हरियाणा में अपने पहले ही चुनाव में 10 सीटों और पंद्रह फीसदी वोट शेयर के साथ दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी ने मज़बूत उपस्थिति दर्ज की है. प्रदेश की 90 सीटों में से भाजपा 40 सीटें, जबकि कांग्रेस ने 31 सीटें जीती हैं.
नई दिल्ली: जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) नेता दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को कहा कि उनके लिए न तो भाजपा और न ही कांग्रेस अछूत है और वह उनके संगठन के साझा न्यूनतम कार्यक्रम से सहमत होने वाली किसी भी पार्टी का समर्थन करेंगे. उनका कहना है कि हमारे पास दोनों विकल्प खुले हैं.
हरियाणा में अपने पहले पहले ही चुनाव में दस सीटों और पंद्रह फीसदी वोट शेयर के साथ जेजेपी ने मजबूत उपस्थिति दर्ज की है. चौटाला ने 10 विधायकों वाले जेजेपी विधायक दल की एक बैठक के बाद इस बारे में अपने पत्ते नहीं खोले कि उनकी पार्टी भाजपा का समर्थन करेगी या कांग्रेस का.
तिहाड़ जेल में अपने पिता से मुलाकात करने के बाद दुष्यंत चौटाला ने भाजपा या कांग्रेस को समर्थन देने के सवाल पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके दरवाजे सबके लिए खुले हैं और उनके लिए कांग्रेस और भाजपा में से कोई अछूत नहीं है.
चौटाला ने कहा कि उन्होंने अभी तक इस मामले में न तो भाजपा और न ही कांग्रेस से कोई बात की है.
उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए कोई भी अछूत नहीं है. जो कोई भी पार्टी हमारे न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल एजेंडे को लागू करने के लिए तैयार होगी, हम उसका समर्थन करेंगे.’
चौटाला को जेजेपी विधायक दल के नेता चुने गए हैं.
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार दुष्यंत ने भाजपा के साथ या कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के मुद्दे पर कहा, ‘प्रदेश के अंदर कैसे आगे बढ़ा जाए, किस विषय को लेकर आगामी कदम उठाया जाए, इस पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ चर्चा हुई. जननायक जनता पार्टी के एजेंडे को जो दल सपोर्ट करेगा हम उसके साथ जाएंगे. प्रदेश के अंदर 75 फीसदी हरियाणवी रोजगार अधिकार, वृद्धावस्था पेंशन इन विषयों पर जो भी दल सहमत होगा, पार्टी उसके साथ मिलकर सरकार बनाने का प्रयास करेगी.’
दुष्यंत ने कहा, ‘मतदान करने वाली आबादी का 56 फीसदी युवा था. अधिकतम युवाओं की ताकत हमको मिली है. 75 फीसदी युवाओं को रोजगार के दायरे में लाना हमारी प्राथमिकता है. हमने अभी तक सरकार बनाने पर किसी से बात नहीं की है. अब हम सबसे बात करेंगे, कुछ घंटे या कुछ दिन में पता चल जाएगा.’
भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने के सवाल पर चौटाला ने कहा, मैंने कांग्रेस के साथ भी मिलकर चुनाव नहीं लड़ा. हमारे लिए कोई अछूत नहीं है. हमारे देवेंद्र बबली जी 52 हजार वोटों से, रामचरण काला ने 38 हजार वोटों से जीत दर्ज की है. हमारी पार्टी ने कांग्रेस के दिग्गजों को हराया है तो भाजपा के दिग्गजों को भी मात दी है.’
उन्होंने कहा, ‘हम त्याग करके भी वृद्धावस्था पेंशन में बढ़ोतरी करा पाए, रोजगार दिला पाए तो हमारे किसी साथी को इससे इनकार नहीं है. सत्ता की चाभी आज भी हमारे पास है. अगर प्रदेश में स्थिर सरकार चाहिए तो हमारे बिना यह संभव नहीं है. अगर जोड़-तोड़ से सरकार बन सकती है तो शुभकामनाएं.’
बता दें कि सत्ताधारी भाजपा के लिए राज्य में चुनाव नतीजे निराशाजनक रहे क्योंकि लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी को राज्य की सभी 10 सीटों पर जीत मिली थी और उसे इस बार 75 से अधिक सीटों पर जीत की उम्मीद थी. हालांकि चुनाव लड़ने वाले पार्टी के 10 मंत्रियों में आठ को हार का सामना करना पड़ा.
भाजपा ने 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में विधायकों का बहुमत होने का दावा किया है और कई निर्दलीय विधायकों ने पार्टी को समर्थन दिया है. भाजपा 40 सीटें जबकि कांग्रेस ने 31 सीटें जीती हैं.
कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए जेजेपी और सात निर्दलीय विधायकों दोनों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)