ई-टिकट: नॉन-एसी के लिए 15 रुपये और एसी के लिए 30 रुपये का सेवा शुल्क वसूलेगा आईआरसीटीसी

मोदी सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए तीन वर्ष पहले सेवा शुल्क को वापस ले लिया था. अब आईआरसीटीसी सितंबर से सेवा शुल्क को बहाल कर रहा है.

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(फोटो: रॉयटर्स)

मोदी सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए तीन वर्ष पहले सेवा शुल्क को वापस ले लिया था. अब आईआरसीटीसी सितंबर से सेवा शुल्क को बहाल कर रहा है.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के जरिये ई-टिकट खरीदना अब महंगा होगा. एक आदेश के तहत भारतीय रेलवे ने एक सितंबर से सेवा शुल्क बहाल करने का फैसला किया है.

एक आदेश के मुताबिक अब आईआरसीटीसी गैर वातानुकूलित श्रेणी की ई-टिकट पर 15 रुपये और प्रथम श्रेणी सहित वातानुकूलित श्रेणी की सभी टिकट पर 30 रुपये का सेवा शुल्क वसूलेगा. वस्तू एवं सेवा कर (जीएसटी) इससे अलग होगा.

गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की परियोजना डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए तीन वर्ष पहले सेवा शुल्क को वापस ले लिया गया था.

वापस लिए जाने से पहले आईआरसीटीसी गैर वातानुकूलित श्रेणी की ई-टिकटों पर 20 रुपये और सभी वातानुकूलित श्रेणी की ई-टिकटों पर 40 रुपये का सेवा शुल्क लेता था.

इस महीने के शुरू में रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी को ऑनलाइन टिकटों पर यात्रियों से सेवा शुल्क वसूलने की मंजूरी दी थी.

तीस अगस्त की तिथि में लिखे गए एक पत्र में बोर्ड ने कहा कि आईआरसीटीसी ने सेवा शुल्क की बहाली के लिए विस्तार से विचार-विमर्श किया था और इस मामले की जांच सक्षम प्राधिकारी द्वारा की गई थी.

इसमें कहा गया कि वित्त मंत्रालय ने तर्क दिया था कि सेवा शुल्क छूट एक अस्थायी थी और रेल मंत्रालय इसे फिर से शुरू कर सकता था.

अधिकारियों ने बताया कि सेवा शुल्क खत्म किए जाने के बाद वित्तीय वर्ष 2016-17 में आईआरसीटीसी के इंटरनेट टिकट के राजस्व में 26 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी.

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