राजनीति में भाषा की शालीनता गुज़रे दिनों की बात हो चुकी है

गुजरात के लोग अशिष्ट, भद्दे और असभ्य बयानों के आदी हो चुके हैं. हमारे लिए यह सब सामान्य हो चुका है. यहां ‘100 करोड़ नी गर्लफ्रेंड’ एक चुटकुला बन जाता है और प्रधानमंत्री मोदी की स्त्रीविरोधी टिप्पणियां उनके ‘सेंस ऑफ ह्यूमर’ के सबूत के तौर पर तालियां बटोरती हैं.

विधानसभा चुनाव से एक साल पहले गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को क्यों छोड़ना पड़ा पद

भाजपा के ‘मॉडल’ राज्य गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में विजय रूपाणी के इस्तीफ़ा देने के पांच संभावित कारण.

गंगा में बह रहे शवों के लिए ‘नंगे राजा’ पर उंगली उठाने वाली गुजराती कवयित्री से ख़फ़ा भाजपा

गंगा में बहे शवों को देखकर व्यथित हुई गुजराती कवियत्री पारुल खक्कर ने अपने दुख को चौदह पंक्तियों की की कविता की शक्ल दी, जिसे लेखकों के साथ-साथ आमजनों ने भी पसंद किया. हालांकि इसके बाद मूल रूप से गैऱ राजनीतिक पारुल सत्तारूढ़ भाजपा की ट्रोल आर्मी के निशाने गईं.