‘अयोध्या में मंदिर-मस्जिद से बड़ी बात आपस में अमन-चैन है’

हाशिम अंसारी राम जन्मभूमि विवाद से जुड़े सबसे पुराने पक्षकार थे. पिछले साल जुलाई में उनका देहांत हो गया. अपनी मौत के तीन महीने पहले इस पत्रकार से उन्होंने कहा था, ‘अयोध्या में रहने वाले लोग इस मसले से ऊब चुके हैं और इसका समाधान चाहते हैं लेकिन कुछ बड़े लोगों का इसमें राजनीतिक स्वार्थ है जो नहीं चाहते हैं कि मामला हल हो.’

‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का सपना देखने वाली भाजपा कांग्रेस युक्त होती जा रही है

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ करने की इतनी जल्दी में है कि वे छह माह पहले कांग्रेस से भाजपा में आए नेता को मुख्यमंत्री बना दे रहे हैं.ऐसे दूसरे बहुत से नेता मंत्रिपद हासिल कर ले रहे हैं. आखिर इस तरह के नेताओं के सहारे मिली जीत भाजपा के लिए कितनी फायदेमंद होगी?

योगी के सीएम बनने पर यूपी का आम मुसलमान क्या सोच रहा है?

रायबरेली के रहने वाले मनफीक ख़ान कहते हैं, ‘कोउ नृप होय हमें का हानि. मुख्यमंत्री कोई भी बने कमाकर ही खाना है तो मुख्यमंत्री कोई राजा बने, योगी बने, शर्मा बने या ख़ान बने कुछ भी फ़र्क नहीं पड़ता है. भाजपा जीती है, उसका मन जिसे करे उसे मुख्यमंत्री बनाए.’

‘राम मंदिर से पहले अयोध्या का विकास करना हमारा लक्ष्य’

साक्षात्कार: उत्तर प्रदेश में भाजपा को भारी बहुमत मिला है. केंद्र और राज्य में अब भाजपा की सरकार है. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भाजपा का बुनियादी मुद्दा रहा है. अयोध्या से पांच बार विधायक रहे और अभी फैजाबाद के सांसद लल्लू सिंह से राम मंदिर समेत तमाम दूसरे मुद्दों पर बातचीत.

आपका किसान कंकाल और कटोरा लिए दिल्ली आ गया है

सूखे के चलते तमिलनाडु में पिछले चार महीने में 400 किसानों ने आत्महत्या कर ली है. राज्य के किसान कर्ज माफी और सूखा राहत पैकेज की मांग को लेकर पिछले तीन दिन से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

कांग्रेस के लिए ‘राहु’ साबि​त हो रहे हैं राहुल गांधी!

राहुल गांधी के उपाध्यक्ष बनने के बाद से कांग्रेस को 24 चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है. पार्टी की हालत यह हो गई है कि इसके साथ गठबंधन करने वाले दलों की भी लुटिया डूब जा रही है.

उत्तर प्रदेश में भाजपा किसे मुख्यमंत्री बनाएगी?

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा में राजनाथ सिंह, उमा भारती, मनोज सिन्हा, केशव मौर्या, योगी आदित्यनाथ समेत तमाम नामों पर चर्चा चल रही है.

10 कारण जिनकी वजह से उत्तर प्रदेश में बसपा को करारी हार मिली

कुछ विश्लेषकों का मानना था कि बसपा इस चुनाव में डार्क हॉर्स साबित होगी. पार्टी का आधार वोट बैंक दलित और मुस्लिम मतदाता मिलकर उसे भारी जीत दिलाएंगे.

क्या आप भी इस सवाल से परेशान हैं कि यूपी में कौन जीत रहा है?

यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर कोई जानना चाह रहा है. अब तक यह सवाल आपसे इतनी बार पूछा जा चुका होगा कि आपको जवाब रट गया होगा. फिलहाल अगले कुछ घंटे आप इन समीकरणों पर भी विचार कीजिए.

मणिपुर: जहां आठ लाशें विधानसभा चुनाव में मुद्दा हैं

मणिपुर के चूराचांदपुर के जिला अस्पताल के मुर्दाघर में पिछले करीब 550 दिनों से आठ लाशें दफनाए जाने का इंतजार कर रही हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में यह प्रमुख मुद्दा है.

क्या विधानसभा पहुंचकर कम होंगी आदिवासियों की मुश्किलें?

सोनभद्र ज़िले की दो सीटें ऐसी हैं जहां आदिवासियों की अच्छी संख्या है. प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर इस इलाक़े की सुंदरता को दुहने पर तो सबकी नज़र है, लेकिन विकास पर किसी का ध्यान नहीं है.

उत्तर प्रदेश में ऊदल की विरासत बचाने में नाकाम रहे वामदल

ग्राउंड रिपोर्ट: ऊदल कम्युनिस्ट पार्टी के लोकप्रिय नेता थे. उन्होंने बनारस की कोलअसला विधानसभा सीट से नौ बार चुनाव जीतकर कीर्तिमान बनाया था लेकिन यह सब गुज़रे ज़माने की बात है.

देखौ गुरु! ई बनारस है, मोदी हों या अखिलेश, इहां सबको मत्था टेकना पड़ता है…

ग्राउंड रिपोर्ट: होली के पहले बनारस में चुनाव का रंग चढ़ा हुआ है और यहां का माहौल देखकर लगता है कि इस बार की होली कुछ ज़्यादा ही लाजवाब होने वाली है.