तकनीकी खामी की वजह से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण टला, नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी

इसरो ने इससे पहले प्रक्षेपण की तारीख जनवरी के पहले सप्ताह में रखी थी, लेकिन बाद में इसे बदलकर 15 जुलाई कर दिया था. चंद्रयान-2 को जीएसएलवी एमके III रॉकेट के जरिये चांद पर ले जाया जाना था.

इसरो ने इससे पहले प्रक्षेपण की तारीख जनवरी के पहले सप्ताह में रखी थी, लेकिन बाद में इसे बदलकर 15 जुलाई कर दिया था. चंद्रयान-2 को जीएसएलवी एमके III रॉकेट के जरिये चांद पर ले जाया जाना था.

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चंद्रयान-2 को जीएसएलवी एमके III रॉकेट के जरिये चांद पर ले जाया जाना था. (फोटो: इसरो/पीटीआई)

श्रीहरिकोटा: भारत ने सोमवार तड़के होने वाले चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को तकनीकी खामी की वजह से टाल दिया. इसके लिए अब नई तारीख की घोषणा की जाएगी.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ट्वीट किया, ‘प्रक्षेपण यान प्रणाली में टी-56 मिनट पर तकनीकी खामी दिखी. एहतियात के तौर पर चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण आज के लिए टाल दिया गया है. नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी.’

सोमवार तड़के 2.51 बजे होने वाले प्रक्षेपण की उल्टी गिनती 56 मिनट 24 सेकंड पहले मिशन नियंत्रण कक्ष से घोषणा के बाद रात 1.55 बजे रोक दी गई.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रक्षेपण देखने के लिए श्रीहरिकोटा में ही थे.

इसरो की ओर से प्रक्षेपण टालने की आधिकारिक पुष्टि किए जाने से पहले भ्रम की स्थिति बनी रही.

इसरो के सह-निदेशक (जनसंपर्क) बीआर गुरुप्रसाद ने कहा, ‘प्रक्षेपण यान प्रणाली में टी-56 मिनट पर एक तकनीकी खामी दिखी. एहतियात के तौर पर चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण आज के लिए टाल दिया गया है.’ उन्होंने कहा, ‘नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी.’

इसरो के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘तकनीकी खामी की वजह से प्रक्षेपण टाला जाता है. लॉन्च) विंडो के अंदर प्रक्षेपण करना संभव नहीं है. प्रक्षेपण की नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी.’

अंतरिक्ष एजेंसी ने इससे पहले प्रक्षेपण की तारीख जनवरी के पहले सप्ताह में रखी थी, लेकिन बाद में इसे बदलकर 15 जुलाई कर दिया था. चंद्रयान-2 को जीएसएलवी एमके III रॉकेट के जरिए चांद पर ले जाया जाना था.

श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आज तड़के होने वाले प्रक्षेपण पर पूरे देश की निगाहें लगी थीं. इस 3,850 किलोग्राम वजनी अंतरिक्ष यान को अपने साथ एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर लेकर जाना था.

अब तक के सबसे शक्तिशाली प्रक्षेपण यान जीएसएलवी एमके III रॉकेट के साथ 978 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण होने की स्थिति में इसे चंद्रमा तक पहुंचने में 54 दिन लगते.

पिछले हफ्ते प्रक्षेपण संबंधी पूर्ण अभ्यास के बाद रविवार सुबह 6.51 बजे इसके प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हुई थी.

कई वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने कहा है कि प्रक्षेपण टलने से थोड़ी निराशा जरूर हुई है, लेकिन समय रहते तकनीकी खामी का पता चल जाना एक अच्छी बात है. उन्होंने प्रक्षेपण की नई तारीख की जल्द घोषणा होने की उम्मीद भी व्यक्त की है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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