राजस्थान: दलित महिला ने पुलिसवालों पर लगाया गैंगरेप का आरोप, देवर की हो चुकी है हिरासत में मौत

मामला राजस्थान के चुरु जिले का है. आरोप है कि पुलिस ने महिला और उसके देवर को चोरी एक मामले में गिरफ़्तार किया था. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिला के देवर को 6 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और उसी रात पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी.

प्रतीकात्मक फोटो, साभार: Domi/ Flickr (CC BY-NC 2.0)

मामला राजस्थान के चुरु जिले का है. आरोप है कि पुलिस ने महिला और उसके देवर को चोरी एक मामले में गिरफ़्तार किया था. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिला के देवर को 6 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और उसी रात पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी.

प्रतीकात्मक फोटो, साभार: Domi/ Flickr (CC BY-NC 2.0)
प्रतीकात्मक फोटो, साभार: Domi/ Flickr (CC BY-NC 2.0)

जयपुर: राजस्थान के चुरु जिले की रहने वाली 35 वर्षीय दलित महिला के परिवारवालों ने आरोप लगाया है कि पुलिसवालों ने उसके साथ गैंगरेप किया और चोरी के एक मामले में आठ दिनों तक गैरकानूनी रूप से हिरासत में रखा.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने बताया, ‘महिला के देवर को 6 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और उसी रात पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. इस मामले की जांच अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से कराई जा रही है.’

शनिवार को जयपुर में पत्रकारों से बात करते हुए महिला के पति ने कहा, ’30 जून को पुलिस ने मेरे 22 वर्षीय भाई को चोरी के आरोप में उठा लिया था. 3 जुलाई को वे उसे वापस लेकर आए लेकिन उसी दिन उसे वापस ले जाने के दौरान वे मेरी पत्नी को भी ले गए.’

महिला के पति ने आगे कहा, ‘ इसके बाद 6-7 जुलाई की मध्यरात्रि को पुलिस ने मेरे भाई को प्रताड़ित किया और उसकी हत्या कर दी. वहीं, प्रताड़ना की गवाह मेरी पत्नी के साथ पुलिसवालों ने गैंगरेप किया. उन्होंने उसके नाखून भी उखाड़े, आंखों  और उंगलियों को चोंट पहुंचाई.’

उन्होंने कहा, ‘मेरे भाई की मौत के बाद भी 10 जुलाई तक मेरे पत्नी को जबरन पुलिस हिरासत में रखा गया.’

महिला के परिवारवालों द्वारा लगाए गए आरोपों पर संज्ञान लेते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने शुक्रवार देर रात एक आदेश जारी किया. आदेश के अनुसार, चुरु के पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार शर्मा को हटा दिया गया और नई तैनाती के लिए इंतजार करने को कहा गया. वहीं, संबंधित पुलिस सर्कल के अधिकारी को भी निलंबित कर दिया गया.

इससे पहले, पुलिस हिरासत में होने वाली दलित युवक की मौत के बाद पुलिस अधीक्षक ने संबंधित थाने के एसएचओ, एक हेड कांस्टेबल और छह अन्य कांस्टेबल को निलंबित कर दिया था.

महिला के एक अन्य देवर ने कहा, ‘6 जुलाई को जब पुलिस कुछ देरे के लिए मेरे भाई को गांव लेकर आई तब उससे कहा कि वह आखिरी बार अपने परिवार को देख रहा है. आठ दिन तक पुलिस हिरासत में रहने के बाद 10 जुलाई को जब मेरी भाभी वापस घर आई तब उसकी हालत बेहद खराब थी.’

11 जुलाई को महिला को जयपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं, परिवार ने इस संबंध में कार्रवाई की मांग करते हुए शुक्रवार को अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध), बीएल सोनी ने कहा, ‘महिला का बयान दर्ज कर लिया गया है. महिला की शिकायत के आधार पर हमने मामला दर्ज करने का फैसला किया है. हम इसकी जांच क्राइम ब्रांच से कराएंगे.’

एक ओर जहां परिवार का दावा है कि हिरासत में मरने वाले दलित युवक को पुलिस ने 30 जून को उठाया था तो वहीं पुलिस का कहना है कि उसने उसे 3 जुलाई को पकड़ा था.

चुरु के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रकाश कुमार शर्मा ने कहा, ‘3 जुलाई को पुलिस को सूचना मिली कि पास की बस्ती में गांव वालों ने एक संदिग्ध चोर को पकड़ा है. वहां पहुंचने पर पता चला कि गांव वालों ने उसे बहुत पीटा है.’

उन्होंने कहा, ‘पुलिस स्टेशन ले जाने पर पता चला कि गांव के ही एक शख्स ने पिछले साल उसके ऊपर चोरी के मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी. हालांकि, इस मामले में कोई आरोपपत्र नहीं दाखिल किया गया था.’

उन्होंने आगे कहा कि युवक को 3 जुलाई को ही छोड़ दिया गया था.

शर्मा ने कहा, ‘स्थानीय पुलिस ने कहा कि 6 जुलाई की शाम को पुलिस उसके घर गई और उसकी गिरफ्तारी की. पुलिस स्टेशन में तैनात कर्मियों का दावा है कि 6 से 7 जुलाई की मध्यरात्री 1:45 बजे वह बीमार पड़ गया और अस्पताल ले जाने पर 2:15 बजे उसकी मौत हो गई.’

उन्होंने आगे कहा कि पोस्टमार्टम करने वाले मेडिकल बोर्ड की अंतरिम रिपोर्ट ने युवक के मौत का कारण दिल का दौरा बताया है. वहीं, युवक की मौत से जुड़े अन्य तथ्यों की न्यायिक जांच की जा रही है.

उन्होंने कहा कि महिला द्वारा लगाए गए रेप के आरोपों के बारे उन्हें तब पता चला जब महिला को जयपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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