सिक्किम: चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री की अयोग्यता अवधि घटाई, लड़ सकेंगे उपचुनाव

पशुपालन विभाग की एक योजना में सरकारी धन में अनियमितता के दोषी मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग पर निर्वाचन क़ानून के तहत छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक थी, जो 2024 तक प्रभावी रहती. चुनाव आयोग ने इसे घटाकर एक साल एक महीने कर दिया है.

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सिक्किम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के नेता प्रेम सिंह तमांग. (फोटो साभार: ट्विटर/@amritdahal_09)

पशुपालन विभाग की एक योजना में सरकारी धन में अनियमितता के दोषी मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग पर निर्वाचन क़ानून के तहत छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक थी, जो 2024 तक प्रभावी रहती. चुनाव आयोग ने इसे घटाकर एक साल एक महीने कर दिया है.

सिक्किम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के नेता प्रेम सिंह तमांग. (फोटो साभार: ट्विटर/@amritdahal_09)
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग. (फोटो साभार: ट्विटर/@amritdahal_09)

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने निर्वाचन कानून के तहत सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की अयोग्यता अवधि रविवार को करीब पांच साल घटा दी जिससे उनका राज्य में होने वाले उपचुनाव में लड़ने का रास्ता साफ हो गया है.

चुनाव आयोग ने तमांग को अयोग्य करार देते हुए छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी. यह रोक 10 अगस्त 2018 को जेल की सजा पूरी होने के साथ शुरू हुई थी और यह 10 अगस्त 2024 तक प्रभावी रहती लेकिन चुनाव आयोग ने रविवार को इसे घटा कर एक साल एक महीने कर दिया.

इस फैसले के साथ ही 10 सितंबर को उनकी अयोग्यता अवधि समाप्त हो गई और अब वह चुनाव लड़ सकते हैं.

तमांग की सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी ने अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी और 27 मई को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली लेकिन अयोग्यता के कारण चुनाव नहीं लड़ सके. इस पद पर रहने के लिए शपथ लेने के छह महीने के भीतर विधानसभा सदस्य बनना आवश्यक है.

उल्लेखनीय है कि तमांग को 1990 में पशुपालन विभाग की गाय बांटने की योजना में सरकारी धन में अनियमितता करने का दोषी पाया गया था.

तमांग ने जुलाई महीने में चुनाव आयोग से अयोग्यता अवधि में जनप्रतिनिधि कानून की धारा- 11 के तहत राहत देने की मांग की थी.