मोदी के शासन में परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर गंभीरता से विचार करे दुनिया: इमरान खान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की यह टिप्पणी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत परमाणु हथियारों के ‘पहले इस्तेमाल नहीं’ करने के सिद्धांत पर ‘पूरी तरह प्रतिबद्ध’ है लेकिन भविष्य में क्या होगा यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान. (फोटो: पीटीआई)

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की यह टिप्पणी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत परमाणु हथियारों के ‘पहले इस्तेमाल नहीं’ करने के सिद्धांत पर ‘पूरी तरह प्रतिबद्ध’ है लेकिन भविष्य में क्या होगा यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान. (फोटो: पीटीआई)
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान. (फोटो: पीटीआई)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नियंत्रण वाले भारत के परमाणु हथियारों पर दुनिया को गंभीरता से विचार करना चाहिए.

बता दें कि, इमरान खान की यह टिप्पणी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत परमाणु हथियारों के ‘पहले इस्तेमाल नहीं’ करने के सिद्धांत पर ‘पूरी तरह प्रतिबद्ध’ है लेकिन भविष्य में क्या होगा यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.

इमरान ने ट्वीट कर कहा, ‘दुनिया को भारत के परमाणु हथियारों की सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए,  क्योंकि यह फासीवादी और जातिवादी हिंदू सुप्रीमो मोदी सरकार के नियंत्रण में है. यह एक ऐसा मुद्दा है जो केवल क्षेत्र को ही नहीं बल्कि दुनिया को भी प्रभावित करेगा.’

एक अन्य ट्वीट में इमरान ने कहा, ‘जिस तरह नाजी ने जर्मनी पर कब्जा कर लिया था, वैसे ही भारत पर अब फासीवादी, जातिवादी हिंदू वर्चस्ववादियों की विचारधारा और नेतृत्व ने कब्जा कर लिया है. इसकी वजह से दो सप्ताह से भारत के कब्जे वाले कश्मीर में 90 लाख लोगों की जान खतरे में है. दुनिया को इस खतरे के बारे में पता चलना चाहिए और यूएन पर्यवेक्षकों को भेजा जाना चाहिए.’

उन्होंने आगे कहा, ‘यह खतरा पाकिस्तान और भारत के अल्पसंख्यकों पर भी है. कोई भी गूगल करके नाजी विचारधारा और जातीय हिंसा और आरएसएस-भाजपा के संस्थापकों के बीच की नरसंहार वाली विचारधारा के बीच की कड़ी को समझ सकता है.’

उन्होंने कहा, ‘पहले से ही 40 लाख भारतीय मुस्लिमों को हिरासत शिविरों में रखे जाने और नागरिकता रद्द होने का सामना करना पड़ता है. दुनिया को यह बात समझनी चाहिए कि जिन बोतल से बाहर आ चुका है और वह नफरत और नरसंहार को फैला रहा है. अतंरराष्ट्रीय समुदाय को आकर इसे रोकना चाहिए.’