डॉयचे बैंक दुनिया भर से 18,000 कर्मचारियों की करेगा छंटनी, भारत पर भी पड़ेगा असर

डॉयचे बैंक की ओर से भारत में इक्विटी कारोबार डेस्क बंद करने की संभावना. भारत में कितने कर्मचारी छंटनी के दायरे में आएंगे, इस बारे में जानकारी देने से बैंक ने मना कर दिया.

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(फोटो: रॉयटर्स)

डॉयचे बैंक की ओर से भारत में इक्विटी कारोबार डेस्क बंद करने की संभावना. भारत में कितने कर्मचारी छंटनी के दायरे में आएंगे, इस बारे में जानकारी देने से बैंक ने मना कर दिया.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

मुंबई: डॉयचे बैंक इंडिया ने मंगलवार को कहा कि उसकी मूल कंपनी के दुनिया भर से 18,000 कर्मचारियों की छंटनी करने का कुछ असर भारत में भी होगा. हालांकि, कितने कर्मचारी छंटनी के दायरे में आएंगे इस बारे में जानकारी देने से मना कर दिया.

हाल में जर्मनी के इस बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक और वित्तीय सेवा कंपनी ने अपने वैश्विक इक्विटी कारोबार को बंद करने और सनिश्चित आय परिचालन में कटौती की घोषणा की थी. इससे वैश्विक स्तर पर 18,000 नौकरियां प्रभावित होंगी जबकि बैंक को सालाना 8.3 अरब डॉलर बचाने में मदद मिलेगी.

एक सूत्र ने बताया, ‘यकीनन भारत में इक्विटी कारोबार डेस्क भी बंद होगी. इसे लेकर संदेह नहीं है. इसमें कारोबार, शोध और बिक्री में रोजगार हैं.’

उद्योग सूत्रों के मुताबिक, एक विदेशी बैंक आमतौर पर अपने संस्थागत इक्विटी कारोबार में 25 से 35 कर्मचारी रखता है. हालांकि, उसके विदेशी वैश्विक वितरण केंद्र के माध्यम से विदेशी बाजारों के लिए काम करने वाले अन्य कर्मचारी हो सकते हैं, जो कि इससे प्रभावित हो सकते हैं.

बैंक के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. हम अपने कर्मचारियों से उनकी नौकरियों और उनके लिए उपलब्ध विकल्पों के बारे में सीधे बातचीत करेंगे.’

प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे फैसलों का लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. इसीलिए इन परिवर्तनों को लागू करते समय जितना संभव हो हम उतना संवेदनशील और जिम्मेदाराना तरीके से काम करेंगे.

मालूम हो कि डॉयचे बैंक ने पुनर्गठन की योजना के तहत कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा की है. बैंक की ओर से कहा गया है कि साल 2022 तक कंपनी के कुल 74,000 कर्मचारियों में से 18,000 कर्मचारियों को बाहर किया जाएगा. यह कदम कंपनी की समायोजित लागत को चौथाई करते हुए 19 मिलियन डॉलर तक लाने की दिशा में एक कदम है.

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, सिडनी, हांगकांग, लंदन, न्यूयॉर्क और बेंगलुरु समेत दुनिया भर के कर्मचारियों को बीते आठ जुलाई को उनकी एक महीने की सैलरी के साथ पत्र दे दिया गया है.

डॉयचे बैंक को पुनर्गठन से संबंधित लागतों के कारण अपनी दूसरी तिमाही में 2.8 मिलियन डॉलर का नुकसान होने की उम्मीद है.

बैंक ने अपने व्यवसाय का एक बड़ा हिस्सा बंद कर दिया, जिसकी वजह से विशेष रूप से सिडनी और हांगकांग में काम कर रहे कर्मचारी प्रभावित होंगे.

डॉयचे बैंक यूरोप, अमेरिका और एशिया के तकरीबन 58 देशों में कार्यरत है. अप्रैल 2018 के आंकड़ों के अनुसार अपनी कुल संपत्ति के साथ यह दुनिया का 15वां सबसे बड़ा बैंक था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)