असम में बाढ़ से 8 लाख से अधिक लोग प्रभावित, मृतकों की संख्या बढ़कर छह हुई

असम के 33 में से 21 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. राज्य के 7,600 से अधिक लोगों को अपना घर छोड़कर 68 राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है. बाढ़ से 27,864 हेक्टेयर फसल भी नष्ट हो गई है.

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Kochi: Rescue officials assist villagers out of a flooded area following heavy monsoon rainfall, near Kochi on Wednesday, Aug 15, 2018. (PTI Photo) (PTI8_15_2018_000266B)
प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो: पीटीआई)

असम के 33 में से 21 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. राज्य के 7,600 से अधिक लोगों को अपना घर छोड़कर 68 राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है. बाढ़ से 27,864 हेक्टेयर फसल भी नष्ट हो गई है.

Kochi: Rescue officials assist villagers out of a flooded area following heavy monsoon rainfall, near Kochi on Wednesday, Aug 15, 2018. (PTI Photo) (PTI8_15_2018_000266B)
प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो: पीटीआई)

गुवाहाटीः असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. राज्य के 33 में से 21 जिले ब्रह्मपुत्र नदी एवं उसकी सहायक नदियों में आई बाढ़ से प्रभावित हैं. मृतकों की संख्या बढ़कर छह हो गई है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के मुताबिक,  इस साल राज्य में बाढ़ से 1,556 गांवों के 8.69 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.

बाढ़ की वजह से 7,600 से अधिक लोगों को अपने घर छोड़कर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा और 68 राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी. बाढ़ से 27,864 हेक्टेयर की फसल भी नष्ट हुई है.

असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, प्रभावित जिलों में धेमाजी, लखीमपुर, बिस्वनाथ, नलबाड़ी, चिरांग, गोलाघाट, माजुली, जोरहाट, डिब्रूगढ़, नगांव, मोरीगांव, कोकराझार, बोंगाईगांव, बक्सा, सोनितपुर, दर्रांग और बारपेटा शामिल हैं.

बारपेटा में सर्वाधिक हालत गंभीर है, जहां 85,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.

काजीरंगा संभागीय वन अधिकारी रुहिनी सैकिया ने बताया कि बाढ़ से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान भी प्रभावित हुआ है, जिसके कारण अधिकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर गुजरने वाले वाहनों की आवाजाही सीमित करने के लिये सड़क पर अवरोधक लगाए हैं.

गोलाघाट प्रशासन ने उद्यान के आसपास सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है क्योंकि बाढ़ की वजह से पशु यहां से निकलकर अपनी सुरक्षा में ऊंचाई वाले स्थान की तलाश में राष्ट्रीय राजमार्ग को पार कर कार्बी आंगलोंग पर्वतीय क्षेत्र की ओर जा रहे हैं.

अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. मौसम विभाग द्वारा बारिश के अनुमान के बाद फेरी सेवाओं को शुक्रवार को बंद कर दिया गया था.

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने स्थिति का जायजा लेने के लिए क्षेत्रों के डिप्टी कमिश्नर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. उन्होंने डिप्टी कमिश्नर्स को निर्देश दिए कि इमरजेंसी में आने वाली कॉलों का फौरन जवाब दिया जाए.

गौरतलब है कि इससे पहले अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में मूसलाधार बारिश के बाद हुए भूस्खलन के कारण चारदीवारी एक स्कूल के छात्रावास की इमारत पर गिर गई थी, जिसके कारण दो छात्राओं की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गईं थी.

मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इस हादसे में छात्राओं के मारे जाने पर शोक जताया.

सिक्किम और कलिम्पोंग को सिलीगुड़ी से जोड़ने वाला हाइवे लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन की वजह से बंद कर दिया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)