राजस्थान: महिला रेज़िडेंट डॉक्टर ने की आत्महत्या, परिजन का आरोप- सीनियर करते थे परेशान

आरोप है कि जयपुर के सांगानेरी गेट महिला चिकित्सालय के हॉस्टल में एक रेजिडेंट डॉक्टर साक्षी गुप्ता ने अपने सीनियर्स की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की है.

जयपुर के सांगानेरी गेट महिला चिकित्सालय का मामला. पुलिस ने मृतक रेज़िडेंट डॉक्टर की पांच सीनियरों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है.

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जयपुरः राजस्थान के जयपुर के सांगानेरी गेट महिला चिकित्सालय के हॉस्टल में एक रेज़िडेंट डॉक्टर साक्षी गुप्ता ने बुधवार सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. साक्षी ने दो महीने पहले ही यह अस्पताल जॉइन किया था.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, मौके पर पहुंची पुलिस को सुसाइड नोट नहीं मिला है. साक्षी के परिजनों ने सीनियर डॉक्टर्स पर बेटी को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.

परिजनों का कहना है कि उनकी बेटी रोज फोन कर पांच सीनियर्स डॉ. लीला, डॉ. अदिति, डॉ. वर्षा, डॉ. दीपाली और डॉ. कविता द्वारा प्रताड़ित करने की बात कहती थी. आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ  भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

पुलिस ने बताया की साक्षी हॉस्टल के कमरा नंबर 17 में डॉ. आस्था के साथ रहती थीं. साक्षी फर्स्ट ईयर की छात्रा थीं. हॉस्टल में रहने वाली उनकी साथियों ने बताया कि साक्षी ने मंगलवार शाम को खाना खाने के बाद अपनी मां से काफी देर तक फोन पर बात की थी. इससे पहले उनके माता-पिता हॉस्टल में उनसे मिलकर गए थे.

पुलिस के अनुसार, बुधवार सुबह रूम पार्टनर आस्था, साक्षी को कमरे पर ही छोड़कर हॉस्पिटल चली गई थीं. काफी देर बाद साक्षी जब हॉस्टल से अस्पताल नहीं पहुंचीं तो उसकी तीन दोस्त उसके कमरे में गईं. दरवाजा खटखटाने पर काफी देर तक दरवाजा नहीं खोलने पर हॉस्पिटल प्रशासन और अन्य रेज़िडेंट डॉक्टरों बुलाया. दरवाजा तोड़ने पर अंदर साक्षी की लाश फंदे से लटकती मिली.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, साक्षी के पिता सुमेष का आरोप है कि साक्षी से छह घंटे की जगह 12 घंटे तक ड्यूटी करवाई जाती थी. वह कभी-कभी 24 घंटे तक ड्यूटी करती थी. मरीज को देखने के दौरान भी सीनियर्स उससे कहते कि तुम्हें कुछ नहीं आता. यहां से सामान बांधकर रवाना हो जाओ. साक्षी ने एक बार एचओडी को भी मामले की शिकायत कर अपना ट्रांसफर करने की मांग की थी, लेकिन इसमें भी कोई सुनवाई नहीं हुई.

इस मामले में एसएमएस मेडिकल कॉलेज में विभागाध्यक्ष (गायनोकोलॉजिस्ट) डॉ. केपी बनर्जी का कहना है, ‘मामले की जांच के लिए चार डॉक्टरों की एक टीम गठित की गई है.’

गौरतलब है कि इससे पहले मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल में रेज़िडेंट डॉ. पायल तड़वी ने भी अपने वरिष्ठ डॉक्टरों की प्रताड़ना से तंग आकर बीते 22 मई को आत्महत्या कर ली थी. आरोप है कि वरिष्ठ डॉक्टर उन पर जातिसूचक फब्तियां कसते थे. इस संबंध में पुलिस ने तीनों आरोपी महिला डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया था.

इस मामले में अस्पताल की तीनों डॉक्टरों भक्ति महिरे, हेमा आहुजा और अंकिता खंडेलवाल पर प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की दूसरे वर्ष की छात्रा पायल को लगातार प्रताड़ित करने और जातिसूचक टिप्पणियां करने का आरोप है. इन सभी के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम, आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए आईपीसी की धारा और रैंगिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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