अमिताभ बच्चन से कपूर मिश्रित ठंडे तेल का विज्ञापन न करने की अपील

बीएचयू के प्रोफेसर ने अपने शोध के हवाले से दावा किया है कि ठंडे तेलों का नियमित इस्तेमाल करने से आंखों की रौशनी कमज़ोर पड़ने और तंत्रिका संबंधी बीमारियां होने का ख़तरा हो सकता है.

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बीएचयू के प्रोफेसर ने अपने शोध के हवाले से दावा किया है कि ठंडे तेलों का नियमित इस्तेमाल करने से आंखों की रौशनी कमज़ोर पड़ने और तंत्रिका संबंधी बीमारियां होने का ख़तरा हो सकता है.

Amitabh Navratan Tel 1

गर्मियों के मौसम में अनिद्रा और तनाव से निजात दिलाने का दावा करने वाले ठंडे तेलों से आंखों की रौशनी कमज़ोर पड़ने और तंत्रिका संबंधी बीमारियां होने का ख़तरा हो सकता है.

पिछले दो सालों के दौरान पूर्वांचल और बिहार के करीब 500 मरीजों पर शोध करने के बाद, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट प्रो. विजयनाथ मिश्र ने महानायक अमिताभ बच्चन से कपूर मिश्रित ठंडे तेल का प्रचार नहीं करने की अपील की है.

प्रो. मिश्रा ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि कपूर मिश्रित ठंडे तेल के नियमित प्रयोग से आंखों की रौशनी प्रभावित होती है. साथ ही मस्तिष्क में सूजन और तंत्रिका संबंधी अन्य बीमारियां होने का भी ख़तरा रहता है.

प्रो. मिश्रा ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया बेवसाइट ट्विटर पर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन से बाजार में बिकने वाले कपूर मिश्रित तेलों का विज्ञापन नहीं करने की गुज़ारिश की है.

Vijaynath Mishra
बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट प्रो. विजयनाथ मिश्र. (फोटो: फेसबुक)

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) की ओर से केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीएसटी) को इसके बारे में 71 मरीजों की एक विस्तृत समीक्षा रिपोर्ट भेजी गई है. उन्होंने बताया कि आईएमएस ने इस रपट में डीएसटी से बाज़ार में बिकने वाले ठंडे तेलों में कपूर की मात्रा निर्धारित करने की अपील की है.

मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय के न्यूरोलॉजी विभाग के ओपीडी में पूर्वांचल और बिहार के करीब 500 मरीजों पर पिछले दो सालों के दौरान किए गए शोध में पाया गया है कि लोग अनिद्रा अथवा तनाव दूर करने के लिए बाज़ार में धड़ल्ले से बिकने वाले ठंडे तेलों का प्रयोग करते हैं, जिसके कारण उन्हें मिर्गी, एक्ज़िमा, नर्वस सिस्टम, पाचन तंत्र, किडनी, सांस लेने और तंत्रिका संबंधी अनेक बीमारियां जकड़ लेती हैं.

प्रो. मिश्रा ने बताया कि कपूर गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी बहुत नुकसानदायक है.

प्रो. विजयनाथ मिश्रा ने अमिताभ बच्चन से अपील करते हुए कहा कि वह कपूर मिश्रित ठंडे तेलों का विज्ञापन न करें क्योंकि हर वर्ग और आयु के लोग उन्हें अख़बारों और टीवी विज्ञापनों में इस प्रकार के तेलों का प्रचार करते हुए देखते हैं और विश्वास करके इस प्रकार के उत्पादों का उपयोग करते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हैं.

उन्होंने लिखा, देश में बिकने वाले इस ठंडे तेल के निर्माता अपने रैपर पर सिर दर्द, मोच, गर्दन दर्द या किसी भी दर्द की अचूक दवा होने का दावा करते हैं, जो कि बहुत गलत और भ्रामक है.

उन्होंने कहा कि कुछ लोग विज्ञापन से प्रभावित होकर अनिद्रा अथवा तनाव कम करने के लिए सीधे नाक के ज़रिये भी यह तेल डालते हैं, जो कि सिर में लगाने से दोगुना हानिकारक है.

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आर्युवेद विश्वविद्यालय, जोधपुर में आयुर्वेद विभाग के विभागाध्यक्ष और दृव्यगुण विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ. चंदन सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि कम मात्रा के प्रयोग में यह मानसिक उत्तेजना बढ़ाने वाला है, जबकि इसका अधिक अथवा नियमित प्रयोग आंखों की रोशनी प्रभावित कर सकता है.

उन्होंने बताया कि इसके दृव्य गुण दर्द निवारक और दुर्बलता के उपचार में कारगर हैं, लेकिन इसके नियमित प्रयोग से बचना चाहिए. उन्होंने बताया कि दर्द के लिये प्रयोग होने वाले मूव अथवा आयोडेक्स में भी इसका प्रयोग होता है. इसके खाने से बेहोशी भी आ सकती है.