नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड पर 26 अक्टूबर, 2018 को आयकर छापे पड़े थे. इसके छह महीने बाद इसने 30 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड की पहली किश्त खरीदी.
कामना क्रेडिट्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, इनोसेंट मर्चेंडाइज़ प्राइवेट लिमिटेड और रेणुका इन्वेस्टमेंट फाइनेंस लिमिटेड को वित्त मंत्रालय ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत नियमों का उल्लंघन करने के लिए 'उच्च जोखिम वाली ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं' की वार्षिक सूची में शामिल किया गया था. इन तीनों कंपनियों ने करोड़ों रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं.
सेवानिवृत्त आईएएस ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू बैचमेट रहे हैं. जहां कुमार ने गृह मंत्रालय की कई परियोजनाओं और राम मंदिर ट्रस्ट में भी अहम भूमिका निभाई है, वहीं सुखबीर सिंह संधू भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष थे.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि संसद में अडानी समूह के बारे में सवाल पूछने के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को रिश्वत के रूप में ‘नकद’ और ‘उपहार’ दिए गए थे. इस संबंध में वह संसद की एथिक्स कमेटी के समक्ष उपस्थित हुई थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनसे अपमानजनक और पूर्वाग्रह से ग्रसित व्यवहार किया गया.
17 अक्टूबर को केंद्र सरकार द्वारा सभी मंत्रालयों को जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि वे देश के सभी ज़िलों से ऐसे सरकारी अधिकारियों के नाम दें, जिन्हें मोदी सरकार की 'पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों को दिखाने/जश्न मनाने' के एक अभियान के लिए 'जिला रथ प्रभारी (विशेष अधिकारी)' के तौर पर तैनात किया जाए.
वीडियो: 26 जून को भारतीय सेना के स्पीयर कॉर्प्स के ट्विटर हैंडल से जारी एक वीडियो में कहा गया कि मणिपुर में महिला प्रदर्शनकारी ‘सशस्त्र दंगाइयों’ को सहयोग और समर्थन दे रही है और राज्य में सुरक्षा बलों के अभियानों में दख़ल दे रही हैं. उन्होंने सहयोग की अपील भी की थी.
वीडियो: मणिपुर में मेईतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने के विरोध में बीते 3 मई को निकली रैलियों के बाद हिंसा भड़क उठी, जिसमें क़रीब 54 लोगों की मौत हो गई. कई घरों में आग लगा दी गई और सैकड़ों लोग अपना घर छोड़कर भागने को मजबूर हो गए. इस घटनाक्रम के बारे में बता रही हैं द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती.
मणिपुर में हुई हालिया हिंसा के बीच जो बात स्पष्ट नज़र आती है, वो यह है कि समुदायों के बीच संघर्षों के इतिहास से भरे इस राज्य को संभालने में अगर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने ज़रा भी सावधानी बरती होती तो ताज़ा संघर्ष के कई कारणों से बचा जा सकता था.
फरवरी 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन दिन के असम दौरे पर थे, जिस दौरान वे काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान भी गए थे. अब एक आरटीआई के जवाब में सामने आया है कि उनकी मेजबानी इंतज़ामों के लिए सरकार ने 1.1 करोड़ रुपये बाघ संरक्षण निधि और 51 लाख रुपये उद्यान के एक अन्य वन्यजीव कोष से लिए थे.
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग गोले को 2016 में भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया गया था. 2018 में वे जेल से बाहर आए. इसके बाद उन्हें छह साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए था, पर केंद्र ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के एक महत्वपूर्ण खंड को निरस्त कर दिया, जिससे भाजपा के सहयोगी तमांग मुख्यमंत्री बन सके.
अरुणाचल प्रदेश के युवा वकील व मानवाधिकार कार्यकर्ता इबो मिली और असम के प्रसिद्ध ग्रैफिटी कलाकार निलिम महंत को रविवार को अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इबो ने जहां सरकार की बांध निर्माण नीति के विरोध में एक कलाकृति बनाई थी, तो वहीं महंत ने जलवायु परिवर्तन संबंधी एक वैश्विक अभियान के तहत प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग पर निशाना साधा था.
भाजपा की उम्मीदवार नेमचा किपगेन ने एक बार फिर कांगपोकपी निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की. इसके अलावा चार अन्य महिलाओं ने जीत दर्ज की, जिनमें चंदेल से एसएस ओलीश (भाजपा), सैकुल से किमनेओ हाओकिप हांगसिंह (कुकी पीपुल्स अलायंस), ओइनम से इरेंगबाम नलिनी देवी (नेशनल पीपुल्स पार्टी) और नौरिया पखांगलाक्पा से सगोलशेम केबी देवी (भाजपा) शामिल हैं.
वीडियो: बीते चार दिसंबर को नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में 14 आम लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद विभिन्न छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों ने सेना को विशेष अधिकार देने वाले आफ़स्पा हटाने की मांग की है.
मुख्यमंत्री पेमा खांडू की आपत्तिजनक मॉर्फ्ड तस्वीरें शेयर करने के आरोप में बीते 20 जुलाई को अरुणाचल प्रदेश जस्टिस फोरम के अध्यक्ष नबाम तगम समेत तीन लोगों को दिल्ली से गिरफ़्तार किया गया था. हालांकि मुख्य आरोपी के ख़िलाफ़ हल्की ज़मानती धाराएं लगाई गईं, जबकि नबाम तगम तथा उनके एक अन्य साथी के ख़िलाफ़ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है.
बीते दिनों जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान दिए गए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के इस बयान को लेकर चकमा डेवलपमेंट फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर रोष जताया है. यह दोनों समुदाय पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा का समर्थन करते आए हैं.