नरेंद्र मोदी ने मुझसे ज़ाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के लिए नहीं कहा: मलेशिया के प्रधानमंत्री

मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा कि भारत की ओर से एक आधिकारिक नोटिस के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे विवादित इस्लामिक प्रचारक ज़ाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का कोई अनुरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि ऐसा शायद इसलिए है कि नाइक भारत के लिए समस्या बन सकते हैं.

मलयेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद. (फोटो: रॉयटर्स)

मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा कि भारत की ओर से एक आधिकारिक नोटिस के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे विवादित इस्लामिक प्रचारक ज़ाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का कोई अनुरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि ऐसा शायद इसलिए है कि नाइक भारत के लिए समस्या बन सकते हैं.

मलयेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद. (फोटो: रॉयटर्स)
मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद. (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने मंगलवार को कहा कि उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी ने उनसे विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को वापस करने का अनुरोध नहीं किया. बता दें कि, नाइक भारत में भगोड़ा घोषित हैं और उन्होंने मलेशिया में शरण ली है.

94 वर्षीय मलेशिया प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा शायद इसलिए है कि नाइक भारत के लिए समस्या बन सकते हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से इस महीने की शुरुआत में एक आर्थिक मंच पर रूस में मुलाकात की थी.

महातिर ने कहा कि भारत की ओर से एक आधिकारिक नोटिस के अलावा मोदी ने उनसे नाइक के प्रत्यर्पण का कोई अनुरोध नहीं किया.

मंगलवार की सुबह को कुआलालमपुर स्थित बीएफएम मलेशिया रेडियो स्टेशन से बातचीत में महातिर ने कहा, अधिकतर देश उन्हें नहीं चाहते. मैंने मोदी से मुलाकात की. उन्होंने मुझसे इस शख्स की मांग नहीं की.

उन्होंने कहा कि मलेशिया उस देश की तलाश कर रहा है जहां 53 वर्षीय नाइक को भेज सके.

वहीं, महातिर ने यह बात दोबारा साफ कर दी कि नस्लीय विभाजित टिप्पणियों के कारण नाइक को आगे से मलेशिया में सार्वजनिक भाषण देने की इजाजत नहीं दी जाएगी. वहां नाइक ने कहा था कि चीनियों को वापस चीन भेज देना चाहिए.

महातिर ने कहा, ‘वह इस देश का नागरिक नहीं है. मेरी समझ से पिछली सरकार ने उन्हें स्थायी निवासी का दर्जा दिया था. एक स्थायी निवासी को देश की व्यवस्था और राजनीति पर टिप्पणी नहीं करना चाहिए. उन्होंने उसका उल्लंघन किया है. अब उन्हें बोलने की इजाजत नहीं है.’

बता दें कि, आतंक से संबंधित गंभीर आरोपों के बाद से नाइक भारत में वांटेड है. भारतीय एजेंसियों ने आतंकरोधी कानून के तहत उनके एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को प्रतिबंधित कर दिया है.

मुंबई में पैदा हुए विवादित पीस टीवी के संस्थापक नाइक भारत से भागने के बाद साल 2017 से ही मलेशिया में रह रहे हैं.

पिछले महीने पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नाइक को मलेशिया के हर राज्य में सार्वजनिक भाषण देने पर प्रतिबंधित कर दिया था.

3 अगस्त को उन्होंने कहा था कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत में अल्पसंख्यक मुलसमानों से 100 गुना अधिक अधिकार मिले हैं और फिर भी वे मलेशिया के प्रधानमंत्री का नहीं बल्कि भारत के प्रधानमंत्री का समर्थन करते हैं.

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