विभिन्न राज्यों में बारिश से स्थितियां गंभीर, महाराष्ट्र में 30 और केरल में 22 लोगों की मौत

कर्नाटक में नौ लोगों की मौत. महाराष्ट्र में दो लाख से अधिक, कर्नाटक में 80 हज़ार से ज़्यादा और मध्य प्रदेश में नर्मदा बांध के डूब क्षेत्र से तकरीबन 1,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. बारिश के कारण केरल के कोच्चि हवाई अड्डे पर रविवार तक के लिए विमान परिचालन बंद किया गया.

Belgaum: A woman from a flood affected area is rescued by Air Force, in Belgaum district, Thusrday, Aug 8, 2019. (PTI Photo)(PTI8 9 2019 000044B)
Belgaum: A woman from a flood affected area is rescued by Air Force, in Belgaum district, Thusrday, Aug 8, 2019. (PTI Photo)(PTI8 9 2019 000044B)

कर्नाटक में नौ लोगों की मौत. महाराष्ट्र में दो लाख से अधिक, कर्नाटक में 80 हज़ार से ज़्यादा और मध्य प्रदेश में नर्मदा बांध के डूब क्षेत्र से तकरीबन 1,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. बारिश के कारण केरल के कोच्चि हवाई अड्डे पर रविवार तक के लिए विमान परिचालन बंद किया गया.

Belgaum: A woman from a flood affected area is rescued by Air Force, in Belgaum district, Thusrday, Aug 8, 2019. (PTI Photo)(PTI8 9 2019 000044B)
कर्नाटक के बेलगाम जिले के एक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से एक महिला को बाहर निकालती वायुसेना. (फोटो: पीटीआई)

तिरुवनंतपुरम/मंबई/कोच्चि/नई दिल्ली: महाराष्ट्र ,केरल और तमिलनाडु में बाढ़ से हालत गंभीर बनी हुए है. भारी बारिश, तेज हवाओं और भूस्खलन से भारी तबाही हुई है. केरल में बारिश और बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है. दूसरी ओर महाराष्ट्र के पांच पश्चिमी जिलों में दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

केरल के विभिन्न हिस्सों में लगातार जारी भारी बारिश के कारण 22,000 से अधिक लोगों को राहत केंद्रों में स्थानांतरित किया गया है.

एक अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पार्किंग क्षेत्र में पानी भर जाने के कारण पहले तो शुक्रवार को आधी रात तक विमान परिचालन बंद किया गया था और अब परिचालन रविवार 11 अगस्त दोपहर तीन बजे तक बंद रहेगा.

भारी बारिश के कारण पेरियार नदी और हवाई अड्डे से सटी एक नहर में जलस्तर बढ़ जाने के कारण परिचालन निलंबित किया गया था.

राज्य के नौ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है जिनमें वायनाड, मलप्पुरम, कन्नूर और इडुक्की सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं. यहां बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. यहां की प्रमुख नदियों जैसे- मणिमाला, मीनाचल, मूवट्टापुझा, चलियार, वालापट्टनम, इरूवाझीनीपुझा और पंबा में जलस्तर बढ़ा हुआ है.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पतनमतिट्टा, अलप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम और त्रिशूर जिलों में एक या दो स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश होने और 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है.

केरल के तट पर पोझीयूर से कासरगोड तक शनिवार देर रात साढ़े 11 बजे तक 3.2 से 3.7 मीटर तक ऊंची लहरें उठने की संभावना है. अधिकारियों ने मछुआरों को इस दौरान समुद्र में नहीं जाने की सलाह नहीं है.

रेलवे सूत्रों ने बताया कि मरारीकुलम-अलप्पुझा रेल मार्ग में पटरी पर पेड़ गिर जाने से शुक्रवार को सुबह कुछ घंटों के लिए ट्रेन सेवाएं बाधित रहीं. कम से कम चार ट्रेनें- मावेली एक्सप्रेस, राजधानी, धनबाद एक्सप्रेस और गुरुवायुर- विभिन्न स्थानों पर रुकी रहीं.

Kochi: Planes stand parked at Cochin International Airport as all operations were suspended following waterlogging in the runway area, in Kochi, Friday, Aug 9, 2019. According to authorities, services will remain suspended till Sunday. (PTI Photo)(PTI8_9_2019_000037B)
केरल के कोच्चि एयरपोर्ट में भरा पानी. (फोटो: पीटीआई)

कोझिकोड जिले के वाटकरा में भूस्खलन के बाद से तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं. कोट्टायम के पाला में बाढ़ के कारण यातायात बाधित हो गया है.

पुलिस ने बताया कि मलप्पुरम जिले के एदावन्ना में एक मकान के ढह जाने से दो बच्चों समेत एक परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई.

केरल में वर्षा जनित हादसों में बृहस्पतिवार तक आठ लोगों की मौत हो गई थी.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राज्य के 315 राहत शिविरों में शुक्रवार सुबह तक 22,165 लोगों को स्थानांतरित किया गया.

राज्य के राजस्व मंत्री ई. चंद्रशेखरन ने संवाददाताओं को बताया कि भोपाल से रक्षाकर्मियों की चार टीम और नीलगिरि से दो टीम बचाव कार्यों में मदद के लिए यहां पहुंच रही हैं.

वायनाड जिले के मेप्पाडी में शुक्रवार को भूस्खलन के बाद कई लोगों के लापता होने का संदेह हैं. एक मंदिर, एक मस्जिद, दो मकान और कुछ वाहन इस भूस्खलन की चपेट में आ गए.

मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने बृहस्पतिवार रात को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक की थी और कहा था कि राज्य के कई हिस्सों, विशेषकर वायनाड में गंभीर हालात हैं. उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि पिछले तीन दिनों में भारी बारिश के कारण 22 लोगों की मौत हुई है. विजयन ने बताया कि 24 स्थानों पर भूस्खलन हुआ है.

उन्होंने कहा, ‘वायनाड में बृहस्पतिवार शाम को सबसे बड़ा भूस्खलन हुआ था. वायनाड के मेप्पाडी में दो पर्वतीय क्षेत्रों के बीच का इलाका पूरी तरह बह गया.’ सरकार ने भारतीय वायु सेना से सहायता मांगी है. एनडीआरएफ, पुलिस, दमकलकर्मी और वन अधिकारी बचाव अभियान में जुटे हैं.

विजयन ने बताया कि बाढ़ के कारण वायनाड के मेप्पाडी और मलप्पुरम के नीलाम्बुर सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं. बचाव अभियान में मदद करने के लिए एनडीआरएफ की 13 टीम और करीब 180 सैन्य अधिकारी पहले ही राज्य में पहुंच गए हैं.

राज्य में शैक्षणिक संस्थान और कॉलेज शनिवार को बंद रहेंगे. अधिकारियों ने बताया कि केरल पुलिस सेवा आयोग और राज्य में विभिन्न विश्वविद्यालयों की शनिवार को होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं.

महाराष्ट्र में अब तक 30 लोगों की मौत, दो लाख से ज्यादा लोग विस्थापित

महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में पिछले एक हफ्ते में बारिश और बाढ़ की वजह से अब तक 30 लोगों की मौत हो जाने की सूचना है. इसके अलावा दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कोंकण संभागीय कमिश्नर दीपक म्हैसकर ने बताया कि सांगली में 12 लोग, सतारा में सात, पुणे में छह, कोल्हापुर में चार और शोलापुर में एक व्यक्ति की मौत हुई है.

अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी महाराष्ट्र के पांच जिलों सांगली, पुणे, कोल्हापुर, सोलापुर और सतारा में आई बाढ़ के कारण बृहस्पतिवार तक दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. इनमें सांगली और कोल्हापुर जिले बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग में पुणे, सांगली और कोल्हापुर में आने वाले कुछ दिनों में भारी बारिश का रेड एलर्ट जारी किया है.

रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई, ठाणे, पुणे और कुछ दूसरे शहरों में पानी कम हुआ है, लेकिन यहां दूध, फल और सब्जी की कमी पैदा हो गई है. रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की कीमत बढ़ गई है.

Kolhapur: A view of flooded area due to overflow of Panchganga river during monsoon season, in Kolhapur, Wednesday, Aug 7, 2019. (PTI Photo) (PTI8_7_2019_000215B)
महाराष्ट्र का बाढ़ प्रभावित कोल्हापुर शहर. (फोटो: पीटीआई)

रिपोर्ट के अनुसार, अदरक 325 रुपये किलो और एक गुच्छा धनिया तकरीबन 400 रुपये में मिल रहा है. टमाटर के दाम 70 रुपये से 100 रुपये प्रति किलो हैं, जबकि मिर्ची का भाव 300 रुपये प्रति किलो है.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने सांगली और कोल्हापुर में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए हवाई सर्वेक्षण किया. क्षेत्र में भारी वर्षा के बाद ये सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं जहां कृष्णा और पंचगंगा नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फड़णवीस से बात की और बाढ़ से निपटने के लिए केंद्र से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.

सांगली में गुरुवार को राहत एवं बचाव कार्य में लगी एक नौका के पलट जाने से नौ लोग डूब गए थे. इस मामले में अब भी चार लोग लापता हैं.

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस बीच कर्नाटक अलमाटी बांध से पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ने पर सहमत हो गया है जो कि कृष्णा नदी पर बहाव में नीचे की ओर स्थित है.

अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री फड़णवीस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से बात की जो उत्तर कर्नाटक में अलमाटी बांध से पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ने को तैयार हो गए.

बाढ़ पीड़ित सांगली जिले में हेलीकॉप्टर के जरिये गिराई जाएगी राहत सामग्री

महाराष्ट्र में सांगली जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री गिराने के लिए एक हेलीकॉप्टर तैनात किया जाएगा और इसका प्रयोग फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए भी किया जा सकता है.

सांगली जिला कलेक्टर अभिजीत चौधरी ने शुक्रवार को बताया कि जिले में शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में बचाव कार्य जारी हैं.

उन्होंने कहा, ‘हमें एक हेलीकॉप्टर मिला है. अब प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री गिराने का कार्य आरंभ किया जाएगा.’

उन्होंने कहा, ‘हेलीकॉप्टर का प्रयोग बाढ़ पीड़ित इलाकों से लोगों को बाहर निकालने के लिए भी किया जा सकता है.’

सांगली जिले में भारतीय नौसेना के 12 बचाव दलों को तैनात किया जा रहा है. एक रक्षा प्रवक्ता ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि सांगली और निकटवर्ती कोल्हापुर से विमान के जरिये लोगों को बाहर निकालने की प्रक्रिया खराब मौसम के कारण बाधित हो गई जिसके बाद राज्य परिवहन वाहनों के जरिये बृहस्पतिवार रात बचाव दल सांगली के लिए रवाना हुए.

प्रवक्ता ने कहा, ‘कोल्हापुर में पहले की मौजूद टीमों के अलावा नौसेना के इन 12 दलों को आज (शुक्रवार को) सांगली में तैनात किया जाएगा.’

दक्षिण भारत के कई राज्य भीषण बारिश की चपेट में

तमिलनाडु में बारिश के चलते गुरुवार तक कम से कम तीन लोगों के मारे जाने की सूचना है. राज्य के नीलगिरि, थेनी, कोयम्बटूर, तिरुनेलवेल्ली और कन्याकुमारी जिलों में भारी बारिश हुई, जिससे इन जिलों के निचले इलाकों में पानी भर गया है.

West Godavari: An aerial view of flood-affected area in Andhra Pradesh during a survey conducted by Andhra Pradesh Chief Minister YS Jaganmohan Reddy, Thursday, Aug 8, 2019. (PTI Photo)
आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी का एक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र. (फोटो: पीटीआई)

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बचाव दलों ने कर्नाटक के उत्तरी तटों के प्रभावित जिलों तथा मलनाड से 43,858 लोगों को बचाया है. इस दल में अग्नि और आपातकालीन विभाग, राज्य आपदा मोचन बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और सेना शामिल है.

आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में चेतावनी का स्तर बढ़ा कर तीन कर दिया गया है. ऐसा वंशधारा नदी पर बने गोट्टा बैराज में बाढ़ का स्तर 1.11 लाख क्यूसेक को पार कर जाने के कारण किया गया है.

ओडिशा में ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश से आंध्र प्रदेश की वंशधारा और नागावली नदियों में जल स्तर बढ़ रहा है.

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को बाढ़ के मद्देनजर राहत और बचाव कार्यों के लिए श्रीकाकुलम जिले में तैनात किया गया है.

कर्नाटक में वर्षा जनित हादसों में नौ लोग मारे गए हैं जिनमें से छह लोग बेलगावी जिले से थे. शुक्रवार को 80 हजार से ज्यादा लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से बचाया गया.

बचाव दलों ने कर्नाटक के उत्तरी तटों के प्रभावित जिलों तथा मलनाड से गुरुवार तक 43,858 लोगों को बचाया गया था. इस दल में अग्नि और आपातकालीन विभाग, राज्य आपदा मोचन बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और सेना शामिल है.

मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई दौरा किया.

बाढ़ से बेहाल ओडिशा में हादसे में एक व्यक्ति मारा गया वहीं उसका बेटा पानी के तेज बहाव में बह गया. मौसम विभाग के भुवनेश्वर केंद्र के निदेशक एचआर बिस्वास ने बताया कि बालासोर के नजदीक ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट पर बने कम दबाव के क्षेत्र की वजह से ओडिशा के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश हो रही थी, लेकिन बुधवार की दोपहर को यह कमजोर पड़ गया.

गोवा, गुजरात और मेघालय में भी बारिश से हालात खराब हैं. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और केरल में अगले दो दिन में भीषण बारिश होने का अनुमान है.

मध्य प्रदेश में नर्मदा बांध के डूब क्षेत्र से 1,000 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए

इंदौर: जोरदार मॉनसूनी बारिश का दौर जारी रहने के बीच मध्य प्रदेश के बड़वानी और धार जिलों में नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इससे सचेत प्रशासन ने दोनों पड़ोसी जिलों में सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के निचले इलाकों को खाली कराते हुए पिछले 24 घंटों के दौरान करीब 1,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.

बड़वानी के जिलाधिकारी अमित तोमर ने शुक्रवार को बताया, ‘हमने पिछले 24 घंटों में राजघाट, छोटा बड़दा और डूब क्षेत्र के अन्य स्थानों से करीब 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. इसके साथ ही, 28 दुकानें, दो आश्रम, एक मंदिर और 25 मकान खाली कराये गये हैं.’

(फोटो साभार: एएनआई)
(फोटो साभार: एएनआई)

तोमर ने बताया, ‘गुजरात में सरदार सरोवर बांध के दरवाजे खोले जाने के बाद बड़वानी जिले में नर्मदा के बैकवॉटर (बांध की बाहरी दीवार से टकराकर लौटने वाला पानी) के स्तर में हालांकि थोड़ी गिरावट आयी है. लेकिन प्रशासन अलर्ट पर है और डूब क्षेत्र में अब भी रह रहे लोगों से सुरक्षित ठिकानों पर जाने की गुजारिश की जा रही है.’

मध्य प्रदेश सरकार के नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) के एक अधिकारी ने बताया कि बड़वानी जिले के राजघाट गांव में शुक्रवार दोपहर दो बजे की स्थिति के अनुसार, नर्मदा खतरे के निशान से करीब सात मीटर ऊपर बह रही थी. इस गांव में खतरे का निशान 123.28 मीटर पर है.

इस बीच धार जिले के डूब क्षेत्र के निसरपुर कस्बे और चिखल्दा गांव की निचली बस्तियों में नर्मदा का बैकवॉटर घुस गया है. इससे घबराये लोग अपने आशियानों से सामान समेट कर डूब क्षेत्र के बाहर जाते दिखायी दे रहे हैं.

धार के एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान जिले के निसरपुर कस्बे और चिखल्दा गांव के लगभग 700 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है.

इस बीच, मेधा पाटकर नीत नर्मदा बचाओ आंदोलन ने बांध विस्थापितों के मुद्दों को लेकर बड़वानी जिले के राजघाट में बुधवार से जारी सत्याग्रह स्थगित कर दिया है.

संगठन ने इस कदम की सूचना देने वाले बयान में कहा, ‘गुजरात सरकार द्वारा सरदार सरोवर बांध के दरवाजे खोलने का आदेश जारी किया जाना नर्मदा बचाओ आंदोलन की जीत है. इसके अलावा, बड़वानी के जिला प्रशासन ने हमें आश्वासन दिया है कि सभी बांध प्रभावितों के पुनर्वास की मौजूदा स्थिति पता करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार और नर्मदा बचाओ आंदोलन के प्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त सर्वेक्षण किया जाएगा.’

नर्मदा बचाओ आंदोलन ने यह मांग भी की है कि जब तक बांध विस्थापितों का संपूर्ण पुनर्वास नहीं हो जाता, तब तक सरदार सरोवर बांध के गेट खुले ही रखे जायें.

गुरुवार को मध्य प्रदेश के मंडला जिले के झिगरा गांव के पास उफनती सूरपन नदी में 30 वर्षीय एक महिला बह गई. उसकी तलाश जारी है. मंडला में पिछले दो दिन से हो रही बर्षा से जिले की नर्मदा नदी सहित इसकी दर्जन भर नदियां उफान पर हैं और आसपास के इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है.

मौसम विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मध्य प्रदेश के धार में सबसे अधिक 80 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जबकि खरगोन में 76 मिलीमीटर, मंडला में 68 मिलीमीटर, शाजापुर में 66 मिलीमीटर, खंडवा में 61 मिलमीटर, पचमढ़ी में 59 मिलीमीटर, सिवनी में 35 मिलीमीटर, रायसेन में 24 मिलीमीटर, बैतूल में 22 मिलीमीटर एवं भोपाल में 12.6 मिलीमीटर वर्षा हुई.

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटे में मध्य प्रदेश के भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी, कटनी, होशंगाबाद, बैतूल, हरदा, इंदौर, धार, खंडवा, खरगौन, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, बुरहानपुर, अनूपपुर, डिंडोरी, उमरिया, शहडोल, उज्जैन, नीमच, रतलाम, शाजापुर, देवास, मंदसौर, आगर, सागर, दमोह, गुना, अशोकनगर एवं सिंगरौली जिलों में अतिभारी वर्षा के साथ-साथ कहीं-कहीं पर अत्यंत भारी वर्षा होने की संभावना है.

वडोदरा शहर से कम से कम 22 मगरमच्छों को बचाया गया

वडोदरा: वडोदरा शहर और जिले के विभिन्न हिस्सों के आवासीय क्षेत्रों से कम से कम 22 मगरमच्छों को बचाया गया है. गुजरात वन विभाग के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

पिछले सप्ताह जिले में भारी बारिश के बाद विश्वामित्री नदी और इसकी सहायक धधार का जलस्तर बढ़ गया था जिसके बाद मगरमच्छ बहकर शहर और जिले के आवासीय क्षेत्रों में आ गए.

विश्वामित्री नदी शहर के मध्य से होकर बहती है. बाढ़ का पानी घटने के बाद वन विभाग ने मगरमच्छों को बचाकर दोबारा उन्हें नदियों में छोड़ा.

वडोदरा की रेंज वन अधिकारी निधी देव ने बताया, ‘शहर के विभिन्न स्थानों से पिछले सप्ताह बुधवार और बृहस्पतिवार को 15 मगरमच्छों को बचाया गया.’

उन्होंने कहा कि पानी घटने के बाद पिछले पांच दिनों में वाहगोडिया और पाड्रा शहर और इटोलो से सात मगरमच्छों को बचाया गया.

 (समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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