पीट-पीटकर मार दिए गए पहलू ख़ान के बेटों के ख़िलाफ़ जांच के लिए पुलिस को मंज़ूरी

राजस्थान की अलवर पुलिस ने गोवंश की ढुलाई के मामले में पहलू ख़ान के दो बेटों- इरशाद और आरिफ़ तथा ट्रक ऑपरेटर ख़ान मोहम्मद के ख़िलाफ़ आगे जांच के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था.

Irshad Khan, 24, holds a picture of his father Pehlu, who was beaten to death by a mob of Hindu vigilantes in April when transporting cattle back to his home in the village of Jaisinghpur. REUTERS/Cathal McNaughton
इरशाद खान के हाथ में उनके पिता पहलू खान की तस्वीर. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

राजस्थान की अलवर पुलिस ने गोवंश की ढुलाई के मामले में पहलू ख़ान के दो बेटों- इरशाद और आरिफ़ तथा ट्रक ऑपरेटर ख़ान मोहम्मद के ख़िलाफ़ आगे जांच के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था.

Irshad Khan, 24, holds a picture of his father Pehlu, who was beaten to death by a mob of Hindu vigilantes in April when transporting cattle back to his home in the village of Jaisinghpur. REUTERS/Cathal McNaughton
पहलू ख़ान की तस्वीर. (फोटो: रॉयटर्स)

जयपुर: अलवर की एक अदालत ने गैर कानूनी तरीके से गोवंश की ढुलाई के मामले में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार दिए गए पहलू खान के दो बेटों और एक ट्रक ऑपरेटर के खिलाफ आगे जांच करने की अनुमति पुलिस को दे दी है.

सहायक लोक अभियोजक प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि अलवर जिले में बहरोड़ के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) ने इस बारे में दायर प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया है.

पुलिस ने गैर कानूनी तरीके से गोवंश की ढुलाई के मामले में पहलू खान के दो बेटों- इरशाद और आरिफ और ट्रक ऑपरेटर खान मोहम्मद के खिलाफ आगे जांच के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था. अग्रवाल के अनुसार अदालत ने इसमें आगे की जांच की मंजूरी दे दी है.

इन तीनों आरोपियों के खिलाफ राजस्थान पुलिस ने इस साल मई में आरोप पत्र दायर किया था. तीनों को राजस्थान गोवंश पशु अधिनियम, 1995 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है. पहलू खान का नाम आरोप पत्र से हटा दिया गया है, क्योंकि उनकी मृत्यु हो चुकी है।

उल्लेखनीय है कि अपने दोनों बेटों के साथ मवेशी ले जा रहे पहलू खान पर एक अप्रैल 2017 को कथित गोरक्षकों की भीड़ ने बहरोड़ (अलवर) में हमला कर दिया था. भीड़ ने उनकी बेरहमी से पिटाई की थी, दो दिन बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई.

पहलू खान व उनके बेटे मवेशी लेकर हरियाणा के नूह जा रहे थे और हमला करने वाली भीड़ का उन पर गो-तस्करी करने का संदेह था.

अलवर के पुलिस अधीक्षक पारिस अनिल देशमुख ने कुछ दिन पहले बताया था कि पुलिस ने एक मामले की जांच को आगे बढ़ाने के लिए स्वीकृति मांगी है. उन्होंने बताया कि मामले की कुछ पहलुओं पर जांच आगे बढ़ाई जाएगी.

बीते आठ जुलाई को इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पुलिस अधीक्षक देशमुख ने बताया था, ‘परिवार का दावा था कि वे मवेशी अलवर जिले के टापूकारा ले जा रहे हैं. ट्रक के मालिक का दावा था कि उसने इस घटना से पहले ही ट्रक बेच दिया था. हम इस सभी बिंदुओं पर दोबारा जांच करना चाह रहे थे.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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