उन्नाव बलात्कार पीड़िता दुर्घटना: सीबीआई ने कुलदीप सेंगर के ख़िलाफ़ हत्या का आरोप हटाया

सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली की अदालत को बताया कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता का 2017 में कथित रूप से अपहरण करने के बाद तीन लोगों ने अलग-अलग जगहों पर ले जाकर नौ दिन तक उसका बलात्कार किया और उस समय वह नाबालिग थी.

विधायक कुलदीप सिंह सेंगर. (फोटो साभार: फेसबुक)

सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली की अदालत को बताया कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता का 2017 में कथित रूप से अपहरण करने के बाद तीन लोगों ने अलग-अलग जगहों पर ले जाकर नौ दिन तक उसका बलात्कार किया और उस समय वह नाबालिग थी.

विधायक कुलदीप सिंह सेंगर. (फोटो साभार: फेसबुक)
विधायक कुलदीप सिंह सेंगर. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: सीबीआई ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता दुर्घटना मामले में अपने पहले आरोप पत्र में भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके अन्य सहयोगियों के खिलाफ शुक्रवार को हत्या के आरोप हटा दिए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इस हादसे में पीड़िता की दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी.

लखनऊ में विशेष सीबीआई अदालत में दाखिल अपने पहले आरोपपत्र में सीबीआई ने प्राथमिकी में नामजद सेंगर और अन्य सभी आरोपियों को आपराधिक साजिश रचने एवं डराने-धमकाने से संबद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आरोपी बनाया है.

गौरतलब है कि सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में सेंगर और नौ अन्य के विरूद्ध आपराधिक साजिश, हत्या, हत्या के प्रयास और डराने धमकाने से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.

बलात्कार पीड़िता के साथ  28 जुलाई को हुए सड़क हादसे के बाद विपक्षी दलों समेत विभिन्न वर्गो की आलोचना के मद्देनजर विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया था.

सेंगर ने 2017 में पीड़िता का कथित तौर पर बलात्कार किया था. उस समय पीड़िता नाबालिग थी.

वह 28 जुलाई को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हुए सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई थी. पीड़िता की कार को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दिया था, जिसमें उसके दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी और उनका वकील गंभीर रूप से घायल हो गया था.

अधिकारियों ने बताया कि हादसे से जुड़े ट्रक चालक आशीष कुमार पाल पर लापरवाही के चलते किसी की मौत की वजह बनने, किसी की जान जोखिम में डालकर उसे गंभीर चोट पहुंचाने, लापरवाही से वाहन चलाने से संबद्ध आईपीसी की धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है.

उन्होंने बताया कि सीबीआई के आरोप पत्र में पाल के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने का कोई आरोप नहीं लगाया गया है.

एजेंसी ने उत्तर प्रदेश सरकार से कुछ अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है, लेकिन उनकी पहचान उजागर नहीं की.

हादसे के समय पीड़िता की सुरक्षा में तैनात उत्तर प्रदेश पुलिस का कोई सुरक्षा कर्मी उसके साथ नहीं था. इन सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.

हादसे के दो दिन बाद सीबीआई ने 30 जुलाई को सेंगर, उसके भाई मनोज सिंह सेंगर, उत्तर प्रदेश के एक मंत्री के दामाद अरुण सिंह और सात अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

सेंगर द्वारा कथित बलात्कार के बाद उन्नाव पीड़िता से तीन लोगों ने नौ दिन तक किया था गैंगरेप: सीबीआई

सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली की अदालत को बताया कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता का 2017 में कथित रूप से अपहरण करने के बाद तीन लोगों ने अलग-अलग जगहों पर नौ दिन तक उसका बलात्कार किया और उस समय वह नाबालिग थी.

यह मामला निष्कासित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर द्वारा 2017 में महिला के कथित बलात्कार के मामले से अलग है.

मामले से जुड़े एक वकील ने बताया कि बंद कमरे में हुई अदालत की कार्यवाही के दौरान जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सामूहिक बलात्कार मामले में सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र का संज्ञान लिया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया.

सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में आईपीसी की धाराओं 120बी (आपराधिक षड्यंत्र), 363 (अपहरण), 366 (अपहरण या महिला को शादी के लिए मजबूर करना), 376 डी (एक से अधिक लोगों द्वारा यौन उत्पीड़न) और बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) की धाराओं तीन और चार (बलात्कार एवं सजा) के तहत आरोपियों के रूप में तीन लोगों- नरेश तिवारी, बृजेश यादव और शुभम सिंह को नामजद किया है. इन आरोपों के तहत अपराध तय होने पर अधिकतम उम्रकैद का प्रावधान है.

उन्नाव में एक न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए गए बलात्कार पीड़िता के बयान के हवाले से सीबीआई ने कहा कि 11 जून 2017 को वह रात में पानी लेने अपने घर से बाहर निकली थी जब सिंह और तिवारी ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर उसे एक कार में खींच लिया.

आरोप पत्र के अनुसार कुछ दूर जाने के बाद सिंह और तिवारी ने कार में उसका कथित रूप से बलात्कार किया. इसमें कहा गया है कि उसे कानपुर जाने के मार्ग में पड़ने वाले एक मकान में ले जाया गया जहां चेहरा ढके दो अज्ञात लोगों ने उसका कथित रूप से बलात्कार किया.

आरोप पत्र के अनुसार दो-तीन दिन बाद उसे यादव के घर लाया गया जहां उसने उसका कथित बलात्कार किया. इसके दो दिन बाद उसे उत्तर प्रदेश के औरैया जिले ले जाया गया, जहां से वह पुलिस को मिली.

जांच में सीबीआई ने पाया कि बलात्कार पीड़िता का 12 जून के बजाए 11 जून को अपहरण किया गया क्योंकि सिंह और तिवारी 11 जून को उस जगह पर नहीं थे.

आरोप पत्र के अनुसार हालांकि महिला ने तिवारी के दिए किसी भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से इनकार किया है, लेकिन जांच में खुलासा हुआ कि उसने फोन का इस्तेमाल किया था.

इसमें बताया गया है कि तीन अन्य आरोपियों के बारे में पूछताछ किए जाने पर महिला ने बताया कि उसने वकील मनोज सेंगर के धमकाने के कारण उनका नाम लिया था.

सीबीआई ने कहा कि अन्य आरोपियों की भूमिका का पता लगाने के लिए जांच जारी है. एजेंसी मामले की जांच के तहत 103 गवाहों से पूछताछ करेगी. इस मामले को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर राष्ट्रीय राजधानी स्थानांतरित किया गया है.

 (समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25