विश्व कप फाइनल में हुए विवाद के कारण आईसीसी ने सुपर ओवर नियम को बदला

विश्व कप क्रिकेट के फाइनल के सुपर ओवर में मैच टाई रहने पर न्यूजीलैंड के खिलाफ इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया था. हालांकि, दुनियाभर के मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों ने चौके छक्के गिनकर विश्व कप विजेता का निर्धारण करने वाले आईसीसी के ‘हास्यास्पद’ नियम की जमकर आलोचना की थी.

(फोटो साभार: आईसीसी)

विश्व कप क्रिकेट के फाइनल के सुपर ओवर में मैच टाई रहने पर न्यूजीलैंड के खिलाफ इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया था. हालांकि, दुनियाभर के मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों ने चौके छक्के गिनकर विश्व कप विजेता का निर्धारण करने वाले आईसीसी के ‘हास्यास्पद’ नियम की जमकर आलोचना की थी.

(फोटो साभार: आईसीसी)
(फोटो साभार: आईसीसी)

दुबई: विश्व कप क्रिकेट में जुलाई में फाइनल में सुपर ओवर में मैच टाई रहने पर न्यूजीलैंड के खिलाफ इंग्लैंड को विजेता घोषित किये जाने के विवाद के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने सोमवार को सभी बड़े टूर्नामेंटों के लिए सुपर ओवर के नियमों में बदलाव किया है.

न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच खेले गये फाइनल में दोनों टीमों ने एक समान 241 रन बनाये जिसके बाद सुपर ओवर किया गया. सुपर ओवर में भी दोनों टीमों ने 15-15 रन बनाये और मैच टाई रहा. इसके बाद ज्यादा बाउंड्री लगाने के कारण इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया.

इस विवादित नियम के कारण आईसीसी को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.

आईसीसी ने अब नियमों में बदलाव किया है जिसके मुताबिक अगर सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले में सुपर ओवर में भी दोनों टीमें बराबर रन बनाती है तो फिर से सुपर ओवर होगा. सुपर ओवर तब तक होगा जब तक कोई एक टीम विजेता नहीं बन जाती.

आईसीसी की बोर्ड की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया, ‘आईसीसी क्रिकेट समिति, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईसी) की समिति की सिफारिश के बाद यह सहमति बनीं की सुपर ओवर का उपयोग आईसीसी के मैचों में जारी रहेगा और इसे तब तक किया जाएगा जब तक टूर्नामेंट का परिणाम स्पष्ट तरीके से नहीं निकल जाए. इस मामले में क्रिकेट समिति और सीईसी दोनों सहमत थे कि खेल को रोमांचक और आकर्षक बनाने के लिए एकदिवसीय और टी20 विश्व कप के सभी मैचों में इसका इस्तेमाल किया जाएगा.’

बयान के मुताबिक, ‘ग्रुप स्तर पर अगर सुपर ओवर के बाद भी मैच टाई रहता है तो उसे टाई माना जाएगा लेकिन सेमीफाइनल और फाइनल में सुपर ओवर तब तक कराया जाएगा जब तक एक टीम ज्यादा रन नहीं बना लेती.’

दरअसल, आईसीसी के एक नियम के अनुसार, अगर किसी टाई मैच का नतीजा अगर सुपरओवर में भी नहीं निकल सके और सुपरओवर में भी मैच टाई हो जाए तो ऐसी सूरत में मैच का नतीजा पूरी पारी और सुपरओवर में लगाए गए चौके- छक्के की संख्‍या के आधार पर तय किए जाने की व्यवस्था की गई थी.

बता दें कि, क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के बीच टक्कर हुई. 50-50 ओवरों के इस मैच का कोई नतीजा नहीं निकल सका क्योंकि दोनों टीमों ने बराबर बनाए.

इसके बाद विजेता का फैसला करने के लिए आईसीसी ने सुपर ओवर का नियम इस वर्ल्ड कप में लागू किया. मैच सुपर ओवर की 6-6 गेंदों तक भी पहुंचा लेकिन वहां भी दोनों टीमों 15-15 रन बनाए और मुकाबला बराबरी पर छूटा.

इसके बाद आईआईसी ने नए नियम के आधार पर पूरी पारी और सुपरओवर में लगाए गए चौके- छक्के की संख्‍या के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया था. इंग्लैंड ने मैच में 22 चौके और दो छक्के लगाये जबकि न्यूज़ीलैंड ने 16 चौके लगाये थे.

इसके बाद भारत के गौतम गंभीर, युवराज सिंह और रोहित शर्मा सहित दुनियाभर के मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों ने चौके छक्के गिनकर विश्व कप विजेता का निर्धारण करने वाले आईसीसी के ‘हास्यास्पद’ नियम की जमकर आलोचना की थी.

वहीं, न्यूजीलैंड की मीडिया ने भी इसकी काफी आलोचना की थी. जबकि विश्व कप के रोमांचक फाइनल में इंग्लैंड से हारने के बाद मायूस न्यूज़ीलैंड के हरफनमौला जिम्मी नीशम ने ट्वीट कर बच्चों को सलाह दे दी थी कि खिलाड़ी मत बनना.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)