दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष बिल्डर के घर में जबरन घुसने के मामले में दोषी क़रार

आरोप है कि फरवरी 2015 में विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल अपने समर्थकों के साथ पूर्वी ​दिल्ली के विवेक विहार स्थित बिल्डर मनीष घई के एक घर में जबरन घुसे थे और तोड़फोड़ की थी. राम निवास गोयल ने आरोपों से इनकार किया है.

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल. (फोटो साभार: फेसबुक)

आरोप है कि फरवरी 2015 में विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल अपने समर्थकों के साथ पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार स्थित बिल्डर मनीष घई के एक घर में जबरन घुसे थे और तोड़फोड़ की थी. राम निवास गोयल ने आरोपों से इनकार किया है.

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल. (फोटो साभार: फेसबुक)
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी के विधायक राम निवास गोयल को दिल्ली की एक अदालत ने पूर्वी दिल्ली स्थित एक कॉलोनी में एक भवन निर्माता (बिल्डर) के मकान में जबरन घुसने के मामले में शुक्रवार को दोषी ठहराया.

यह घटना 6 फरवरी, 2015 की रात हुई थी. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने गोयल और चार अन्य को इस मामले में दोषी करार देते हुए कहा कि उनके खिलाफ मामला संदेह से परे साबित हुआ है.

अदालत ने कहा, ‘राम निवास गोयल, सुमित गोयल, हितेश खन्ना, अतुल गुप्ता और बलबीर सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा 448 (मकान में जबरन घुसने) के तहत दोषी ठहराया जाता है.’

अदालत ने सह-आरोपी सुमित गोयल को आईपीसी की धारा 323 (चोट पहुंचाना) के तहत भी दोषी ठहराया.

अदालत सजा की अवधि पर 18 अक्टूबर को सुनवाई करेगी. हालांकि, गोयल ने अपने वकील के जरिए आरोपों से इनकार किया है.

प्राथमिकी के अनुसार, बिल्डर मनीष घई ने यह शिकायत दर्ज कराई थी कि गोयल और उनके समर्थक दिल्ली विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले विवेक विहार स्थित उनके एक मकान में 6 फरवरी, 2015 की रात जबरन घुसे थे.

घई ने आरोप लगाया था कि उनके मकान के अंदर तोड़फोड़ भी की गई थी.

प्राथमिकी के अनुसार, गोयल ने घई पर आरोप लगाया था कि उन्होंने चुनाव से पहले लोगों के बीच बांटने के लिए शराब, कंबल और अन्य चीजें छिपा रखी थीं.

दैनिक जागरण के मुताबिक, मनीष घई ने गोयल पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया था. उनका आरोप था कि गोयल और उनके समर्थक उनके घर में आलमारी, ड्रायर, रसोई का सामान, खिड़कियां और शीशे तोड़ दिए थे. इसके अलावा उनके घर में काम करने वाले मजदूरों के साथ हाथापाई की गई थी.

पुलिस ने सितंबर 2017 में सात आरोपितों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल कर कहा था कि घई को मजदूरों ने फोन कर बताया था कि कुछ लोग जबरन घर में घुस गए हैं और वहां तोडफ़ोड़ कर रहे हैं.

गोयल इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उन्होंने ही पहले पुलिस को इस बारे में कॉल करके सूचना दी थी. वह पुलिस के साथ ही घई के घर गए थे.

वहीं, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि वे लोग इस बारे में पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) को फोन करने के बाद स्थानीय थाना प्रभारी और सहायक पुलिस आयुक्त सहित पुलिस की एक टीम के साथ मकान में गए थे.

राम नरेश गोयल शाहदरा से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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