मुंबई: आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर प्रदर्शन, धारा 144 लागू, 29 लोग गिरफ़्तार

मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए तकरीबन 2700 पेड़ काटने की मंज़ूरी दे दी गई है, जिसका पर्यावरणविद् विरोध कर रहे हैं. गिरफ्तार किए गए 29 प्रदर्शनकारियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

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Mumbai: Police detain activists who were staging a protest against the tree-cutting, being carried out for the Metro car shed project, at Aarey colony in Mumbai, Saturday, Oct. 5, 2019. (PTI Photo/Mitesh Bhuvad) (PTI10_5_2019_000065B)

मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए तकरीबन 2700 पेड़ काटने की मंज़ूरी दे दी गई है, जिसका पर्यावरणविद् विरोध कर रहे हैं. गिरफ्तार किए गए 29 प्रदर्शनकारियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

Mumbai: Police detain activists who were staging a protest against the tree-cutting, being carried out for the Metro car shed project, at Aarey colony in Mumbai, Saturday, Oct. 5, 2019. (PTI Photo/Mitesh Bhuvad) (PTI10_5_2019_000065B)
मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ काटने के विरोध कर रहे लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. (फोटो: पीटीआई)

मुंबईः मुंबई पुलिस ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के बीच शनिवार सुबह कॉलोनी और उसके आसपास के इलाकों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी, जिसके बाद 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर ली है और किसी को वहां आने की अनुमति नहीं है. पुलिस ने बताया कि अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को भी वहां तैनात किया गया है.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, इनमें से छह महिलाएं हैं.

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने शुक्रवार रात से अभी तक 40 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

एक अधिकारी ने बताया कि पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 60 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था. हिरासत में लिए गए लोगों में शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल हैं.

मालूम हो कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने उत्तरी मुंबई के हरित क्षेत्र में मेट्रो की पार्किंग बनाने के लिये पेड़ों की कटाई के खिलाफ दायर चार याचिकाओं को खारिज कर दिया था. इसके कुछ घंटों बाद मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने शुक्रवार देर रात पेड़ों की कटाई शुरू कर दी थी.

एमएमआरसीएल द्वारा पेड़ों की कटाई शुरू करते ही सैकड़ों पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर उन्हें रोकने की कोशिश की.

मुंबई पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने आरे कॉलोनी, गोरेगांव नाके और उसके आसपास के इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है.’

उन्होंने बताया कि आईपीसी की धारा 358, 332, 143 और 149 के तहत 38 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

अधिकारियों ने बताया कि पार्किंग बनाने के लिए की जा रही पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन करने सैकड़ों लोग यहां एकत्रित हुए थे. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग भी करना पड़ा.

Mumbai: People enter in to the metro car shed on the spot during tree cutting at Aarey colony in Mumbai late Friday, Oct 4, 2019. (PTI Photo) (PTI10_5_2019_000003B)
आरे कॉलोनी में काटे गए पेड़. (फोटो: पीटीआई)

उन्होंने बताया कि स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरू किया.

पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रशासन की आलोचना करते हुए दावा किया कि अब तक लगभग 1,000 पेड़ काटे जा चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मेट्रो निगम 10 अक्टूबर से पहले काम खत्म करना चाहता है. इसी दिन राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में मामले की सुनवाई होनी है.

पर्यावरण कार्यकर्ता स्टालिन डी. ने कहा, ‘एनजीटी दस अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई करेगा और हमें वहां से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वे सुनवाई से पहले ही पेड़ों की कटाई का काम खत्म करना चाहते हैं.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एक प्रदर्शनकारी ने बताया, ‘पुलिस मौके पर मौजूद लोगों की पिटाई कर रही है, जिनमें आदिवासी भी हैं. पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर रही है. आदिवासी लड़कियां अंदर (जंगल) बैठी हैं और वहां से जाने से इनकार कर रही हैं. हम सभी पुलिस कार में हैं. पुलिस ने लोगों को हिरासत में लिया है और उन्हें अलग-अलग पुलिस थानों में लेकर गई है.’

वहीं, मुंबई पुलिस के डीसीपी (ऑपरेशन्स) प्रणय अशोक का कहना है, ‘मुंबई पुलिस द्वारा लोगों पर ज्यादती करने के आरोप गलत हैं. स्थिति को संभालने के लिए कानून के दायरे में कदम उठाए जा रहे हैं. मौजूदा स्थिति शांतिपूर्ण हैं और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है.’

महाराष्ट्र विधानसभा में वर्ली से अपनी किस्मत आजमा रहे शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए कहा, ‘मुंबई मेट्रो-3 (चरण) जिस ताकत के साथ एक पारिस्थितिकी तंत्र को धूर्तता और तेजी से काट रही है, वह शर्मनाक और घिनौना है. क्यों न इन्हें पीओके में तैनात कर पेड़ों के बजाए आतंकवादी ठिकाने तबाह करने का काम दिया जाए?’

ठाकरे ने ट्वीट कर कहा, ‘मेट्रो-3 परियोजना का काम गर्व के साथ पूरा किया जाना चाहिए. मुंबई मेट्रो-3 का इसे रात के अंधेरे में, कड़ी सुरक्षा के बीच धूर्तता से करना शर्मनाक है.’

राकांपा और कांग्रेस ने कहा, भगवा दल आरे कॉलोनी में पेड़ों की रक्षा करने में नाकाम रहा

इस बीच, विपक्षी दल राकांपा और कांग्रेस ने भी शिवसेना और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवा दल आरे कॉलोनी में पेड़ों की रक्षा करने में नाकाम रहे हैं.

आदित्य ठाकरे पर तंज कसते हुए राकांपा ने कहा कि फर्जी पर्यावरण प्रेमी तब कहां थे जब पेड़ों को काटा जा रहा था.

राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने ट्वीट कर कहा, ‘आरे में पेड़ों की कटाई कुछ नहीं बल्कि मुंबईवासियों को लाचार बनाकर मार डालना है. शिवसेना पिछले 25 साल से परेशानी का कारण बनी हुई है. अब वह भाजपा के साथ गठबंधन करके आम मुंबईवासियों को तकलीफ दे रहे हैं.’

राकांपा की सांसद सुप्रिया सुले ने ट्वीट कर कहा, ‘आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर सरकार अड़ियल रवैया अपना रही है. एक ओर जलवायु परिवर्तन पर बात करना और दूसरी ओर रात को चुपचाप पेड़ काटना सही नहीं है. मुख्यमंत्री कार्यालय से मुंबई हरित क्षेत्र को बचाने के लिए सामने आने की बजाय यही करने की उम्मीद थी.’

मालूम हो कि बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा मुंबई की आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने की सभी याचिकाएं खारिज करने के बाद शुक्रवार देर रात पेड़ों की कटाई का काम शुरू हुआ, जिसके बाद बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी मौके पर पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे.

वहीं, मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड का कहना है कि मेट्रो शेड बनाने के लिए आरे की जमीन का सिर्फ दो फीसदी ही इस्तेमाल में लाया जा रहा है.

मालूम हो कि बीएमसी ने इस हरित क्षेत्र में मेट्रो कार शेड के लिए तकरीबन 2,700 पेड़ों को काटने की मंजूरी दी थी.

पिछले दो साल से पर्यावरणविद् आरे कॉलोनी में कार शेड बनाने के लिए बीएमसी के वृक्ष प्राधिकरण द्वारा आरे कॉलोनी में तकरीबन 2700 पेड़ों को काटने की मंज़ूरी दिए जाने के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. आरे में पांच लाख से ज़्यादा पेड़ हैं.

मुंबई के उपनगर गोरेगांव की आरे कॉलोनी हरित क्षेत्र है. यह संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से लगी हुई है और इस हरित क्षेत्र को मुंबई का फेफड़ा भी कहा जाता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)