उन्नाव बलात्कार पीड़िता के एक्सीडेंट की जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को मिले दो हफ्ते

सीबीआई ने पीड़िता और उनके वकील के बयान अब तक दर्ज न हो पाने का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत से चार सप्ताह का समय और मांगा था.

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(फोटो: पीटीआई)

सीबीआई ने पीड़िता और उनके वकील के बयान अब तक दर्ज न हो पाने का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत से चार सप्ताह का समय और मांगा था.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता और उनके वकील के एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने संबंधी मामले की जांच पूरी करने के लिए सोमवार को सीबीआई को दो सप्ताह का समय और दिया.

सड़क हादसे में बलात्कार पीड़िता और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की एक पीठ ने सीबीआई की चार सप्ताह का समय और देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह व्यवस्था दी.

सीबीआई ने बलात्कार पीड़िता और उनके वकील के बयान अब तक दर्ज न हो पाने का हवाला देते हुए अदालत से चार सप्ताह का समय और मांगा था.

पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को घायल वकील को पांच लाख रुपए देने का आदेश भी दिया है. वकील की हालत गंभीर बताई जाती है.

गौरतलब है कि 28 जुलाई को रायबरेली में एक कार और ट्रक की टक्कर में बलात्कार पीड़िता और उसके वकील के गंभीर रूप से घायल हो गए. हादसे में पीड़िता की दो महिला रिश्तेदारों की मौत हो गई थी.

उनके परिवार ने इसमें साजिश होने का आरोप लगाया है. इस मामले में भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर और नौ अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई ने हत्या का मामला दर्ज किया था.

इससे पहले पिछले हफ्ते 13 अगस्त को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने पीड़िता के पिता की कथित न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए.

जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने पीड़िता के पिता को 2018 में सशस्त्र अधिनियम के तहत आरोपी बनाने और उन पर हमला करने के मामले में सेंगर और समेत 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं.

सीबीआई ने 9 अगस्त को अदालत को बताया था कि उत्तर प्रदेश के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता से मारपीट की और राज्य के तीन पुलिस अधिकारियों एवं पांच अन्य के साथ मिलीभगत से उसे हथियार कानून मामले में फंसा दिया था.

इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर के अलावा माखी पुलिस थाने के तत्कालीन प्रभारी अशोक सिंह भदौरिया, सब-इंस्पेक्टर कामता प्रसाद सिंह, कॉन्स्टेबल आमिर खान, बाहुबली विधायक कुलदीप के भाई अतुल सिंह सेंगर समेत चार अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था.

अब सभी आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के झूठे मामले में फंसाने के मामले में केस चलेगा और सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक गवाहियां होंगी.

इससे पहले 9 अगस्त को न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने उन्नाव में नाबालिग लड़की के बलात्कार के मामले में भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ आरोप तय किए थे. साथ ही सेंगर के साथी शशि सिंह के खिलाफ भी नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में आरोप तय किए थे.

बलात्कार मामले में अदालत ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 363 (अपहरण), 366 (अपहरण एवं महिला पर विवाह के लिए दबाव डालना), 376 (बलात्कार) और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पॉक्सो) की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)