सौरव गांगुली का बीसीसीआई अध्यक्ष बनना तय, अमित शाह के बेटे को मिलेगा सचिव पद

पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली ने बीसीसीआई के अध्यक्ष पद की होड़ में बृजेश पटेल को पछाड़ दिया है और अब इस पद के लिए वे अकेले उम्मीदवार हैं.

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Kolkata: Former Indian cricket captain Sourav Ganguly during a promotional event for Complan 'Kom Protein Cholbe Na' (Say No To Less Protein) movement, in Kolkata on Thursday. PTI Photo (PTI5_10_2018_000205B)
Kolkata: Former Indian cricket captain Sourav Ganguly during a promotional event for Complan 'Kom Protein Cholbe Na' (Say No To Less Protein) movement, in Kolkata on Thursday. PTI Photo (PTI5_10_2018_000205B)

पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली ने बीसीसीआई के अध्यक्ष पद की होड़ में बृजेश पटेल को पछाड़ दिया है और अब इस पद के लिए वे अकेले उम्मीदवार हैं.

Kolkata: Former Indian cricket captain Sourav Ganguly during a promotional event for Complan 'Kom Protein Cholbe Na' (Say No To Less Protein) movement, in Kolkata on Thursday. PTI Photo (PTI5_10_2018_000205B)
(फोटो: पीटीआई)

मुंबई: पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली ने बीसीसीआई के अध्यक्ष पद की होड़ में भारत के पूर्व मध्यक्रम के बल्लेबाज और कर्नाटक क्रिकेट संघ के बृजेश पटेल को पछाड़ दिया है और अब इस पद के लिए वे अकेले उम्मीदवार हैं.

इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह को सचिव पद और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एवं वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के भाई अरुण धूमल को कोषाध्यक्ष पद पर नियुक्त होना लगभग तय हो गया है.

बीसीसीआई के भावी अध्यक्ष गांगुली ने बीते सोमवार को कहा कि उनके लिए यह कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है क्योंकि वह ऐसे समय में बोर्ड की कमान संभालने जा रहे हैं जब उसकी छवि काफी खराब हुई है.

उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर यह बहुत अच्छा अहसास है क्योंकि मैंने देश के लिये खेला है और कप्तान रहा हूं.’

गांगुली ने कहा, ‘मैं ऐसे समय में कमान संभालने जा रहा हूं जब पिछले तीन साल से बोर्ड की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. इसकी छवि बहुत खराब हुई है. मेरे लिए यह कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है.’ उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल होगी.

गांगुली का इरादा भारतीय क्रिकेट के सभी पक्षों से मिलने का और वे सारे काम करने का है जो पिछले 33 महीने में प्रशासकों की समिति नहीं कर सकी.

उन्होंने कहा, ‘पहले मैं सभी से बात करूंगा और फिर फैसला लूंगा. मेरी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल करना होगा. मैं तीन साल से सीओए से भी यही कहता आया हूं लेकिन उन्होंने नहीं सुनी. सबसे पहले मैं प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की आर्थिक स्थिति दुरूस्त करूंगा.’ ‘कूलिंग आफ’ अवधि के कारण उन्हें जुलाई में पद छोड़ना होगा.

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 18000 से अधिक रन बना चुके पूर्व कप्तान ने कहा कि निर्विरोध चुना जाना ही बहुत बड़ी जिम्मेदारी है.

उन्होंने कहा, ‘यह विश्व क्रिकेट का सबसे बड़ा संगठन है और जिम्मेदारी तो है ही, चाहे आप निर्विरोध चुने गए हों या नहीं. भारत क्रिकेट की महाशक्ति है तो यह चुनौती भी बड़ी होगी.’

यह पूछने पर कि कार्यकाल सिर्फ नौ महीने का होने का क्या उन्हें अफसोस है, उन्होंने कहा, ‘हां, यही नियम है और हमें इसका पालन करना है.’

उन्होंने कहा, ‘जब मैं आया तो मुझे पता नहीं था कि मैं अध्यक्ष बनूंगा. पत्रकारों ने मुझसे पूछा तो मैने बृजेश का नाम लिया. मुझे बाद में पता चला कि हालात बदल गए हैं. मैंने कभी बीसीसीआई चुनाव नहीं लड़ा तो मुझे नहीं पता कि बोर्ड रूम राजनीति क्या होती है.’

गांगुली ने बीते शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. यह पूछने पर कि पश्चिम बंगाल में चुनाव में क्या वह भाजपा के लिए प्रचार करेंगे, उन्होंने ना में जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘ऐसा कुछ नहीं है. मुझसे किसी ने कुछ नहीं कहा.’

बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया का जिक्र आने पर भावुक हुए गांगुली ने कहा, ‘मैने कभी सोचा नहीं था कि इस पद पर मैं भी काबिज होऊंगा. वह मेरे लिए पितातुल्य थे. बीसीसीआई के कई बेहतरीन अध्यक्ष हुए हैं, श्रीनिवासन, अनुराग जिन्होंने अच्छा काम किया.’

यह कप्तानी से अलग होगा, यह पूछने पर गांगुली ने कहा, ‘भारतीय टीम का कप्तान होने से बढ़ कर कुछ नहीं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)