उनमें 10 वयस्क जबकि दो बच्चे शामिल हैं.

Muzaffarpur: Children showing symptoms of Acute Encephalitis Syndrome (AES) being treated at a hospital in Muzaffarpur, Saturday, June 15, 2019. Four more children died Friday in Bihar's Muzaffarpur district reeling under an outbreak of brain fever, taking the toll to 57 this month (PTI Photo)(PTI6_15_2019_000045B)
प्रतीकात्मक तस्वीर. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: असम में इस साल अभी तक एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या चमकी बुखार से संबंधित 10 मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने डॉक्टरों की एक टीम को रवाना कर दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, असम सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव समीर सिन्हा ने बताया कि असम में इस साल अभी तक एईएस के 10 मामले सामने आए हैं.

वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने हालात की समीक्षा के लिए डॉक्टरों की एक केंद्रीय टीम को रवाना कर दिया है.

सिन्हा ने कहा कि इस साल जिन लोगों की मौत एईएस के कारण हुई है उनमें 10 वयस्क जबकि दो बच्चे शामिल हैं.

उन्होंने कहा, हम मामले पर पूरी तरह से नजर रखे हुए हैं. देखभाल, टीकाकरण और इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है. असम में यह एक बार-बार होने वाली घटना है और अगर आप पिछली बार से इसकी तुलना करेंगे तो आप देखेंगे कि ऐसे मामलों और उनमें होने वाली मौतों की संख्या काफी कम है. हम हर संभव कदम उठा रहे हैं.

गुवाहाटी में डॉक्टरों का कहना है कि जापानी इंसेफलाइटिस (जापानी बुखार) के टीके के इजाद होने से हर साल मरीजों की संख्या में कमी आती जा रही है. बता दें कि भारत में एईएस का एक प्रमुख कारण जापानी इंसेफलाइटिस ही है.

सरकारी आंकड़ों को देखें तो असम में एईएस से होने वाली मौतों की संख्या साल 2012 में जहां 100 थी तो वहीं 2017 में यह घटकर 58 रह गई.

वहीं, हर्षवर्धन ने मंत्रालय को निर्देश दिया कि राज्य को सभी तरह की सहायता और सहयोग मुहैया कराई जाए.

उन्होंने कहा, ‘मैं स्थिति पर करीब नजर रख रहा हूं. स्वास्थ्य मंत्रालय असम सरकार के साथ मिलकर जापानी इंसेफलाइटिस की रोकथाम के प्रबंधन के लिए काम कर रहा है, ताकि राज्य में इसके मामले नहीं बढ़े.’

मंत्री ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस रोग की पहचान और इस पर नजर रखने से संबंधित सभी तरह की तकनीकी किट और जरूरी चीजें राज्य सरकार को मुहैया कर रही है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अतिरिक्त सचिव संजीव कुमार के नेतृत्व में नेशनल वेक्टर बोर्न डिजिज कंट्रोल प्रोगाम, नई दिल्ली के अधिकारियों की एक टीम असम रवाना हुई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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