सांसों की तरह अर्थव्यवस्था भी ऊपर-नीचे होती रहती हैः उमा भारती

देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कहा कि जहां तक मंदी के दौर की बात है, ये सांसों के आरोह और अवरोह की तरह होता है. सांस नीचे-ऊपर होती है लेकिन शरीर पूरा चल रहा होता है.

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती. (फोटो: पीटीआई)

देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कहा कि जहां तक मंदी के दौर की बात है, ये सांसों के आरोह और अवरोह की तरह होता है. सांस नीचे-ऊपर होती है लेकिन शरीर पूरा चल रहा होता है.

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती. (फोटो: पीटीआई)
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती. (फोटो: पीटीआई)

भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने अर्थव्यवस्था में मंदी की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक दौर है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति की तुलना सांस लेने से करते हुए कहा कि जिस तरह से इंसान सांस लेता और छोड़ता है लेकिन इस दौरान शरीर सुचारू ढंग से काम करता रहता है, ठीक उसी प्रकार से अर्थव्यवस्था भी ऊपर-नीचे होती रहती है.

उमा भारती ने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था में मंदी का दावा करने वाले जेल चले गए हैं. उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम का उदाहरण दिया. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोगों ने वास्तविकताओं से दूरी बनाते हुए खुद को ही जेल जैसे माहौल में बंद कर दिया है.

उमा भारती ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर भाजपा की ओर से चलाए जा रहे देशव्यापी जागरूकता अभियान के तहत देहरादून में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘मंदी के दौर की जहां तक बात है, ये तो सांसों का आरोह और अवरोह की तरह होता है. सांस नीचे होती है, सांस ऊपर होती है लेकिन शरीर पूरा का पूरा चल रहा होता है. उसका फंक्शन चल रहा होता है. मुझे कहीं कोई मंदी का दौर नहीं दिखाई दे रहा है.’

उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर को मापने के कई तरीके हैं लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि बिना किसी भेदभाव के सभी को रोजगार और आजीविका मिल रही है लेकिन आलोचक ये नहीं देखते क्योंकि मंदी की बातें करने वालों में से कुछ लोग जेल चले गए हैं जैसे कि चिदंबरम जी और बाकी के कुछ लोग जेल में ही रहते हैं एक प्रकार से.

उमा भारती ने यह भी कहा, ‘हिंदू और हिंदुत्व कभी भी आक्रामक नहीं हो सकता लेकिन राष्ट्रवाद में आक्रामकता जरूरी है. हम आक्रामक राष्ट्रवाद की पूजा करते हैं लेकिन आक्रामक हिंदुत्व की नहीं.’

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